अवित्रम् ( अविनम् ( न० ) विनवाधा से रहित या वञ्चित । ( यह शब्द नपुंसक है, हालौँ कि “विघ्न" पुलिङ्ग है ) “साधयाम्यहमविप्नमस्तु ते " -- रघुवंश । अविष्णमस्तु ते स्येयाः पितेव धुरि पुत्रियां | - रघुवंश । अविचार (वि० ) विचार शून्यता कुविचार | अविचारः ( पु० ) निर्णय का अभाव । अविवेक । अविचारित ( वि० ) विना विचारा हुआ। जिसके विषय में विचारा न गया हो । निर्णयः (पु० ) | पक्षपात पक्षपातपूर्ण सम्मति । अधिचारिन् (वि० ) १ लापरवाह असावधान | अविवेकी । २ फुर्तीला | अविज्ञातृ ( वि० ) अनजानते हुए । अविज्ञातृता ( पु० ) परमेश्वर । प्रविडीनं ( वि० ) पक्षियों का सीधा उड़ान | भवितथ ( वि० ) १ झूठा नहीं। सच्चा | २ कार्य में परिणत किया हुआ । फलरहित नहीं । प्रवितथं ( न० ) सत्य । पारा पारद । [ अनुसार। अवितथं ( अय्यया० ) कुठाई से नहीं सचाई के अवित्यजः ( पु० ) ) अवित्यजम् (न० 15 अविदूर ( वि० ) दूर नहीं। समीप निकट पास । अविरं ( न० ) निकटता सामीप्य | ( अन्यया० ) (किसी स्थान से ) दूर नहीं। (किसी स्थान के ) निकट | अविद्य (वि० ) अशिक्षित अपद मूर्ख अविद्या ( स्त्री० ) १ अज्ञानता। मूर्खता शिक्षा का अभाव । २ आध्यात्मिक अज्ञान । ३ माया । —मय, ( वि० ) अज्ञान से उत्पन्न माया से उत्पन्न | अविधवा (बी० ) जो विधवा न हो। विवाहिता । जी जिसका पति जीवित हो । अधि(०) सम्बोधनात्मक होने पर " सहा- यता करो, सहायता करो" कहने के लिये प्रयुक्त किया जाता है। १०४ ) अविधेय (वि० ) जो अपने मान का या काबू का न हो। न करने योग्य प्रतिकूल अविवक्षित प्रविनय ( वि० ) धृष्ट ठ उद्दण्ड अविनयः (पु०) १ विगय का अभाव सृष्टता हिठाई। उद्दण्डता । २ अपराध | जुर्म । दोष | ३ अभि मान। थकड़। (०) अवियोग । अविछोह | २ ऐसा सम्बन्ध जो कभी छूट न सके । ३ सम्बन्ध । अविनीत (वि० ) १ दुर्दान्त सरकश २ उद्दण्ड गंधार । [] [[अभङ्ग । समूचा | अविभक्त ( वि० ) १ अविभाजित । सम्मिलित | २ प्रविभाग (वि०) जो बँटा हुआ न हो। अविभक्त । अविभागः ( पु० ) जो बट न सके । २ ऐसी पुश्तैनी सम्पत्ति जो बँट न सके। अविभाज्य (वि० ) जो बँट न सके । I अविभाज्यं ( न० ) वे चीजें जो बटवारे के समय बाँटी नहीं जाती। यथा यस्रं पात्रमलङ्कारं कृतासमुदकं स्त्रियः | योगवे अं प्रचारं च न विभाज्य मथक्षेत ॥ मनु अ० १ श्लो० २१६ अविरत (वि०) १ निरन्तर । विरामशून्य । २ अनिवृत्त । [ श्रजितेन्द्रियस्व । सतत । ( स्त्री० ) १ सातत्य । निरन्तरता । २ असंयतता । अविरल (वि० ) घना । सघन २ संसक्त। धन्यवहित ३ स्थूल खाबड़ | सारवान ४ निरन्तर । अन्यवच्छिन्न मौटा। ऊबड़- लगा हुआ । श्रविरति (वि० ) निरन्तर | अविरलं (अव्यया० ) १ ध्यान से । निरन्तरता से । अविरोधः ( पु० ) १ विरोध का अभाव अनुकूलता । २ सुसङ्गति । अविलम्ब (वि० ) तुरन्त । फौरन । [ फुर्ती । अविलम्बः (पु०) विलम्ब का अभाव | शीघ्रता | अविलम्बम् ( म० ) विना विलम्ब के तुरतफुरत | (अव्यया० ) शीघ्रता से। अविलम्बित (वि०) विना विलम्ब के शीघ्र | तुरन्त । अविलम्बितम् (अव्यया० ) शीघ्रता से | अविला ( स्त्री० ) भेड़ी। अविवक्षित ( वि० ) १ किया गया हो या बोलने या कड़े जाने को न हो। जिसके विषय में इरादा न अपना उद्दिष्ट न हो। २ जो
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१११
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति