चित्रक चित्रकं (न० ) माथे का साम्प्रदायिक चिन्ह स्वरूप तिलक । चित्रकः ( पु० ) १ चित्रकार | चितेरा | २ चीता । ३ वृत्त विशेष | ( ३१८ हुआ । चित्रिन ( वि० ) [ स्त्री० -- चित्रिणी ] अद्भुत । २ रंग बिरंगा । चित्रीयते ( क्रि० ) आश्चर्य करना । आश्चर्य का कारण बनना | चिर विशेष –वेश्मन्, ( न० ) विचार-भवन | सभाभवन । चिन्तिडी } (स्त्री० ) इमली का पेड़ । चिंतित चिन्तित चिंत् । ( धा० उभय० ) [ चिन्तयति, चिन्तयते, चिन्त्) चिन्तित ] १ सोचना | विचारना। २ ध्यान देना । ख्याल करना | ३ स्मरण करना | याद करना । ४ ढूढ़ निकालना। खोज निकालना। ५ सम्मान करना । ७ सोलना । अच्छे बुरे का विचार करना ८ बहस करना। चिंतनम्, चिन्तनम् ( न० ) } १ सोचना | विचा- २ सोच ) चित्रल (वि० ) रंग बिरंगा | धब्बेदार | चित्रलः ( पु० ) रंग बिरंगा रंग । चिंतितिः चित्रा ( स्त्री॰ ) चौदहवाँ नक्षत्र । - हीरः, (पु०) चिन्तितिः ( (स्त्री०) सोच | विचार । ख्याल । -- ईशः, ( पु० ) चन्द्रमा चित्रिकः ( पु० ) चैत्र मास चिंतिया चिन्तिया चित्रिणी ( खी० ) चार प्रकार की ( अर्थात् पद्मिनी, चित्रिणी, शंखिनी और हस्तिनी अथवा करिणी ) खियों में से एक रतिमअरीकार ने चित्रिणी के लक्षण यह लिखे हैं:- भवति रति नाति खर्चा म दीर्घा तिलकुसुमसुनसास्मिथ नीलोत्पलासी । चन कटिन कुचाया सुन्दरी बहुशाला. सकलगुण विचित्रा चित्रिणी चित्रवक्ता | चित्रित ( वि० ) १ रंग बिरंगा | धब्बेदार |२ रंगा विचार में पड़ जाना। चिंता ) ( स्त्री० ) १ विचार | सोच | २ चिन्ता | चिन्ता ) फिकिर । सोच । दुःखदायी विचार - आकुल, (वि० ) फिफिर से विकल। उत्सुक | फर्मन, (न० ) सोच फिकिर। --पर, ( वि० ) विचारवान् । उत्सुक । - मणिः, (पु० ) विचा- रते ही अभिलषित वस्तु को देने वाला रत्न ( वि० ) विचारा हुआ । सोचा हुआ | चिंत्य } ( स० का० ऋ० ) १ सोचने योग्य । विचारने चिन्त्य ) लायक । २ इड़ने लायक । पता लगाने योग्य | ३ सन्दिग्ध | विचारने योग्य । चिन्मय (वि० ) आध्यात्मिक । चैतन्यमय ईश्वर चिन्मयम् ( न० ) : विशुद्ध ज्ञान | २ परब्रह्म । चिपट (वि० ) चपटी नाक का चिपटः ( पु० ) चाँवल या अनाज जो चपटा किया गया हो । चिपिट: ( पु० ) देखो चिपट : -प्रोव, ( वि० ) कोतलगर्दन ।~-नासं, ( न० ) नासिक, ( वि० ) चपटी नाक वाला । चिपिटकः ) ( न० ) चपटे या कुटे चाँवल | श्योरा । चिपुटः ) चिउरा | चिबुकं) चिबुकं ( न० ) ठोड़ी | चिमिः ( पु० ) सोता । चिर (वि० ) दीर्घ । दीर्घ काल व्यापी । बहुत दिनों का । पुराना । - श्रायुस, (वि०) बहुत दिनों का या बड़ी उम्र का ( पु० ) देवता । -रोधः, ( पु० ) बहुत दिनों से डाला हुआ घेरा!-- उत्य, ( वि० ) दीर्घ-काल-व्यापी ।-कार, ( वि० ) -कारिक, ( वि० ) – कारिन्, (वि० ) – किय, (वि० ) धीरे धीरे कार्य करने वाला । विलंब करने वाला । दीर्घसूत्री - कालः, ( पु० ) दीर्घकाल / कालिक, -कालीन. ( वि० ) बहुत दिनों का पुराना । —जात. ( वि० ) बहुत दिनों पूर्व उत्पन्न । बहुत पुराना । - जीविन्, (वि०) दीर्घ- जीवी चिरजीवियों में सात की गणना है। यथा- बहुत
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३२५
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति