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(प्रतताप) मूर्छित हो गया । (पुत्र-शोकार्दितम् ) पुत्र के शोक से व्याकुल । (विसंज्ञम् ) मूर्च्छित । (प्रवाजय ) भेजो। पृष्ठ २३ (कृत-कौतुक-मङ्गल) जिसने राज्य-तिलक के सम्बन्ध में मङ्गल किया है। पृष्ठ २४ (बाष्पपर्याकुलेक्षणः) अश्रुओं से पूर्ण नेत्र वाला । (अयासः)खेद पृष्ठ.२४ (समुदाहृतम् ) कहे हुए । (पावके) अग्नि में । (हितेन) भलाई करने वाले। (प्रतिजाने ) प्रतिज्ञा करता हूँ। (आर्जव- समायुक्तम् ) नम्रता से युक्त । (अर्थ-परः ) धन में लुग्ध । (वचन- क्रिया) आज्ञा-पालन (निष्पपात) चला गया। पृष्ठ:२६ (आलम्ब्य ) बैठ कर (निकृत्ता) कटी हुई । (दिवश्व्युता आकाश से गिरी हुई। (असुखार्ता ) दुःख से व्याकुल । पृष्ठ.२७ (अपाङ मुखः) मुख नीचे किये हुए । (विवृततां गतः.) अपने अभिप्राय का प्रकाशित कर दिया । ( तत्रभवान् ) पूजनीय । (विजनम् ) निर्जन । ( समनुवर्तिनी) अनुकूत चलने वाली । (प्रणयात् ) प्रेम से । (विस्तब्धम् ) सन्देह रहित ।