बीजगणिते- ढ्यश्च याघ १ या १२ अयं याव ६ रु ३५. सम इति शोधने कृते जातमाद्यपक्षे याघ १ याव ६ या १२ अन्य पक्षे रु ३५ अनयोः ऋणरूपाष्टकं प्रक्षिप्य घनमूले या १ रू २ या ० रू ३ पुनरनयोः समीकरणेन जातो राशिः ५ । अथान्यदुदाहरणमार्यवाह- राशिरिति । हे विद्वन् ! को राशि- द्वदिशगुणो राशिघनेन युक्तो यस्य समा षड्गुणिता पञ्चत्रिंशता राशिकृतिः स्यात् । उदाहरण- वह कौनसा राशि है जिसको बारहसे गुणकर राशिका घन जोड़ देते हैं तो पैंतीस से जुड़ा हुआ षड्गुणित राशि के वर्ग के समान होताहै । कल्पना किया कि या१ राशि है इसको बारहसे गुणकर राशि का घन जोड़ा तो याघ१ या १२ हुआ यह पैंतीससे जुड़े षड्गुणित राशि के वर्ग के समान है इसलिये समीकरण के अर्थ न्यास | याघ १ याव० या १२ रू० याघ० याव ६ या० रु३५ समशोधन करने से याघ १ याव ६ या १२ रु० याघ ० याव ०या० पक्षों में ८ घटाने से याघ १ याव ६ या १२ रू याघ ० :याव ०या०
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