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जाहिरात । ३ ४ ३ 6 p। १ = B २ की ३ 9 - ४ - ५ १ ३ ५ २ ८ २

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Q = परमसिद्धान्तज्योतिष-प्रेमचढभविरचित गणितभाग गोल ज्ञान मध्यमाधिकर जीवनयक दृष्टस्पष्ट बालप मानयन उदयास्त त्रिप्रक्षष्टगोन्नय ग्रहणाधिकर पातयेग यंत्राधिकार निवाधिकार देशज्ञानादिविषय हैं ... .२) ग्रहलाघव-सान्वयभाषाटीका-गणेशदैवज्ञकत मूळ और पंडितरामस्वरूपकत अन्वय आषाढीका और उदाहरण सहित यह ग्रंथ गणितक अपूर्वहे सर्वभारतवासी विशेष मानते हैं १U लीलावती-भास्कराचार्यकृतमूळ औरं रामस्वरूपकृत भाषा टीकासहित व्यक्तगणितमें अपूर्व है इससे सबप्रकारका गणित करसहैं छेज • १U ? तथा रफ ... ... ... ... ... १U कर्णकुतूहलम्-सटीकं उदाहरण सहितम्-बलपक्षीय गणितग्रंथ ।। सिद्धान्तशिरोमणिः( अर्थात् गोलाध्याय भाषाटीका सहित ) इस ग्रंथमें गोलाध्यायकी विवृति गोलप्रशंसा | गोलस्वरूप प्रश्न, भुवनकोश, मध्यगति वासना, स्फुट- गतिवासना, गोळबंधत्रिप्रभवासना, ग्रह्णवासन, उदयास्तदृक्कर्म, श्रृंगोनतिवासना, यंत्राध्याय, अतु वर्णन, प्रश्नविचार, ज्योत्पत्तिःऔर ज्योत्पत्ति विवरण इत्यादि इतने विषय भली प्रकारसे दिखलाये गयेहैं १J खेमराज श्रीकृष्णदास, “श्रीवेङ्कटेश्वर’ स्टीम प्रेस-चुंबई