पृष्ठम्:धम्मपद (पाली-संस्कृतम्-हिन्दी).djvu/२०९

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( ३९८ ) पिशामके सम्पर्कसे उपस पिहान भयस्थाएं ६), शिात (=चेतना, परिमाण और तौल न रपनैयाला शर )। यैर--(=यघिर ) यूय भिक्षु । पेरी--(=स्थषिरा ) शुद्ध भिक्षुणी । १६ १४ पातिभोग (प्रातिमोक्ष )-विनय पिटफ़रों भिg•f¢नियंत्रेि पाराजिफ, मघादिसेम आदि नियम । सिके लिये उनकी संख्या इस प्रकार है पाली निम (गप्रिय ) है. पाजिक २. अंपापलं २. अनि , ५, पिक ५ पायगढ़ ६. प्रशनीय , नेहा ११४ 4. शिवाय ९ ७ e