उग्रः ● नाम । -शेखरा, (स्त्री० ) गङ्गाजी का नाम । -श्रवसू, (पु०) रोमहर्षण का पुत्र | (वि० ) सुनी बात को तुरन्त याद कर लेने वाला -सेनः, ( पु० ) कंस के पिता का नाम । उग्रः ( पु० ) १ शिव या रुद्र का नाम । २ वर्णसङ्कर जाति विशेष क्षत्रिय पिता से शूद्धा माता में उत्पन्न सन्तान | ३ केरल देश मालावार देश | ४ रौद्ररस | [ वीभत्स्य | उम्रपश्य (वि० ) भयानक शक्कु वाला। भयानक । उच् ( धा० पर० ) [ उच्यति, उचित या उम्र । ] १ जमा करना इकट्ठा करना २ अनुरागी होना। प्रसन्न होना। ३ उपयुक्त होना । ४ श्रादी होना । अभ्यस्त होना । · उचित ( व० कृ० ) १ योग्य | ठीक | मुनासिव / वाजिब | २ सामान्य । साधारण | प्रथानुरूप । प्रचलित | ३ अभ्यस्त । यादी | ४ लान्य | प्रशंसनीय उच्च ( वि० ) १ ऊचा | २ श्रेष्ठ | महान | उत्तम ( -तरुः, ( पु० ) नारियल का वृक्ष । -तालः, ( पु० ) मद्यशाला का सङ्गीत नृत्य आदि । नोच, (वि० ) १ ऊँचा नीचा | उतार चढ़ाव । २ विविध । बहुप्रकार | ललाढा, लला- टिका, (स्त्री०) चौड़े माथे बाली स्त्री /-संश्रय. ( वि० ) उच्च स्थानीय । (उच्चग्रह के लिये) उच्चकैः (अव्यया० ) १ ऊँचा | ऊपर | लंबा | २ तार । रवकारी । उच्चनुस् ( वि० ) १ ऊपर देखने वाला। ऊपर की ओर निगाह किये हुए । २ दृष्टिहीन उच्चंड ) ( वि० ) १ भयानक । भयङ्कर | २ तेज़ । उच्चण्ड ) फुर्तीला ३ उच्चस्वर वाला | ४ क्रुद्ध । कुपित | उच्चंद्रः ) उच्चन्द्रः } ( पु० ) रात का अन्तिम पहर । उच्चयः ( पु० ) १ संग्रह | ढेर समूह | २ समुदाय | ३ स्त्री केकी अन्थि । ४ समृद्धि | अभ्युदय 1 उच्चरणम् ( न० ) १ ऊपर या बाहिर जाना । २ उच्चारण कथन | उञ्चल ( वि०) हिलने वाला । सरकने वाला । उचलम् ( न० ) मन । उच्छास्त्र उच्चलनम् (न० ) निकलना | चला जाना । उच्चलित ( व० कृ० ) चलने को तैयार । जाने को उद्यत । उच्चाटनम् (न०) : विश्लेषण निकास। २ वियोग | विवाह | ३ उखाड़ना (वृत्त का ) । ४ तांत्रिक पट् कर्मों में से एक । २ चित्त का न लगना। उच्चारः (५०) १ कथन | वर्णन | उच्चारण | २ मल | ३ विष्टा ।" मातुरूवार एव सः ।" ३ विसर्जन छोड़ना | उच्चारणं ( न० ) १ उच्चारण | कथन | २ निरूपण | उच्चावच (वि० ) १ ऊँचा नीचा | अनियमित ऊबड़ खावड़ | २ भिन्न भिन्न उच्चड: उच्चूल } (पु०) ध्वजा का फहरेरा । पताका ! ध्वजा । उच्चैः (अन्य०) १ ऊँचा | ऊपर। ऊपर की ओर । २ ज़ोर की आवाज़ के साथ बड़े शोर के साथ ३ बहुत अधिक | बहुतायत घुष्टं, (न० ) १ शोरगुल | कोलाहल ! उच्च स्वर से पढ़ी गयी 1 घोषणा | - वादः, ( पु० ) प्रशंसा । - शिरस् (चि०) उच्चाशय । उदाराशय । उदारचेता । - श्रवस्, श्रवस, (वि०) १ बड़े बड़े कानों वाला । २ बहरा । ( पु०) इन्द्र के घोड़े का नाम । उच्चैस्तमां (अव्यय०) १ अस्युच्च । बहुत ही अधिक ऊँचा | २ बड़े ज़ोर से । अत्युच्च स्वर से ! उच्चस्तरं ) ( न० ) अत्युच्चस्वर का १२ बहुत उच्चैस्तरां । अधिक लंबा या ऊँचा । उच्छन्न ( वि० ) १ विनष्ट | नष्ट किया हुआ काट कर गिराया हुआ । २ लुप्त । उच्चलत् ( वि० ) १ प्रकाशित । दीप्त। इधर उधर डोलने वाला । २ गतिशील ३ उड़ जाने वाला या ऊपर उड़ने वाला । ४ बहुत ऊँचा जाने वाला । उच्चलनम् ( न० ) ऊपर को जाने वाला या सरकने [ फुलेल की मालिश करना । उच्छादनम् ( न० ) १ ढकना । २ शरीर में तेल उच्छासन (वि० ) नियम या आदेश के अनुसार न चलने वाला। अदम्य । दुरन्त । दुष्ट | उच्चा (चि० ) १ शास्त्रविरुद्ध २ धर्मशास्त्र का अतिक्रम करना। वाला।
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