( १९८ ) औषणम् औरभ्रकम् (न० ) भेड़ों का झुण्ड । औरकिः ( ० ) गरिया। मेपपाल । औरस (वि० ) [ स्त्री० औरसी] छाती से उत्पन्न। अपने वास्तविक पिता के वीर्य से उत्पन्न । श्रौरसः (०) विहिपुत्र | २ न्याय । वैध । विहित आईनसङ्गस औरसी (स्त्री०) विहित पुत्री औरस्य देखो, औरस । [स्त्री०-ौ ) भौांक [स्त्री०यौ यौगिक [स्त्री०-ौर्थिकी] |ौकालिक (वि० ) [स्त्री०- औौर्षकालिकी ] पीछे की। पिछले समय की [कर्म | प्रोपवेशिक (वि० ) [ स्त्री०-यौपवेशिको ] सारा भोवदेहम् (न०) प्रेतक्रिया। दसगात्र । सपिण्डदान समय लगा कर सेवा वृत्ति द्वार भाजीविका उपार्जन | हि ) ( चि० ) मृत पुरुष से सम्बन्ध युक्त । करने वाला। प्रेतकर्म सम्बन्धी । औपसंख्यानिक ( वि० ) [स्त्री०-ौपसंख्या कम ) ( न० ) प्रेतकर्म। येष्टि । ध्वदेहिक औौदैहिकम् । मरने के बाद किये जाने वाले कर्म विशेष | [जवा से उत्पन्न निकी ] म्यूनतापूरक यौगिक औौपसर्गिक (वि० ) [ स्त्री० -श्रौपसर्गिकी ] १ उपस सम्बन्धी | २ विपत्ति का सामना करने की योग्यता से सम्पन्न | ३ भाषी सूचक 19 बावादि सन्निपात से उत्पन्न औपथिक (वि० ) व्यभिचार से पेट पालने वाला। औपस्थ्यं ( न० ) मैथुन स्त्रीसहवास । औपहारिक (वि० ) [ स्त्री० --औपहारिकी ] भेंट धौर्ष (वि०) [स्त्री० -यौव] १ बर्ष सम्बन्धी | २
- ( पु० ) भृगुवंशीय एक प्रसिद्ध ऋषि ।
२ याडवानल ३ iter मिट्टी का free -४ पौराणिक भूगोल का दक्षिण भाग, जहाँ देयों का निवास है। पावर सुनियों में से एक। लूकं (न० ) उल्लुओं का समूह औलूक्यः ( पु० ) कयाद का नाम जो वैशेषिक दर्शन के प्रचारक थे। या चढ़ाया सम्बन्धी । औौवयं (न०) अधिकता। अध्याधिक्य विषमता। 1 तोता । अति सोचयता। औपरोधिक औपरोधिक (वि० ) ) १ कृपा या अनुग्रह सम्बन्धी श्रौपरोधिक (वि०. )२ रोक डालने वाला । सामना करने वाला। औरोधक (५०) पीलू वृक्ष की का औपरोधिक ठंडा| [ पत्थर का | श्रौपल (वि० ) [ स्त्री० औौपली ] पथरीला औपयस्तं (न० ) कढ़ाका । उपवास । औपवस्त्रम् ( ० ) १ उपवासोपयुक्त भोजन । फला- हरि २ उपवास। औपचास्यम् (न०) उपवास औपचा (वि० ) सवारी करने योग्य | श्रौपवाः (पु० ) १ गजराज २ राज-यान शाही सवारी । यौपाकरणम् (न० ) वेदाध्ययन का आरम्भ | औषधिक (वि० ) सापेक्ष । २ उपाधि श्रौपाध्यायक (वि० ) [ स्त्री०-औपाध्यायकी ] अध्यापक से प्राप्त सम्बन्धी [सम्बन्धी | श्रौपासनी ] गृह्णाग्नि श्रौपासन (वि० ) [ स्त्री० औपासनः (पु०) साग्नि श्रम् (अन्य ) शूद्रों के उच्चारणार्थ प्रणव का रूप विशेष | [ क्योंकि शूद्रों के लिये ओं का उच्चारण वर्जित है।] (वि०) ऊनी। उनसे बनी । और (वि० ) [ स्त्री०-औरश्री ] भेड़ से उत्प या भेड़ सम्बन्धी | [मौटा ऊनी कंवल । औौरभ्रम् ( न० ) १ भेड़ का माँस ।२ अनीवस || श्रौशन ) (दि०) [स्त्री० श्रौशनी, प्रौशनसीं] औशनस उशना सम्बन्धी या उशना से उत्पन्न अथवा उशना से अधीत । श्रौशनसम् (न० ) उशना कृत स्मृति या धर्मशास्त्र | औशीनरः ( पु० ) उशीनर का पुत्र | | धौशीनरी ( स्त्री० ) पुस्या की रानी का नाम । औौशीरं (ज०) १ पंखा या चौरी की डंडी | २ शय्या . बैठकी जैसे कुर्सी जुदा यादि । ४ खस पड़ा हुआ उपटना विशेष । ५ खस की जड़ ६ पर यौषणम् (न० ) चरपराहट । २ काली मिर्च | ३