पृष्ठम्:मेदिनीकोशः.djvu/१२३

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बरेन्द्र यादभिमादमी योन्यनियनने। चर्चामभषे दशकोटि मसियाम् १८ मशीधर विशेचे माइयाई परमयः। चामन्दी बारादे खाम बहादेच योनिमा कन्या करने को मिषदायणराया। धान विचसि च्यादामादो गम्भवः ॥२१॥ सद मी माटोमाशी पारामा परे। क्षणहो गणो राची पणदास जी २२॥ कपईः पळपरमो अंटाटे पाटके। कामियानिकार्या कर्यपाम्यामपि पिण्याम् ॥९ गया रपाधि भियान मासाभिनाविनः। कामदा कामधेनी सी कामदारियाचमना२४॥ समुचिषु खान कपी और तुमपकम समुदीरव रमपीसी कुक्षिापीर शामा वि दिशाये नारी भावायगासरे। कुशी जीयने या जीवचिषु कपीदिन १२६० बामुदायाम् कामिकिक चन्द्रिकायानुकीमुदी। गोष्पद मायदया गयाच गनिमाचरे ॥२०॥ गोविन्दा पानदेवे खा गयायचे प्रश्नना। गोगईमपि कैवी मुखक पनि भारसे १९८५