} चीवर ( ३२० वीवरं (न०) १ वस्त्र | फड़ा कपड़ा। विड़ा । २ कपड़ी । बीवरिन (पु०) १ बौद्ध या जैन भिक्षुक | २ भिचुकचुंबनं १ (न०) चूमा । बोसा | मिट्टी | बुकार: ( पु० ) सिंह की दहाड़ या गर्जन । चुम्बनम् ) बुकः ( पु० ) असलवेत या खट्टा साग विशेष | २ | खटाई। ~फलं ( न० ) इमली का - वास्तुकं ( न० ) खट्टा साग खट्टापन फल विशेष | बुकुम् ( न० ) खटाई | खापन बुक्रा ( स्त्री० ) इमली का पेड़ बुमिन् ( पु० ) खट्टापन | चुबुक: ( पु० ) ) बुबुकम् ( न० ) चुचूकम् (न० ) चंच चुज्बु चूची के ऊपर की धुंडी । ( वि० ) प्रख्यात प्रसिद्ध । नियुख । बुद्द ( 1 धा० उभय० ) [ चादयति, चादयते, चोदित] भेजना । निर्देश करना । आगे कैकना । आगे प्रेरणा बढ़ाना।२ सुझाना मन में ढालना करना । उसकाना । भड़काना | शाल ढालना || सजीव करना प्रवृत्त करना पथ प्रदर्शन करना । ३ फुर्ती करना। शीघ्रता करना ४ प्रश्न करना | पूछना। ५ दवाना। प्रार्थना द्वारा दवाव डालना। ६ उपस्थित करना | पेश करना। बुंदी (स्त्री० ) कुटनी | खुप ( धा० पर० ) [ स्त्री०-चापति, ] धीरे धीरे "चलना। रैंगना। पैर दवा कर चलना। बुबुकः ( पु० ) ठोड़ी। बुब ) [धा उभय ) [ चुम्बति चुम्यते, चुम्ब, बुम्बू) यति चुम्बयते, चुम्बित ] चूमा लेना । मिट्टी लेना। धीरे से स्पर्श करना। चराना। बः चुम्बः ( 50 ) चूमा बोसा । मिट्टी बुंवा चुम्बा (स्त्री) ) चूर्ण उडू परिडत | पल्लवग्राही परिडत चुम्बक मनातीसी पत्थर पत्थर चुंबकः ( पु० ) चूमा लेने वाला | २ लम्पट | बकः ) वेश्यागामी । रसिया ३ गुंडा ऊग । ४ खुर् (धा० उभय ) [ चारयति, चारयते, चारित ] १ लूटना | चुराना | २ रखना अधिकार करना । चुरा ( स्त्री० ) चोरी। चुत } ( स्त्री० ) छोटा कूप | कुड्या | बडा खुराडा } ( स्त्री॰ ) कुड्या | छोटा तालाव | | चुलुम्पा ( स्वी० ) वक्री चुत् (धा० पर०) चुना। रिसमा टपकना । चुतः (पु० ) भग । योनि । स्त्री का गुलाङ्ग । ३ बुलुकः ( पु० ) १ गहरी कीचद | २ मुँहभर जल या अजली २ छोटा बरतन | लुकिन् (पु०) सूंस शिशुमार जलअन्तु विशेष | सुलुंप ( था० पर० ) [ बी० बुलुम्पति ] भूलना। इधर उधर हिलमा आन्दोलन करना । चुल्लुम्पः (पु० ) दुलारे बालक । चुल्ल ( धा०प० ) [ चुल्लति ] खेलना | क्रीड़ा करना। प्रेम सूचक भाव प्रदर्शित करना । बुदिजः (स्त्री० ) चूल्हा | चूचकम् } ( न० ) चूची के ऊपर की घुँडी। चूडकः ( पु० ) कूप | कुआ । इनारा चूडा (स्त्री० ) १ चोटी चुटिया | चुढा । २ चूडा- करण संस्कार १३ मुर्गा या मोर के सिर की कलँगी । ५ सिर ६ चोटी | शिखर ७ अठारी | श्रा कूप १ कलाई का आभूषण-करगां, -कर्मन, ( न० ) मुण्डन संस्कार ।-पाशः, (पु० ) केश समूह --मणिः, (पु०) - रत्नं, (न०) १ सोसफूल या सीस में धारण करने के लिये मणि जडित आभूषण विशेष २ सर्वोत्तम । सर्वोत्कृष्ट चूडाल चुड़ा। चूडार ) ( वि० ) चोटीदार कलगीदार | चोटी । चूतः ( पु० ) आम्रवृक्ष आम का पेड़ | चूतम् ( न० ) भग। योनि । स्त्री का गुप्ताङ्ग । चूर्ण ( घा० उभय० ) [ चूर्णयति चूर्णयते- चूर्णित 31 कूट कर या पीस कर आटा कर ५ डालना।२ कूटना। कुचरना ।
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३२७
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति