जन्मिन् दूसरा जन्म-~अन्तरीय, (वि०) दूसरे जन्म का | जन्मान्तरकृत-अन्ध, (वि०) जन्म से अंधा -अष्टमी (स्त्री० ) भाकृष्णा अष्टमी । जिस दिन श्री कृष्ण भगवान का जन्म हुआ था ।- कुण्डली (स्त्री०) एक चक्र विशेष जिसमें जन्म- समय के ग्रहों की स्थिति का उल्लेख किया जाता ( ३२६ के समय हो 1-नामन्. ( न० ) जन्म होने के - १२ वे दिवस रखा गया नाम जो राशि के अनुसार याच अक्षर संयुक्त होता है :-पत्रं, ( न० ) - पत्रिका, (सी०) जन्मकुण्डली। प्रतिष्ठा, (स्त्री०) १ जन्मस्थान १ २ माता । ~भाज, (पु०) प्राणी । जीवधारी ।-भाषा, ( स्त्री० ) मातृभाषा 1- भूमि, (स्त्री०) जन्मस्थान --योगः, (पु०) जन्म- कुण्डली/रोगिनू, ( वि० ) पैदायशी वीमार । लग्नं, (न० ) वह लग्न जो जन्म समय हो । -वर्त्मन् (ज०) भग | योनि । -शोधनं, (न०) जन्म होने पर शरसम्बन्धी कर्तव्यों का यथा- विधि पालन |--साफल्यं ( म०) जीवन के उद्देश्यों की सिद्धि - स्थानं, (न० ) १ जन्म- स्थान | २ गर्भाशय । ) करना । है । -कृत्, ( पु० ) पिता । --क्षेत्रं, (न० ) | जपः (०) मंत्र जो अत्यन्त धीमे स्वर से बार बार उत्पनिस्थान | तिथिः, (पु० स्त्री० ) --दिनम्, पढ़े जाँय -परायणः, (वि०) जपनिरस - माजा, (स्त्री० ) माला जिस पर जप किया (न०) --दिवसः, (पु०) जन्म-दिवस-दः (पु०) 5 पिता |~-नक्षत्र, भं, (न०) यह नक्षत्र जो जन्म - न्मिन् (पु० ) प्रायी। जीवधारी । अन्य (वि०) १ उत्पन्न हुआ। पैदा हुआ। (समासान्त अर्थ होता है ) २ किसी कुल या वंश का अथवा किसी कुल या वंश में इसका सम्बन्धी ३ ( अमुक से ) उत्पन्न । २ गँवारू । ग्रामी। साधारण ६ राष्ट्रीय | जबूक, जम्बूक. वधू की सहेली ३ हर्ष | थाहाद | ४ स्नेह प्रीति । [ अनि । ४ सृष्टिकर्ता या मा जन्युः ( पु० ) १ उत्पत्ति | २ प्राणी जीवधारी ३ जप् ( था० परस्मै० ) [ जपति, जपित, उप्त ] मन ही मन किसी ( मंत्र को ) बारं बार कहना अप जाय। जपा (स्त्री० ) सदागुलाब का फूल या पौधा । जप्यं ( न० ) } मंञ जो जपा जाय । जप्यः (पु० ) जम् ) ( धा० पर० ) [ जति, जंभति] सङ्गम जंभू । फरना | रमण करना। (आत्म०) [ जमते, 1 जम्भते | जसुदाई लेना उवासी लेना । जम् ( ध० परस्मै० ) [ जमति ] खाना | जमदग्निः ( पु०) भृगुवंशीय एक ऋषि जो परशुराम के पिता थे। इनके पिता का नाम ऋचीक और माता का नाम सत्यवती था। जमदग्नि बड़े अध्ययन शील थे और कहा जाता है इन्होंने वेदा- ध्ययन भली भाँति किया था। इनकी मामी का नाम रेणु था। जिसके गर्भ से इनके पाँच पुन जयंती ? (पु०) [ द्विवचन ] पति पत्नी | दम्पती और जपन्ती जायापति | जंबालः जम्बालः अंबालिनी जी } (बी० ) नदी । (५०) १२काइ । लिवार | ३ केतक पौधा । जंबीरं [म्यः (पु०) : पिठा । २ मित्र १२ वर ( दूल्हा) का | जम्बीरम् } (न०) जमीरी का फल । जंत्रीरः जम्बीरः 1 नातेदार । मित्र टहलुआ।३ साधारण जन ४ किंवदन्ती अफवाह । ५ उत्पत्ति सृष्टि । पैदायश । उत्पन्न। सृष्टि की हुई वस्तु कर्म (क्रिया का फल ) ३ शरीर | ४ जन्म के समय होने वाला अशकुन १५ हार । पैंठ । मैला । ७ युद्ध | लड़ाई ७ भर्त्सना । फटकार। न्या (खी०) १ माता का मित्र | २ वधू के नतैत । (पु०) जभीरी का वृक्ष । सात जंबु, जम्बु ) (स्वी०) जामुन का फल और जामुन का जंबू, जम्बू) पेड़-खण्डः, - द्वीपः, (१०) द्वीपों में से एक, जो मेरु पर्वत को घेरे हुए हैं। (पु०) १ शृगाल | गीदड़ २ नीच मनुष्य ३ जामुन का सं० शु० कौ० ४२ जंबुकः जम्बुक जंबूकः, अम्बूकः फल ।
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