पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२६२

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कोड ( २५५ ) कोष कोहः ( पु० ) कोट | गढ़ | किला | महत्व | राज- | कोरित ( वि० ) १कलीदार | अहरित | २ चूर्ण किया हुआ । पिसा हुआ । कुटा हुआ । २ टुकड़े टुकड़े किया हुआ। कोलं ( न० ) १ एक तोला भर की तौल ।। २ गोल या काली मिर्च ३ एक प्रकार का बेर।-प्रश्चः, ( पु० ) कलिङ्ग देश - पुच्छा, ( पु० ) बगला | बुटीमार | प्रसाद । कोट्टवी ( स्त्री० ) श्वाल खोले नंगी स्त्री | २ दुर्गा- देवी ३ बाणासुर की माता का नाम । कोट्टारा (पु०) १ किला या किले के भीतर का आम २ तालाब की सीढ़ियाँ | ३ कूप | तड़ाग | ४ लम्पट या दुराचारी पुरुष । कोणः ( पु० ) १ कोना । २ सारंगी या बेला बजाने का गज ३ तलवार आदि हथियारों की पैनी धार ५ छड़ी डंडा डंका या ढोल बजाने की लकड़ी । ६ मंगल ग्रह । ७ शनि ग्रह म जन्म कुण्डली में लग्न से नवम और पञ्चम स्थान - कुणः, ( पु० ) खटमल कोणपः ( पु० ) देखो कौणप। कोदंड: कोदराडः, ( पु० ) ) कमान | धनुष कोदंडम्, कोदण्डम् (न० ) ) ( पु० ) भौं । कोद्रवः (पु० ) कोंदों चनाज । कोपः ( पु० ) १ क्रोध | कोप | रोष | गुस्सा | २ (पित्त-) कोप (वात- ) कोप आदि शारीरिक अस्वस्थता । आकुल,—आविष्ट, ( वि० ) क्रुद्ध 1 कुपित । -पदं, (न० ) १ क्रोध का कारण | २ बनावटी क्रोध । - चशः, ( पु० ) क्रोध के वशवर्ती होना । [स्त्री | कोपन (वि० ) १ क्रोधी | २ क्रुद्ध करना । कोपनम् ( न० ) क्रुद्ध हो जाना। कोपना (स्त्री०) १ बिगड़ैल करने कोपिन (वि० ) १ क्रुद्ध | २ क्रोध उत्पन्न वाला । ३ शरीरस्थ रसों का उपद्रव उत्पन्न करने औौरत। क्रोधी स्वभाव की वाला । कोमल (वि०) १ मुलायम | नरम | २ धीमा | मंद | प्रिय | मधुर | ३ मनोहर । सुन्दर । कोमलकम् (न० ) कमल नाल के सूत या रेशे कोयष्टिः ) ( पु० ) शिखरी | एक पक्षी जो पानी कोयटिकः के ऊपर उड़ा करता है। कोरक ( पु० ) ) १ कली | २ कमलनाल सूत्र | कोरकम् (न०) ४ सुगन्ध द्रव्य विशेष | कोरदूषः ( पु० ) देखो कोद्रवः । कोलः ( पु० ) १ शूकर | सुअर | २ मात्र | बेड़ा | ३ बक्षस्थल | ४ कूबड़ | कुव्ब | कूल्हा | गोद | थालिङ्गन | ६ शनिग्रह | ७ जातिच्युत । पतित जाति का ८ वर्वर । जंगली जाति का । कोलंवकः कोलम्बकः } ( पु० ) वीणा का ढाँचा । कोला ) कोलिः } ( स्त्री० ) देखो बदरी । कोली कोलाहलं (न०) } चिल्लाहट | शोरगुल | कोलाहलः (पु०) ) कोविद ( वि० ) पण्डित । अनुभवी । चतुर । बुद्धि- मान योग्य । कोविदारं ( न० ) ) कोविदारः ( पु० ) ) एक वृद्ध विशेष का नाम । लाल कचनार । कोशः ( पु० ) कोशम् ( म० ) } १ कठौती : कोषः ( पु० ) कोषम् ( न० ) ) दोहनी । २ बाल्टी । डोलची ३ कोई भी पात्र | ४ संदूक | अलमारी। दराज़ | ट्रंक | २ न्यान | ६ ढक्कन । खोल । चादर । ७ ढेर ८ भाण्डारगृह खजाना | धनागार । १० धन सम्पत्ति | दौलत । रुपया पैसा । ११ सोना चाँदी । १२ शब्दार्थ संग्रह | शब्दार्थ संग्रहावली | १३ कली । अन- खिला फूल १४ फल की गुठली १५ छीमी | फली । बौंड़ी | डौंडा । १६ जायफल | सुपाड़ी | १७ रेशम का कोका १८ योनि । गर्भाशय । १६ अण्डकोश | २० अंडा । २१ लिंग। पुरुष जनने- न्द्रिय २२ गोला। गेंद । २३ वेदान्त में चर्णित पाँच प्रकार के कोश यथा अन्नमयकोश, प्राणमयकोशादि । २४ [ धर्मशास्त्र में ] एक प्रकार की अपराधी के अपराध की कठोर परीक्षा । -अधिपतिः, अभ्यतः, (पु०) १ खजानची |