पृष्ठम्:ताजिकनीलकण्ठी (महीधरकृतभाषाटीकासहिता).pdf/२९

एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

भाषाटीकासमेता । (२१ ): अब यही ५। २१ १ १७ । २९ के राशिको ३० से गुनाकर १५० अंश इसमें २१ जोड़दिये १७१।१७ २९ हुये इसमें ९ से भाग लेकर १९३१० ५६।३३।२० यह उच्चबल हुवा ऐसेही सभी ग्रहोंके उच्चबलकी रीतिहै ॥ मुशलह नवांशको कहते हैं. - एक राशि ३० अंश नौभाग ये हैं. 3 33 ६ ७ ३|२०|६|४०/१०/०|१३|२०|१६|४०/२०/०|२३|२०|२६|२०|३०/० ? २ ३ मेष सिंह धनके नवांश मेषसे गिनना. वृष कन्या मंकरके मकरसे. मिथुन तुला कुम्भके तुलासे, और कर्क वृश्विक मीनके कर्कसे यह नवांशक 'मुश- ल्लृह' की रीतिहै ॥ ३२ ॥ उपजा० - मेषेंगतर्काष्टिशरेषु भागा जीवास्फुजिज्ज्ञारशनैश्चराणाम् ।। वृपेष्टषणनागशरानलांशाः शुक्र जीवार्किकुजेशहद्दाः ॥ ३३ ॥ हृद्दा के स्वामी कहते हैं- मेषके ६ अंश पर्यन्त बृहस्पति की हद्दा ६ से १२ लौं शुक्रकी ३२ से वीस २० लौं बुधकी २० से २५ तक मंगल की २५ से ३० लौं शनैश्वर की, वृषके ८ अंशपर्यन्त शुक्रकी ८ से १४ लौं बुधकी १४ से २२ लौं बृहस्पति की २२ से २७ लौं शनिकी २७ से ३० तक मंगलकी ‘हद्दा' होतीहै ॥ ३३ ॥ J उपजा० - ग्मे षडंगे नगांगभागाः सौम्यार जिज्जीवकुजार्किहद्दाः ॥ ककेंद्रित कगिनगाब्धिभागाः कुजास्फुजिज्ज्ञेज्यशनैश्चराणाम् ॥ ३ ॥ S मिथुनके ६ अंश पर्यंत बुधकी ६ से १२ लौं शुक्रकी १२ से १७ लौं बृहस्पतिकी १७ से २४ लौं मंगलकी २४ से ३० लौं शनिकी; के ७ अंश पर्य्यन्त मंगलकी ७ से १३ लौं शुक्रकी १३ से १९ लौं धृ की ३९ से २६ लौं बृहस्पतिकी २६ से ३० लौंशनिकी 'हद्दा' होती है ॥ ३४ ॥ उपजा ० – सिंहेंगभूताद्विरसांगभागा देवेज्यशुक्राकिंबुधारहदाः ॥ स्त्रिया नगाशाब्धिनगाक्षिभागाः सौम्योशनोजीवकुजार्किनाथाः ॥ ३५॥