पृष्ठम्:ताजिकनीलकण्ठी (महीधरकृतभाषाटीकासहिता).pdf/३४

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(२६) ताजिकनीलकण्ठी | - आठवां अंशसे गुनकर ६ से भाग लिया लब्धि ५ एक भाग भया. विषम राशि हो तो मेषसे गिनना, सम राशि हो तो तुलासे गिनना. जैसे विषम राशि में ५ अंश पर्यंत मेषके स्वामी मंगलका ५ से १० लों वृषेश शुक्रका इत्यादि समराशिमें ५. अंश लों तुलेशशुक्रका ५ से १० लों वृश्चिकके मंगल का इसी प्रकार राशियोंके पष्ठांशेश जानना. सातवां सप्तमांश ३० अंशमै ७से भागदेके४।१७ १ १८ | १४ यह अंशादि सप्तमांश हुवा. विषम राशि हो तो अपनी राशि से गिनना समराशि हो तो उससे सातवीं राशिसे गिनना, जैसे विषम राशिमें ४ | १७ | १८ ३४ अंशादि पर्यंत उसीराशिके स्वामीका ८ | ३४ | १७ । ८ अंशादि तो उससे दूसरी राशि के स्वामीका और सम राशि हो तो ४ । १७ । १४ । ३४ अंशादि पर्यंत उस राशिसे सप्तमराशि के स्वामीका इससे ८ । ३४ । १७ । ८ पर्यंत इससे दूसरा अर्थात् स्पष्ट राशिस अष्टम राशिके स्वामी का सम्मांश होता है. ऐसेही सभीको जानना अष्टमांश ३० अंशमें ८ से भागलेकर ३ अंश ४५ कला होतीहैं चर राशिमें मेषसे गिनना. स्थिरमें धनसे और द्विस्वभाव में सिंहसे. जैसे- चर राशि १ । ४ । ७ ११० में ३।४५ अंशपर्यंत मेषका ७ । ३० लों वृषका. और स्थिरमें ३ | ४५लों धनका ७ | ३० लों मकरका और द्विस्वभावमें ३ | ४५ लौं सिंहका ७ । ३० लौं कन्याका इत्यादि सभी अष्टमांश जानना. नवें नवमांश. ३० अंशमें ९ से भागलेकर ३ अंश २० कला हुई, मेष, सिंह, धनका मेषसे, वृष, कन्या, मकरका मकरसे, मिथुन, तुला, कुंभका तुलासे, कर्क, वृश्विक मीनका कर्कसे, अर्थात त्रिकोण राशि विभागमें प्रथम चर -- संज्ञकसे गिनना. जैसे--मेष सिंह धनके ३ | २० लौं. मेषका ६।४० लौं वृषका और वृष कन्या मकरके ३ | २०ौं मकरका, ६ । ४० लौं कुंभका नवमांश होता है. ऐसेही सब राशियोंके नवमांश जानना दशवां दशमांश ३० में १० का भागदेनेसे ३ अंश दशमांश हुआ. मेप और .तुलाका मेषसे, वृष वृश्चिकका कुंभसे, मिथुन धनका तुलासे, कर्क मकरका . सिंहसे, सिंह कुंभका कुंभसे. कन्या मीनका मिथुनसे गिनना. जैसे- वेष और ✓ -