आलिंजर आलिञ्जरः आलिंदः आलिन्दः आजिदकः थालिन्दकः आजिपनं आलिम्पनम् थालिजर ( पु० ) मट्टी का मटका या महा घड़ा। ( पु० ) १ चबूतरा | चौतरा । १४० ) } { पु० ) पुताई । लिपाईं। घुघ्बू । २ श्रावनूस । झालीदम् (म०) दहिना घुटना मोद कर बैठना बैठने का शासन विशेष । भालु ( म० ) धन्नौटी। वेयर | धातुः (पु० ) उल्लू काले आबनूस की लकड़ी। धातुः (स्त्री० ) बड़ा आलंचनम् ) (न०) नोंच कर उखाड़ना चीर फाड़ नम् कर टुकड़े टुकड़े कर डालना। आलुल (दि० ) १ हिलने डुलने वाला | २ निर्वल । प्यालेखनम् (न०) १ लेख । २ चित्रण | ३ खरोंचन । खसोटन | 1 झालेखनी (स्त्री० ) कूंची क़लम आलेख्यम् ( न० ) 1 हाथ से बनायी हुई तसवीर । तसवीर । चित्र १२ लेख -शेष ( वि० ) सिवाय चित्र के जिसका कुछ भी न बचा हो अर्थात् मृत मरा हुआ। श्रलेपः (पु.) आलेपनम् ( म० आलोकः ( 30 ) ) आलोकनम् (न० ) १ मालिश। उपटन। क्षेप 1 २ पलस्तर | १ चितवन अवलोकन | J २ दृश्य | दर्शन | ३ प्रकाश। ४ आव | कान्ति। २ बधाई | आलोचक (वि० ) देखने वाला आलोकम् (ज०) देखने की शक्ति या कारण । आँचने वाला । देखने का हेतु ( न० ) व्यावसति आवनेयः (पु० ) भूसुत । मङ्गलग्रह । आवंय | ( वि० ) अवन्ती | ( उज्जैन ) से आया आवन्त्य / हुआ या अवन्ती से सम्बन्ध युक्त। आर्थत्यः ) ( पु०) १ धवन्ती का राजा या निवासी । आवस्यः पतिताण की सन्तान । " दोष-निरूपण । विवेचना | १ हिलाना । गड्बड्डू थोडना ( } करना। हिलाना डुलामा । २ मिश्रण करना । मिजाना । आलोल ( वि० ) १ जरा जरा हिलता हुआ। काँपता हुआ घूमता हुआ। २ हिलता हुआ | आन्दोलित | 1 श्रावपनम ( म० ) १ बीज बोने बखेरने या फेंकने की क्रिया २ बीज बोना ६ मुंडन हजामत ४ पात्र घड़ा धारी। करवा लोटा | आवरकं (न० ) उन । पर्दा । घूंघट यावरणम् (२० ) १ ढाँकना छिपाना मुंदना | २ बंद करना। घेरना ६ वक्षन | पर्दा ४ रोक । अड़चन २ घेरा हाता | खारदीवाली । ६ वा | कपड़ा | ७ ढाल !-शक्तिः ( स्त्री० ) आमा व चैतन्य की दृष्टि पर परदा डालने वाली शक्ति | आवर्तः (पु० ) १ घुमात्र चार भँवर ३ विचार | विवेचन बाल १२ घनी बस्ती ६ रत्न विशेष २ यवंडर | ४ बुँघराले लाजा- वर्त । ७ सोनामक्खी । = चिन्ता | १ बादल जो पानी न बरसायें । | धावर्तकः ( पु० ) १ बादल विशेष| २ बवंडर | ३ चर फेरा धुंधराले बाल आवर्तनः ( पु० ) विष्णु । आलोचनादेखना पहचानना । गुण- ध्यावलित (वि० ) थोड़ा सा मुदा हुआ। आलोचनम् (न० आवर्तनम् ( न० ) १ घुमाव | चक्कर | २ धावर्तन । घूर्णन ३ (तुओं का) गलाना 8 आवृत्ति । ५ दही या दूध का रखना। यावर्तनी (स्त्री० ) घरिया; जिसमें रख कर सुनार लोग सोना चाँदी गलाते हैं। ध्यावलिः ( स्त्री० ) 1 रेखा | पंक्ति २ श्रेणी | आवली कतार ! आवश्यक ( वि० ) [खी०-आवश्यकी] १ शरूरी। सापेध्य १२ प्रयोजनीय जिसके बिना काम न चले। आवश्यकम् (न० ) आवश्यकता | ऐसा कर्म या कर्त्तव्य जिसके विना काम न चले । अनिवार्य परिणाम | ध्यावसतिः (स्त्री० ) रात | भाभी रात ।
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