पृष्ठम्:ताजिकनीलकण्ठी (महीधरकृतभाषाटीकासहिता).pdf/९०

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(८२) ताजिकनीलकण्ठी । है २१ दिनको बृहस्पतिमें शनि रात्रिको शनिमें बृहस्पति घटायके शेपमें बुध जोड़ना शास्त्रसहम होता है २२ शोध्यक्षैत्यादि संस्कार सर्वत्रही है ॥ १३ ॥ ● जा० - दिवानिशंज्ञाच्छशिनंविशोध्यबंध्वाख्यमेतन्निशिबंदकं वामंदिवैतन्मृतिरष्टमक्षदिंदु विशोध्योक्तवदार्किंयोगात् ॥ १४ ॥ स्यात् दिनको बुधमें चन्द्रमा घटायके लग्न जोड़ना रात्रिकोभी यही करना बन्धुसहम होताहै २३ दिनको चन्द्रमामें बुध और रात्रिको बुधमें चन्द्रमा घटायके लग्न जोड़ना बंदकसहम होता है २४ दिन तथा रात्रिमें मृत्युभावमें चंद्रमा घटायके शनि जोड़ना मृत्युसहन २५ होता है ॥ १४ ॥ उपजा० - अहर्निशंवित्तपमर्थभावाद्विशोध्य पूर्वोक्तवदर्थसद्म ॥ देशांतराख्यंनवमाद्विशोध्यधर्मेश्वरंसंततमुक्तवत्स्यात् ॥ १५ ॥ 3 दिवा और रात्रिमेंभी धनभावमें धनभावेश घटायके लग्न जोड़ना धन- संहम २६ होता है तथा दिवा रात्रि धनभावों धर्मभावेश घटायके लग्न जोड़- ना परदेशसहम २७ होताहै ॥ १५ ॥ उपजा० - सितादपास्यार्कमथान्यदाराह्वयंसदाप्राग्वदशान्यकर्म || चन्द्राच्छनिवाममयोनिशायांशश्वद्वणिज्यंदिनबंदकोत्त्या ॥ १६ ॥ दिनरात्रि शुक्रमें सूर्य्य घटायके लग्न जोड़ना परस्त्री सहम २८ होता है, दिनको चन्द्रमामें शनि रात्रिको शनिमें चन्द्रमा पटायके लग्न जोड़ना पर- कर्म २९ सहन होता है, दिनरात्रि चन्द्रमायें बुध घटायके लग्न जोड़ना वा- णिज्य सहम ३० होता है ॥ १६ ॥ उपजा० - शनेर्दिव कैनिशिचंद्रमार्केविंशोध्य सूय्यँदभनाथयोगात् ॥ स्यात्कार्यसिद्धिः सततं विशोध्य मंदसितात्स्यात्तुविवाहसम्म ॥ १७ ॥ दिनको शनिमें सूर्ग्य घटायके सूर्यराशिनाथ जोड़ना, रात्रिको शनिमें चंद्रमा घटायके चंद्रराशिस्वामी जोड़ना कार्य्यसिद्धि ३१ सहम होता है, दिन- रात्रि शुक्रमं शनि चटायके लग्न जोड़ना विवाह सहम ३२ होता है ॥ १७ ॥