पृष्ठम्:मेदिनीकोशः.djvu/६८

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मेदिनी बुटिकामा १७ चोटि लीफलेमीनाप दिए देवे पुमान् काले दिि दृष्टि दर्शवि घटो दिव्यसुखायां खाद् घटी चीरे वाट नटीपीपा यामा ॥२॥ पुमा पचनीरोगेभषेयपत् पटोलेमाचा ॥२२॥ "( पह: पेषणपापाले बगादीनाच बन्ध चतुव्य तु राजादिशासनातर-पी४२२० पटिः सीपमेस्थाद्वा पुष्टि की फटातु फलदाय ३२ टीचिषु गुणे पुखिया न्योपकपः । अटःखात पुसिपी विशेष पामरा २४ न्याटिकामा मुष्टि २५ खाद् भुजदण्ड के न्याचा योगभेदः ॥२६॥ रिर्ट मे शुभाभावे पुमि फॅनिये।