तरस्विन रस्विन (वि० ) [ स्त्री० -तरर्रास्वनी ] फुर्तीला २ मज़बूत । शक्तिमान बलवान । १ हल्कारा २ वीर | ३ पवन वायु संधुः रान्धुः नरालुः ( ३५० ) तर्षणम् १ तेज़ | तर्क ( धा० उभय०) [तर्कयति--तर्कयते, तर्कित ] साहसी १ कल्पना करना अनुमान करना सन्देह करना । विश्वास करना ।२ परिणाम पर पहुँचना । ३ बहस करना । विचारना । ४ सोचना । इरादा करना । ५ खोजना | ढूढ़ना | ६ चमकना । ७ बोलना । ( पु० ) बड़ी और चपटी तली की नाव । नरिः ( ( स्त्री० ) १ नाव | २ कपड़े रखने का तरी संदूक | ३ कपड़े का छोर या किनारा - रथः, (पु० ) पणो । डाँड़ । नरिकः ) नरिकिन्) .रिका (स्त्री० )) रत्रं ( न० ) रित्री (स्त्री० ) (स्त्री० ) रीषः (पु० ) १ नाव । बेड़ा । २ समुद्र | ३ योग्य पुरुष ४ स्वर्ग २ कार्य व्यापार | पेशा। रुः ( पु० ) वृक्ष ।—खण्डः, ( पु० ), – खराडं, ( न० ), – पण्डः, ( पु० ), षराडम्, ( न० ) वृक्ष समूह | - जीवनम् ( न० ) पेड़ की जड़ -तलं, ( न० ) वृख की जड़ के समीप की भूमि । –नखः, ( पु० ) काँटा । - मृगः, (पु०) वानर 1- रामः, ( पु० ) १ कली या फूल । २ शँखुचा कल्ला अङ्कर --राजः, ( पु० ) सालवृक्ष 1 – रूड़ा. (स्त्री॰) वह वृक्ष जो दूसरे वृक्ष पर जमे या फैले ।—विलासिनी, ( स्त्री०) नवमल्लिका लता । —शायिन्, ( पु०) पक्षी वरुण ( वि० ) १ जवान | युवा | २ छोटा । हाल का पैदा हुआ। कोमल । मुलायम । हाल ही का उगा हुआ । ३ नवीन | ताज़ा टटका ४ ज़िन्दा- दिल ज्वरः, ( पु० ) वह ज्वर जो एक सप्ताह तक न उतरे।-- दधि, ( न० ) पाँच दिन का रखा हुआ दही। -पीतिका, ( स्त्री० ) इंगुर । विष विशेष | (पु०) मल्लाह ! नाव खेवने वाला। -नाव । पोस। जहाज़ | तरुणः ( पु० ) युवा पुरुष | जवान आदमी | तरुणी (स्त्री० ) युवती की । जवान श्रौरत । तरुश ( वि० ) वृक्षों का बाहुल्य अथवा वृक्षों से परिपूर्ण | तर्कः ( पु०) १ कल्पना | अनुमान | क़यास । अटकल २ युक्ति | वादविवाद | ३ सन्देह | ४ न्याय शास्त्र तर्क शास्त्र | २ थाँकाक्षा | ६ कारण । हेतु 1 - विद्या, (स्त्री० ) न्याय शास्त्र । तर्ककः ( पु० ) १ उम्मेदवार जिज्ञासु । प्रार्थी । २ न्याय शास्त्र का जानने वाला । तर्क: ( पु० स्त्री० ) तकुआ जिस पर चर्खे में सूत लपिटता जाता है ।-पिण्डः, - पीठी, ( न० ) तकुआ के निचले छोर पर का गोला । तर्त्तुः ( पु० ) सेई । जन्तु विशेष । | तदर्थः ( पु० ) शोरा । तर्ज ( धा० परस्मै० ) [ तर्जति, तर्जयति-तर्जयते, तर्जित ] डरवाना | भयभीत करना । २ फट कारना। गरियाना। डाँटना। भर्त्सना करना । कलङ्क लगाना | ३ चिढ़ाना | चिंगाना | तर्जनं ( न० ) } : भयभीत करना । खरवाना | तर्जना ( स्त्री० ) ) २ भर्त्सना । तर्जनी (स्त्री० ) अँगूठे के पास की अँगुली । तर्णः तक } ( S० ) बछड़ा । यढ़वा । त: (पु० ) १ बेड़ा | २ सूर्य | तद् ( धा० परस्मै० ) [ तर्दृति ] १ घायल करना । चोटिल करना | २ वध करना | काट गिराना | तर्पणम् ( न० ) १ प्रसन्न करना सन्तुष्ट करना । २ सन्तोष प्रसन्नता । ३ आन्हिक पाँच कर्तव्यानु- ष्ठानों में से एक पितृयज्ञ विशेष | 8 समिधा | हवन के लिये इंधन। -हन्छु (पु० ) भीष्म पितामह की उपाधि । तर्मन् ( न० ) यज्ञीयस्तम्भ का शिरोभाग | तर्षः ( पु० ) १ प्यास | २ कामना | इच्छा | ३ समुद्र । सागर । ४ नाव | ५ सूर्य । तर्पणम् ( न० ) प्यास | तृषा ।
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