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विषयहुक्रमणिका ६ ७ 5 9 दृष्ट संघ विषय पृष्ठ संख्थः वर्गों की पारावतादि संज्ञा ५२ ; आरोहक्रमते ध्रुवकवला अन्तरादि का ६प्रकारको विशोतरोणदशा ४६३ ; सध महृदृशन्म ४३ ; प्रयतर का ध्रुवक साधन । महदशाबोधक चक्र ४३ - सूक्ष्मदृशां प्राणदश के झुबक सवन महादशभुक्तभोग्यनयन ४४ की अंतर ९१ सुहृदश क्क भोग्यानयन ४४ ते प्रत्यन्तर के ८१ क १२-६ ° शुभोग्यानयन के उदाहरण ४६ ? योगिनीदशानयन महादशा लिखने का क्रमबधक चक्र के ४६ ! ओोगिनीदशाबोधकचरू स्पष्टचन्द्रमाही पर से देशका भुक्तं - योगिन्यन्तरदशज्ञान की रीति ६ १ ४६ - योगिन्यन्तरदशबोधकच> ६ १ स्पष्टचन्द्रमाई पहलो प्रकारान्तर से इरालानयन ६ २ क्रूभोग्यानियल जैमिनीयाद्युदयसाधन ६ ३ अंशदिनक्षत्र शेष पर से दक्षा क ' आयुद्यज्ञन प्रकार ६ ३ भोग्यानयन ४७ । आयुर्षीय बोधक चक्र अन्तरदशसाधन का सुलभ प्रकार ४७ | आयुदय स्पष्ट करने की विधि ६३ अन्तर के ९ चक्र ४८ । सारणी ६ ९ अन्तरादि साधन का दूसरा प्रकार ४९ | कक्ष्याह्रासवृद्धि ६६ अवरोइक्रमते ध्रुवकवश अन्तरादि का अन्यप्रकारचे आयुर्वायविचार ६६ ४९ { पन्थसमाप्ति का समय ६६ वायलयन - , इति ।