खट्टा ( २७० खट्टा ( स्त्री० १ खाट । चारपाई । सेज । पलका । २ हिंडोला | झूला । कूलन खटोला । अनि, (पु०) १ लकड़ी या डंडा जिसकी भूँठ में खोपड़ी जड़ी हो। यह शिव जी का हथियार समझा जाता है | और उनके अनुयायी गुंसाई साधु उसे अपने पास रखते हैं। २ दिलीप राजा का दूसरा नाम 1--- अंगधर, अंगभृत् ( पु० ) शिव जी की उपाधियाँ । प्राप्लुत, झारूढ, ( चि० ) १ नीच | पापी | २ परित्यक्त । दुष्ट । ३ मूढ़ | मूर्ख | खट्टाका । खट्टिका (स्त्री०) खटोला। छोटी खाट । खड: ( पु० ) तोड़ना। विभाजित करना । खड़िका ) ( स्त्री० ) खड़िया चाक। मिट्टी । खाडीका खड ( न० ) लोहा । खड्गः (पु० ) १ तलवार । २ गैड़े का सींग । २ गैड़ा। प्राघातः, (पु० ) तलवार का घाव -आध, (पु०) म्यान | परतखा । --श्रामिषं, ( न० ) भैसे का मांस । ग्राहः, ( पु० ) गैड़ा /- कोशः, ( पु० ) म्यान परतला - धरः, ( पु० ) तलवार चलाने वाला योद्धा - धेनुः, -धेनुका, (स्त्री० ) १ छोटी तलवार । २ गैंड़े की मादा । —पत्रं, ( न० ) तलवार की धार पिधानं, – पिधानकम् ( न० ) म्यान | परतत्वा । -पुत्रिका, ( स्त्री० ) छुरी । चाकू | छोटी तलवार । -प्रहारः, (पु० ) तल- चार का आघात ~फलं, ( न० ) तलवार की धार । खड्डवत् (वि० ) तलवार से सज्जित । खडिकः ( पु० ) १ तलवार से लड़ने वाला योद्धा । तलवारबंद सिपाही । २ कसाई | बूचड़ खड्डिन् (वि० ) [ स्त्री०–खड्डिनी ] तलवारबंद | ( पु० ) गैंड़ा। खंडनं, खण्डनम् विफल करना । ४ गड़बड़ करना । उपद्रव मचाना । ५ ठगना | धोखा देना। खंडं, खण्डम् (न०) ) खंडः खण्डः (पु०) ) १ ऐड़ा । नकुल । दरार । साँस | सन्धि | छूट । हड्डी का टूटना । २ टुकड़ा भाग । हिस्सा अँश । ३ अध्याय | सर्ग | ४ समूह | समुदाय । कुंड । ( पु० ) १ खाँद । चीनी | २ रत्न का दोष । ( न० ) १ एक प्रकार का निमक। २ एक प्रकार का गन्ना |– श्रभ्रं, ( न०) १ विखरे हुए बादल | २ भोगविलास में लगा हुआ। दांतों से काटने का निशान । – आलिः, ( स्त्री० ) १ तेल का एक नोँप । २ सरोवर या झील | ३ स्त्री जिसका पति नमकहरामी के लिये अपराधी ठहराया गया हो । -कथा (स्त्री० ) छोटी कहानी | काव्यं, ( न० ) छोटा पद्यात्मक ग्रन्थ जैसे मेघदूत । खण्डकाव्य की परिभाषा साहित्यदर्पणकार ने यह दी है। - खड्गीकं (न० ) हंसिया दराँती। खंड् ) ( धा० परस्मै० ) [ खण्डयति, खण्डित] १ खराडे ) तोदना । काटना । चीरना। फाड़ना । टुकड़े टुकड़े कर डालना। चूर्ण कर डालना। २भली भाँसि हरा देना नाश करना ३ हताश करना ) राम । ३ खण्डकाव्यं भवेत् काव्यस्यैकदेशानुसारि च ॥ - जः, ( पु० ) एक प्रकार की चीनी । - धारा, ( स्त्री० ) कैची | कतरनी । कतनी 1- परशुः, ( पु० ) १ शिव जी की उपाधि | २ परशुराम जी की उपाधि /- पर्शुः १ शिव | २ परशु- ४ हाथी, जिसका एक दाँत टूटा हो।-पाल, (पु०) हलवाई |-- प्रलयः, (पु०) छोटी प्रलय जिसमें स्वर्ग के नीचे के समस्त लोक नष्ट हो जाते हैं। - मोदकः, ( पु० ) ओले । लड्डू | - लवणं, (न० ) निमक विशेष । -विकारः, ( पु० ) खाँड़ । चीनी । - शर्करा, (स्त्री०) बूरा। मिश्री ।-शोना, (स्त्री० ) पुंचली स्त्री छिनाल औौरत । व्यभिचारिणी पत्नी । खंडकः ( पु० ) खण्डकः ( पु० ) खंडकं, खण्डकम् (न० ) टुकड़ा अंश भाग। ( पु० ) १ शक्कर | खांड़ । २ नखरहित । खंडन, खण्डन (वि० ) १ तोड़ा हुआ । टूटा हुआ । कटा हुआ। विभाजित | २ नष्ट किया हुआ | खंडनं, खण्डनम् ( न० ) १ सोड़ना । टुकड़े टुकड़े करना। काट डालना | २ काटना । चोटिल करना। घायल करना। ३ हताश करना । व्यर्थ
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