पृष्ठम्:ताजिकनीलकण्ठी (महीधरकृतभाषाटीकासहिता).pdf/४५

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आपाटीका समेता | अथ ग्रहाणां वर्णादिच । ग्रह सूर्य चंद्रमा मंगल बुध वृहस्प शुक्र शनि राहु ति केतु वर्ण क्षत्रिय वैश्य क्षत्रिय शूद्र' ब्राह्मण ब्राह्मण निषाद शूद्र निषाद निषाद पुरुष स्त्री स्त्री पुरुष पुरुष पुंस्त्री पुरुष स्त्री पुरुष स्त्री वर्तुल चतु आकार चतुरस्र स्थूल को. वृत्त वृत्त दीर्घ दीर्घ दीर्घ | पुच्छ समय मध्या अपरा मध्याह्न प्रभात प्रभात अपरा| अपरा अपराह्न अपराह्न दिशा पूर्व वायव्य दक्षिण उत्तर ईशान आनेय पश्चिम नैर्ऋत्य नैर्ऋत्य धातु सुवर्ण रौप्य सुवर्ण कांस्यादि रसुव रौप्य होई पाद बहुपाद द्विपाद द्विपाद द्विपाद सौम्या दि पित्तादि धातु गुण सत्त्व सत्त्व तम रज सत्त्व रज चरादि स्थिर चर | द्विस्त्र भा. रस तिक्त क्षार कटुक सर्वरस मधुर अम्ल भूमि पशुप्रा वाणि. य सुराल. पित्त श्लेष्म पित्त समधा. समधा. चतु ष्पाद उग्र सौम्य उग्र शुभ शुभ शुभ अव चतु घ्पाद स्था 'धात्वा दि वृद्ध युवा युवा युवा वृद्ध युवा गौर वर्ण पाटला श्वेत चर स्थिर | चर स्थान वन जल रक्त नील पीत मूल | जीव धातु जीवं जीव भुजंग अपादा (३७) पाप पाप अपाद अपाद कषाय क्वाथ जलभू दग्ध इमशा. जलभू उत्कर ऊपर ऊपर कफ वायु शुक्र अस्थप अ० वृद्ध वृद्ध श्वेत नील नील वायु तम तमं तम पक्षी स्थिर पाप न्चर पक्षी मूल | मूलं धातु वन ग्राम ग्राम ग्राम | संधि | विवर कषाय कराय वायु वृद्ध धूम्र धातु विवर