अध्यवसायिन् लगातार उद्योग । अविश्रान्त परिश्रम १ उत्साह | निश्चय | प्रतीसि । ( ३२ ) समे वर्गः परदायाचप्रहार उपध्यासः परिवर्त पटल का एहसानन ॥ स्थाम मकरसं चैव पर्वोरलासादिकानि च । द मायशः परिकोर्तिती # अभ्यवसायिन् (न०) १ लगातार उद्योग करनेवाला । परिश्रमी उद्योगी उद्यमी १२ उत्साही । J अध्यशनं ( न० ) अधिक भोजन। एक बार भर पेट | अध्यायिन् ( वि० ) पड़ने वाला । अध्ययनशील । खा लेने पर, उसके न पचते पचते पुनः खा लेना । अजी। अपन अभ्यारूढ (वि० ) १ चढ़ा हुआ । सवार २ ऊपर उठा हुआ। उन्नत पर पहुँचा हुआ | ३ ऊँचा । श्रेष्ठ | ४ नीचा अनुतम | अध्यात्म ( वि० ) आत्मा सम्बन्धी । --ज्ञानम् (न०) आमा अनात्मा का विवेक - विद्या (स्त्री० ) अध्यात्मतत्व। जीव और ब्रह्म का स्वरूप बतलाने वाली विद्या | 1 अध्यूढः घ्यध्यारोपः ( पु० ) १ उठाना । ऊँचा फरना | २ ( वेदान्त मतानुसार ) भ्रमवश दूसरी वस्तु को दूसरी वस्तु समझना यथा रस्सी को साँप सम- झना । ३ मिथ्याज्ञान | अध्यात्म (न०) आत्मा। देह | मन । “स्वभावोsध्या- त्ममुख्यते” गीता के इस वाक्यानुसार स्वभाव को | अध्यारोपणं (न०) १ उठाना | २ बोना (बीजों का)। अध्यात्म कहते हैं। श्रीधर के मतानुसार प्रत्येक शरीर में परवझ की जो ससा या अंश वर्तमान रहता है, वही अध्यात्म कहलाता है 1 9 शुल्क लेकर पढ़ाना। श्रध्यापनम् ( म० ) पढ़ाना। शिक्षा देना। ब्राह्मणों के षट् कर्त्तव्यों में से एक स्मृतिकारों के मता नुसार अध्यापन तीन प्रकार का है धर्मार्थ पढ़ाना | २ ३ सेवा के बदले पढ़ाना। अध्यापयितु (पु० ) शिक्षक पढ़ाने वाला। अध्यायः ( पु० ) १ पाठ। अध्ययन (विशेषतः वेदों का) । २ अध्ययन का उपयुक्त काल। पाठ उपदेश । ३ प्रकरण । किसी अन्य का एक बड़ा भाग | संस्कृतकोशकारों ने अध्याय के परियायवाची मे शब्द बतलाये हैं:- अध्यावापः (पु० ) ( बीजों को ) बोने या बोने के लिये छितराने की क्रिया २ खेत जिसमें बीज बोये जाँय । 1 अध्यात्मिक ( वि० ) [स्त्री० --अन्यात्मकी] अध्यात्म | अध्यावाहनिकम् ( न० ) छः प्रकार के उन स्त्रीधनों सम्बन्धी । में से एक जिसे स्त्री ससुराज जाते समय अपने माता पिता से पाती है। अध्यापकः ( पु० ) शिक्षक | गुरु । उपाध्याय पढ़ाने वाला । ( विशेषकर वेदों का ) विष्णुस्मृति के अनुसार अध्यापक के दो भेद हैं | एक आचार्य "यन पुगते नारी मोगमामा तु पैतृकात्। (गृह) अध्यावाइनिकम् नाम स्त्रीधनं परिकीर्तित" जो द्विज बालक का उपनयन संस्कार कर उसे वेद | अध्यासः (१०) (१ किसी पर बैठना । (किसी स्थान पढ़ने का अधिकारी बनाता है और दूसरा उपाध्याय जो अपने छात्र को चुपयर्थ कोई विद्या पढ़ा देता है। है अध्यासनम् न० ) [ को) रोकना या छेकना अध्यक्ष का काम करना । २ बैठकी। स्थान। अध्यासः (पु० ) देखो अध्यारोप | मिथ्याज्ञान । उपाङ्ग । अनुपङ्ग । अध्याहारः (पु) (8 किसी वाक्य को पूरा करने अध्याहरणम् (न०) J के लिये उसमें छूटी हुई बात को मिला कर उस वास्या को पूरा करना । वाक्य को पूरा करने के लिये उसमें ऊपर से कोई शब्द मिलाना था जोड़ना । २ तर्क वितर्क । उहावोह | विचार बहस विचिकित्सा | अभ्युट्र: ( पु० ) गाड़ी जिसमें ऊँट जुते हों। चौपहिया अभ्यूट ( वि० ) ऊपर को ऊठा हुआ। उमड़ा हुआ। अध्यूढः ( पु० ) शिव
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३७
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति