एतत् पृष्ठम् परिष्कृतम् अस्ति
( ३ )
८ | १ | वीर्य्यातिरेकात् | बलस्योन्मादात् |
" | २ | सारङ्ग…….. | सारङ्गो हरिणः |
" | २ | समयधर्मः | नियमव्यवस्था |
" | ३ | प्राणयात्रा | प्राणरक्षा |
" | ४ | श्वापदः | पशुः |
६ | ५ | निर्वृतिभाजः | निश्चिन्ताः |
" | ६ | भव्यः | उत्तमः |
" | ७ | क्षुत्……..ण्ठः | क्षुधया शुष्यत्कण्ठः |
" | ७ | सृ……..लिहत् | ओष्ठप्रान्तौ दन्तैश्चर्यन् |
" | ८ | निपात्य | निहत्य |
१० | ९ | प्रस्तावम् | आगमनावसरम् |
" | ११ | विष्कम्भिताः | अवरुद्धाः |
११ | १ | मत्स्यजीविभिः | ये मत्स्यादीनेव विक्रीय स्वकीयामाजीविकां कुर्वन्ति, तैः, |
१२ | २ | कुलि……..भम् | विद्युत्पातोपमम् |
१३ | ५ | परिजनेन | परिवारेण |
" | १ | सारमेयाः | कुकुराः |
" | ३ | अपूर्वम् | विलक्षणम् |
" | ३ | सिंह……..तपः | द्वीपी, चित्रकः( चीता) वृकः कुकुराकारो हिंसकः पशुः ( भेडिया ) |