पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२०६

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औषधम् औषधम् ( न० ) १ जड़ी बूटीयो २ दवाई ३ खनिज पदार्थ | औषधिः ) ( स० ) १ जड़ी बूटी । २ काष्ठादि औषधी चिकित्सा के पदार्थ २ बूटी जिससे अग्नि निकलता है। यथा “विरमन्तिम व्यसितमोषधयः ।" ककुझिन् ( वि० ) [ स्त्री०-औषसिकी, औषिकी सुराहे या तड़के का उत्पन्न । (चि० ) [ स्त्री-] ॐ सम्बन्धी या ऊँट से उत्पन्न | २ ऊठों के बाहुल्य से युक्त | । धौ (न ) ऊँटनी का दूध श्रौष्टकम् ( न० ) ऊँटों का समुदाय श्रौष्ठ्य (वि० ) ओठ सम्बन्धी । घोट से उच्चारित होने वाला।-वर्णः, ( 50 ) थोड से उच्चारित होने वाले वर्ण अर्थात् उ, ऊ, १, कू. १. भू. म. तू, द्, ।स्थान, ( वि० ) ओोठों से उच्चारित । --स्वरः (पु० ) श्रठ से उच्चारित स्वर | श्रौषसिक भौषिक किरातार्जुनीय औषधीय (वि० ) दवा सम्बन्धी। यह दवा जिसमें जड़ी बूटी पढ़ी हो। यौपरकम् } ( न० ) सँधा निमक औपस (वि० ) [ स्त्री०-औौपसी ] प्रातःकाल औष्णाम् (न० ) गर्मी | गरमाहट श्रौपाय सम्बन्धी सबेरे का औषसो ( श्री० ) तड़के बढ़े सवेरें । श्रयम् } ( ज० ) गर्मी । क क - संस्कृत अथवा नागरी वर्णमाला का प्रथम व्यअन । कंसकम् ( २० ) काँसा | इसका उच्चारणस्थान करठ है। इसको स्पर्शवर्ण | भी कहते हैं। ख, ग, घ, ङ, इसके सवर्ण है। कः ( पु० ) १ मा २ विष्णु १३ कामदेव । ४ -शब्दकल्पद्रुम। ककू ( धा० आत्म० ) [ ककते, ककित ] : चाहना | अभिलाषा करना। ३ घमंड करना । ४ चंचल होना | अग्नि ५ हवा पवन ६ यम ७ सूर्य ८ जीव | ३ राजा । १० गाँठ या जोड़ । 11 मोर । ककुजल: } ( पु० ) चातक पष्वी १ मयूर १३ पछी १४ 1 १२ पक्षियों का राजा मन । १२ शरीर । १६ फाल | समय । १७ बादल | मेघ १८ शब्द स्वर| १३ वाल| केश | कम् ( न० ) १ प्रसन्नता एवं | २ जल | ३ शिर | कंसः ( पु० ) १ जल पीने का पात्र | गिलास | कंसम् ( स्त्री० ) 3 घंटी कंटोरा २ कौसा| ३ परिमाण विशेष, जिसे चादक कहते हैं। कंसः ( पु०) उग्रसेन के पुत्र कंस का नाम यह मथुरा का राजा था और बड़ा अत्याचारी था। इसे श्रीकृष्ण ने मथुरा ही में मारा था। अि यरातिः- जित्, कृष्, ~द्विष्,-हन्, (वि०) कंस का मारने वाला। अर्थात् श्रीकृष्ण भगवान | -अस्थि ( न० ) काँसा 1-कारः, ( 50 ) एक वर्णसहर जाति। कसेरा । -- - कंसकारकारी बाह्मणारखंभूवतुः । ककुद (स्त्री०) 3 चोटी शिखर २ मुख्य प्रधान ३. बैल का कुव्ब ४ सय राजकीय चिन्ह (जैसे + चमर आदि) -स्था (पु० ) राजा पुर अय की उपाधि सूर्यवंशी राजा विशेष यह इषवाकु के वंश में उत्पन्न हुए थे। 1 ककुदः (पु० ) (१ पहाव की चोटी पर्वत ककुदम् (न० ) ) शिखर । २ कौहान | कुव । ३ मुख्य प्रधान राजचिन्ह | ककुद्मत (वि० ) कुन्त्र वाला । ( पु० ) ( शिखर वाला ) १ पहाड़ १-२ (कैसा भी ) पहाद । ककुशती ( श्री० ) कमर रहा ककुमिन् (वि० ) १ शिखावाला। कुम्ब वाला (पु०) बैल २ पहाड़। २ रैवतक राजा का नाम ।