( १८८ ) का (खी० ) इच्छा कामना | ऋजू ( घा० आम० ) [ अर्जते, ऋजित ] जाना । २ प्राप्त करना | पाना ३ खड़े रहना या हद होना। ४ स्वस्थ होना या मजबूत होना १ उपा जैन करना | ऋजी देखो ऋचीप | ऋजु } ( वि० ) [ स्त्री०-ॠया ऋज्वी ] ॠाजुक ) सीधा २ ईमानदार सञ्चा३ अनु कूल नेक ४ सरल सहज गः (पु० ). १व्यवहार में ईमानदार था सचा २ क्षीर । बाय । - रोहितं, ( म० ) इन्द्र का लाल और [ विशेष | सीधा धनुष । - . सृज्वी ( श्री० ) १ ईमानदार स्त्री | २ नक्षत्रपथ ऋणं ( २० ) १ कर्ज उधार | २ दुर्ग किला। ३ जल । ४ भूमि ५ देव, ऋऋषि और पितरों के उद्देश्य से किया हुआ यथाक्रम यज्ञ ६ वेदाध्ययन और सन्तानोत्पत्ति नामक आवश्यक कर्तव्य कर्म-धन्तकः, ( पु० ) मङ्गख ग्रह 1-अप- नयनम् – ध्यपनोदनं, प्रपाकरणम् -दानं, ( न० ) - मुक्ति, मोक्षः (पु० ) शोधनम् (चि०) कर्ज की अदायगी। शोधकर्ज चुकाना। -आदानं, (न०) ऋण में दिये हुए रुपयों का वापिस सिलना। ऋयां (ऋणार्थ) कर्ज के ऊपर कई एक कर्ज चुकाने को जो दूसरा कर्ज काढ़ा जाय ग्रहः, (पु०) १ कर्ज़ा लेना । २ कई लेने वाला | - दातु, - दायिन, (वि० ) कर्ज देने वाला | -दासः, ( पु० ) कर्ज़ा चुका देने के बदले कश चुकाने वाले का बना हुआ दास 1-मत्कुणः, - मार्गणः, ( १० ) इमानत /-मुक्तः, ( वि० ) कर्ज से छुटकारा पाया हुआ।मुकि, (स्त्री० ) कर्ज से छुटकारा पाना ।-लेख्यं, ( न० ) दस्तावेज़ । टीप । ऋणकः ( पु० ) कर्जदार । ॠणिन् ( वि० ) कर्जदार | धरणी। - - 1 ऋत (वि० ) 1 उचित । ठीक १२ ईमानदार । सच्चा | २ पूजित सम्मानित 1-धामन् ( वि० ) सच्चा या पवित्र स्वभाव वाला ( पु० ) विष्णु भगवान का नाम । मृतेजा तः (५०) अयोध्या के एक राजा, जो राजा नल के मित्र थे और पाँसा खेलने में बड़े निपुण थे। ऋऋतपेयः (पु० ) एकाह यज्ञ जो छोटे छोटे पायों को नष्ट करने के लिये किया जाता है। ऋतम् ( अभ्या० ) ठीक रीति से। ठीक तौर पर । ऋतम् (न० ) १ निश्चित नियम या आईन । २ धार्मिक प्रथा यश ३ अलौकिक नियम - किक सत्य ४ जल ५ सत्य । जो कायिक वाचिक एवं मानसिक हो ६ उम्वृत्ति याहाण की उपजीव्य वृत्ति । ७ कर्म का फल । ऋतम्भरा ( स्त्री० ) योगशास्त्रानुसार सत्य को धारण और पुष्ट करने वाली चित्तवृत्ति विशेष | श्रुतिः ( स्त्री० ) १ गति । २ स्पर्धा | २ जिन्दा | ४ मार्ग | ५ मङ्गल | कल्याण | ● | ऋतीया (स्त्री० ) धिक्कार | भर्त्सना । ऋतुः ( पु० ) १ मौसम । वसन्तादि छः ऋतुएं । २ अब्द-प्रवर्तक-काल | ३ रजोदर्शन | ४ रजोदर्शन के उपरान्त का समय जो गर्भाधान के लिये उप- युक्त काब है। ५ उपयुक्त या ठीक समय । ६ प्रकाश चमक | ७ की संख्या का त कालः, समयः, (पु०) वेला, खी०) रजो- दर्शन के पीछे १६ रात्रि पर्यन्त गर्भाधान का उपयुक्त काल ऋतु-मौसम का अवधि काल । --गणः, (पु०) ऋतुओं का समुदाय | --गामिन, (वि०) ऋतुकाल में स्त्री के पाश जाने वाला :- पर्खः, (पु०) अयोध्या के इच्वाकुवंशीय एक राजा का नाम 1 पर्यायः - वृत्तिः, (पु०) मौसम का आना जाना । ~मुखं, ( न० ) किसी ऋतु का प्रथम दिवस --राजः, ( पु० ) ऋतुओं का राजा अर्थात् वसन्त /- लिङ्गम्, (न० ) १ ऋतुओं का मिलान 1--- सन्धिः (स्त्री० ) वह स्त्री जो रजोदर्शन होने के बाद स्नान कर चुकी हो और सम्भोग के योग्य हो गई हो। -स्नाता (स्त्री० । रजोदर्शन के [पुष्पवती । बाद का स्नान। ऋऋतुमती (स्त्री० ) रजस्वला । मासिक धर्मयुक्ता । भुते (अव्यया० ) बिना। सिवाय । ऋतेजा ( पु० ) नियमानकूल रहना ।
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