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भाषाटीकास०-अ० ५२. ( २८१ ) उदरे च दृढः श्रीमान्बहुवक्ता धनान्वितः॥ काव्योक्तसुरताभिन्न धार्मिकः श्रवणर्क्षजः ॥ २२ ॥ श्रवणमें जन्मनेवाला पुरुष दृढ उदरवाला, श्रीमान्, बहुत कहने वाला, धनाढ्य, काव्योंके अलंकारोंको जाननेवाला धार्मिक होता है ।। २२ ।। धार्मिको व्यसनी लुब्धो नृत्यगीतांगनाप्रियः ॥ सामैकसाध्यस्तेजस्वी वीर्यवान्वसुधिष्ण्यजः॥ २३ ।। धनिष्ठा नक्षत्रमें जन्मनेवाला नर धार्मिक, व्यसनी, लोभी, नाचना, गाना स्त्री इन्होंमें प्यार रखनेवाला, समझानेसे कार्य सिद्धकरनेवाला, तेजस्वी तथा बलवान् होता है ॥ २३ ॥ दुर्गंधो व्यसनी क्रूरः क्षयवृद्धियुतः शठः ।। परदाररतः शूरः शततारर्क्षसंभवः ॥ २३ ॥ शतभिषानक्षत्रमें जन्म हो तो दुर्गंधवाला,व्यसनी, क्रूर, क्षयवृद्धि रोगवाळा, मूर्ख, परस्त्रीमें रत, शूरवीर नर होता है।२४॥ । उद्विग्नः स्त्रीजितः सौम्यः परनिंदापरायणः ॥ दांभिको दुःसहः शूरश्चाजयाद्धिष्ण्यसंभवः ॥ २९ ॥ पूर्वाभाद्रमें जन्म हो तो उद्विग्नमनवाला, स्त्रीजित, सौम्य, पराई निंदा करनेवाला, पाखंडी, दुस्सह, शूरवीर होता है ॥ २५ ॥ प्रजावान्धार्मिको वक्ता जितशत्रुः सुखी विभुः । दृढव्रतः सदा कामी वाहिर्बुध्न्यर्क्षसंभवः ॥ २६ ॥ उत्तराभाद्रपदमें जन्मे तो संतानवाला,धार्मिक,वक्ता, शत्रुओंको जीतनेवाला, सुखी, समर्थ, दृढनियमवाला,सदा कामी होता है२६॥