पेक्य । ( वि० ) ऐसा और इल (अध्यय०) इस प्रकार से 1 - गुण (बि०) इस प्रकार के गुणों वाला। - प्रकार, -प्राय (वि० ) इस तरह का। इस किस्म का । -भूत ( वि० ) इस प्रकार के गुण- वाला। इस रकम का। ऐसा-रूप. (वि० ) इस किस्म का। इस शक्ल का 1~-विध (वि०) इस प्रकार का ऐसा (२०) कैथा की छाल । सुवासित | पपू ( धा० उभय० ) [ एषति एषते, एपित ] १ जाना। समीप जाना । २ किसी ओर शीघ्रता से जाना। एपगाः (पु०) लोहे का वाण एपणम् ( न० ) इच्छा कामना । खोज | एपणा ( स्त्री० ) इच्छा अभिलाषा | एषणिका (स्त्री०) सुनार का कांटा (तौलने का ) । यथा ( श्री०) कामना । इच्छा यषिन् (वि० ) इच्छा करनेवाला । कामना करने वाला | ( १९३ ) एना एमा (धन्यया०) यहाँ वहाँ। एनी ( स्त्री० ) बारहसिंघी । एमन् (पु०) रास्ता मार्ग । एरका ( श्री० ) तृण विशेष एक प्रकार की घास परंड : } ( go ) अरंडी का पौधा । परण्डः पर्वारुक ( पु० ) खरगुजा फकड़ी। एलकः ( पु० ) मेदा ) एलवालुकम् ) द्रव्य विशेष | एलविलः ( पु० ) कुधेर का नाम । पलवातुः [ दाने। एला (स्त्री०) १ इलायची का पौधा | २ इलायची के एतापसिं (स्त्री०) लज्जावन्ती जाति का एक गुवम | पलीका ( श्री० ) छोटी इलायची एव ( अन्वय० ) सादृश्य तिरस्कार। निश्चय ही " समानता परिभव || भी। एवं (अव्यय०) इस प्रकार और स्वीकार | प्रश्न | निश्चय | अवस्थ (घिo) ऐसी परिस्थिति में | -आदि- -- प्रकार का। - कार ऐ पे---संस्कृत वर्णमाला या नागरी वर्णमाला का दसवां वर्ण। इसका उच्चारण कण्ठ और तानु से होता है। पे: (१०) शिव जी का नाम ( अभ्यया० ) स्मरण, बुलावा, सम्बोधन व्यअक अन्य विशेष | ऐकधम् (अभ्य०) तुरन्त । फौरन । ऐकाधिकरणयं (न०) १ सम्बन्ध का एफटव २ एक पेकथ्यं (न० ) समय या घटना विशेष का एकत्व । कालिकत्व । समकालीन विद्यमानता । येक पत्थं ( न० ) सर्वोपरि प्रधानध्य इकब्रुवराज्य ऐकांतिक ) (वि०) १ सम्पूर्ण बिल्कुल । नितान्त । ऐकान्तिक २ निश्चित । ३ सिवाय । अतिरिक्त ऐकपत्रिक (वि०) [ स्त्री० - -ऐकपदिकी ] एक पद | ऐकान्यिकः ( पु० ) वह शिष्य जो वेद पढ़ने में एक से सम्बन्ध रखनेवाला। पेकपद्यं (न० ) १ शब्दों का योग | २ एक शब्द में [वाक्यता । एक- बना हुआ। एकमत्यं ( न० ) एक मत एक आशय ऐकागारिकः (g०) चोर | २ एक घर का मालिक ऐकायं ( न० ) एक ही वस्तु पर ध्यान लगाना। ऐकांगः (पु० ) ऐकाङ्गः (g०) } शरीररक्षक दल का एक सिपाही। ऐकात्म्यं (न० ) १ एकता ऐक्य आत्मा का ऐक्य | २ एकरूपता | समता ३ या के साथ एकरव होना । भूल करे। ऐकार्थ्य (न०) समान उद्देश्य वाला। अर्थ की सङ्गति। पेकाहिक (वि० ) [ स्त्री० - ऐकाहिकी ] एक दिन में होने वाला। एक दिन का । प्रति दिन का । ऐक्यं ( न० ) 1 एकत्व | मेल ३ समानता | सारश्य ४ i एकता | २ एकमस्य | योग । जोड़ सं० श० कौ० २५
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