कीचक ( चकः ( पु० ) १ खोखला बाँस पोला बाँस | २ बाँस जो हवा चलने पर खड़खड़ाता हो अथवा हवा के चलने से उत्पन्न बाँस की सनसनाइट २ एक जाति का नाम । ४ विराट राजा का साला और उसकी सेना का प्रधान सेनापति इसे भीम ने मारा था क्योंकि इसने द्रौपदी के साथ अनु- चित कर्म करना चाहा था। - जिल्. (पु० ) भीम की उपाधि । 35 कूड़ा। 8 बड़ाव | फैलाव | पसार ५ प्रकाश कान्ति । | ६ आवास । -भाजू: (वि० ) प्रसिद्ध । प्रख्यात मशहूर (पु० ) द्रोणाचार्य की उपाधि |--शेषः, (पु० ) जिसकी ख्याति के समय कुछ भी पीछे न रह जाय। मृत्यु | मौत | कोल ( धा० परस्मै० ) १ बाँधना | २ खोंसना । कीजना अर्थात् बंद कर देना। कील ठोंकना । सहारा देना टेक लगाना। दाव लगाना। 1 ट: ( पु० ) कीड़ा तिरस्कार या हिकारत में इसकीलः ( पु० ) १ कील । पिन । २ बर्षी ३ संभा खूटा ४ हथियार । ५ कोहनी | ६ कोहनी का महार। ७ लौ । ८ सूक्ष्म अनु। २ शिवजी का शब्द का प्रयोग समासान्त शब्दों में किया जाता है जैसे द्विप हीट: अर्थात् दुष्टहाथी; पतिकीटः, श्रर्थात दुष्टपक्षी आदि ः (पु० ) गन्धक । -अं, (न० ) रेशम /-जा ( स्त्री० ) लाख | | चपड़ा |~ मणिः, (पु० ) जुगुन | खद्योत | टकः ( पु० ) १ कीड़ा | २ मागध जाति का बंदी | जन। द्विशे द्वशी (श्री० ) दक्ष किस प्रकार का कैसा । किस 1 स्वभाव का । सरताज | रम् (न०) गोश्त । मौस [ रहने वाले। राः ( बहुवचन ) कश्मीर देश और उस देश के र्ण ( वि० ) १ गुथा हुआ | फैला हुआ। पड़ा हुआ। बिखरा हुआ / २ ढका हुआ | भरा हुआ । ३ रखा हुआ | ४ घायल। चोटिल।
- (स्त्री०) १ बखैरना। २ ढकना | छिपाना | ३
२३५ घायल करना । र्तनम् (न०) १ पर्तना (स्त्री०) १ महिमा | पेर्तिः ( स्त्री० ) १ यश २ प्रशंसा [ देवालय | कहना | वर्णन करना | २ मन्दिर | वर्णन | कथन । पाठ २ कीति । (०) नाश (वि०) १ भूमि जोतने वाला | २ गरीब । धन- हीन ३ कंजूस स्वल्प थोड़ा [ विशेष | नाशः ( पु० ) १ यमराज की उपाधि । २ वानर कोलालकम् ( न० ) रक्त | खून | कीलिका (स्त्री० ) धुरी की कील । कीजित (वि० ) १ विधा हुआ। २ गड़ा हुआ। फील से जड़ा हुआ। कीश (वि० ) नंगा। रः (पु० ) तोता । सुग्गाइए: (पु० ) आम | कोशः (पु० ) १ वानर | लंगूर | २ सूर्य | ३ पक्षी धिक्कार, स्वल्पता, आवश्यear और ४ में का वृक्ष --वर्णकम् ( न० ) सुगन्ध द्रव्यों का | कु ( अन्यथा० ) हास, खरावी, कमी, घिसावट, पाप, re धन्यय विशेष इसके विविध परियायवाची शब्द हैं-१“कद्”, २ "कल”, ३ "का" और ४ "किं"। [ उदाहरण-१ कदश्व । २ कवोष्ण कोष्ण । ४ किंप्रभुः । ] पुत्रः ( पु० ) मङ्गल ग्रह 1 ---कर्मन, (न० ) ओछा काम । बुरा काम 1-ग्रहः, ( पु० ) अशुभग्रह -- ग्रामः, ( पु० ) पुरचा छोटा ग्राम /-- चेल, (पु० ) चिथड़े पहिने हुए ।-चर्या, ( स्त्री० ) दुष्टता | दुष्टाचरण 1-जन्मन्, (वि० ) अकुलीन नीच-तनु, (वि० ) कुरूप | विक लाङ्ग-तनुः, (पु०) कुबेर की उपाधि । -तंत्री, ( स्त्री० ) बुरी बीया ।-तीर्थ, (न० ) बुरा । ) प्रसिद्धि | प्रख्याति । महिमा | सराहना अनुग्रह | ३ कीचड़ नाम । कोलकः ( पु० ) 1 पथर | खूंटी। मेख । कील । २ खम्भा | स्तूप कलाल ( पु० ) १ अमृत के समान स्वर्गीय पेय पदार्थ | २ शहद | ३ हैवान । जानवर | धिः, ३ ( पु० ) समुद्र -पः ( पु० ) राखल | दानव देश्य |