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क्रय्यपुस्तकें (ज्योतिष-ग्रंथ ) --- - नम - की. a = a ५ २ – सूर्यसिद्धान्त–संस्कृत गूढार्थदीपिका सहित और बलदे- बप्रसाद मिश्रक्रुत भाषाटीकासहित इसमें कालविभा गादि ग्रहगतिका कारणादि, पूर्व पश्चिमादिरेखानिर्णय स्पष्टचंद्र सूर्यादि ‘छायाज्ञान चंद्र लम्बन सूर्यग्रहण पार्लेख अह्रदर्शन नक्षत्रस्थान उदयास्त कालनिर्णय चन्द्रोदय पाताधिकार अध्यात्मविया गोलयंत्रादि कोलनिर्णयादि बहुत विषयहैं २ ) सिद्धान्तदैवज्ञविनोद-पंडित मणिरामविरचित संस्क्ते और आषाटीकासमेत इसमें मुहूर्तनिर्णय अमूर्त कायमीमांसा भूगोल खगेछवर्णन सृष्टादिअहर्गण मध्यमग्रहानयन विधिः ग्रहाणां मन्दोचतानयन भौमादीनां पातानयन ग्रहाणां क्रमेण स्फुटीकरण भौमादिकोंकेषात स्पष्ट करने- कीविधि चंद्रसूर्यग्रहणलनेकीविधि ग्रहयुद्धोदाहरण ह और नक्षत्रके योग बहउदयास्तविधि पंचांगबला नेकी विधि प्रतिवर्षे उपकरणसारिणी महके नक्षत्र और राशिचार करनेकी विधि व्यमुभुज आगाक्षर सारिणी रसजस्यजन्मपत्री पंचांग लेखनक्रम व्रतादि निर्णय आदि दरसायाहैज्योतिषीके लेनेयोग्य है । ... २)