दहक ग्रूह ( पु० विशेष ढंग से सेना को खडे करने की व्यवस्था - शास्न, ( न० ) दण्डविधान की पद्धति । फौजदारी कानून 1 - हस्तः, ( स्त्री० ) द्वारपाल दरवान । २ यमराज दंडनं दण्डनम् दंडादंडि दंडकः दशक: } । २ पंक्ति। अवली | ३ छन्द का नाम । दंडका, दण्डकः ( पु० ) ) १ नर्मदा और गोदावरी दंडका, दण्डका ( स्त्री० ) के बीच दक्षिण भारत दंडक, दण्डकम् (न० ) ) का एक प्रसिद्ध प्रान्त । दधू (धा० श्रा० ) [ दधते ) १ ग्रहण करना । २ दत्तकः ( पु० ) गोद लिया हुआ पुत्र | दव ( घा० आत्म० ) [ ददते ] देना | नज़र करना । दद ( वि० ) देते हुए | नज़र करते हुए । ददनं ( न० ) दान | भेंट | श्री रामचन्द्र जी के समय में यह प्रान्त उजाड़ रखना। अधिकार में कर लेना | ३ देना | नज़र करना। भेंट करना । पड़ा था । } ( न० ) सज़ा ! जुर्माना । अर्थदण्ड । वगडावण्डि । ( अव्यया०) लट्ठों की लड़ाई । दंडारः ) ( पु० ) १ गाड़ी | २ कुम्हार का चाक । दण्डारः । ३ नाव | बेड़ा | ४ मस्त हाथी । दंडिकः दण्डिकः } ( पु० ) आसाधारी । दंडिका ) ( स्त्री० ) १ जड़ी | २ पंक्ति । अवली । दण्डिका ३ मोती का हार। हार । ४ रस्सा | दंडिन् ( पु० ) १ संन्यासी । २ द्वारपाल । दण्डिन् । ३ डाँड चलाने वाला खेवट। ४ जैनी साधु ५ यम । ६ राज्जा ७ काव्यादर्श तथा दश कुमारचरित्र का रचयिता दंत् ) ( पु० ) दाँत । – इदः, – (दच्चदः) (पु० ) दन्त् । ओठ | दत्त (व० कृ०) १ दिया हुआ दे डाला हुआ। भेंट किया हुआ | २ सौंपा हुआ । हवाले किया हुआ। ३ रक्खा हुआ पसारा हुआ अनप कर्मन् – अमदानिकं, (न० ) दी हुई वस्तु को न देना। हिन्दूधर्म शास्त्र में वर्णित बारह प्रकार के स्ववाधिकारों में से एक ।-अवधान, ( वि० ) मनोयोगी । —प्रायः (पु० ) एक ऋषि का नाम जो अत्रि और अनुसूया से उत्पन्न हुए थे और जो ब्रह्मा विष्णु और महेश का मिश्रित अवतार माने जाते हैं । – आदर, ( वि० ) सम्मान प्रदर्शित करने वाला । आदर करने वाला। - शुल्का, ( स्त्री० ) दुलहिन जिसके लिये दहेज़ दिया गया हो । हस्त, (वि० ) हाथ का सहारा देने वाला। हाथ का सहारा पाये हुए। दन्त दत्त १० ) १ हिन्दू धर्म शास्त्रानुसार १२ प्रकार के पुत्रा मे से एक २ वश्य की उपाधि विरोप ३ दत्तात्रेयी | दधि ( न० ) जमा दूध जमाया माठा | २ तारपीन | ३ वस्त्र ।-अनं, - धोदनं, ( न० ) दही मिला हुआ माठा 1-उत्तर, उत्तरकं, - उत्तरगं, ( न० ) दही का तोड़ /-उद- उदकः, ( पु० ) दुद्धिसागर 1-कुचिका, ( स्त्री० ) दही मिश्रित भात । - वारः, ( पु० ) रई । --जं, (न० ) ताज़ा सक्खन - फलः, ( पु० ) कैथा /-भण्डः, - वारि, ( न० ) दही का तोड़ 1 -मंथन, ( न० ) दही का बिलोना । —शोगाः, ( पु० ) बंदर | सक, ( पु० बहु० ) जव का भोज्य पदार्थ जिसमें दही मिला हुआ हो ।-सारः, - स्नेहः, ( पु० ) साझा मक्खन - स्वेदः, ( पु० ) माठा | दघित्थः ( पु० ) कैथा । कपित्थ । दधीचः ( पु० ) एक प्रसिद्ध ऋषि का नाम जिन्होंने वज्र बनाने के लिये अपने शरीर के हाड़ दे दिये थे। -अस्थि (न०) १ इन्द्र का वज्र २ हीरा । दनुः ( स्त्री० ) दानवों की माता जो दक्ष की लड़की और कश्यप की पत्नी थी । - जः, -पुत्रः, - सम्भवः, - सूनुः, (पु०) दैत्य । दानव । - द्विपू, (पु०) देवता । दन्तः ( पु० ) १ दाँत | कौंप | विषदन्त । २ हाथी का दाँत | ३ बाण की नोंक ४ पर्वत की चोटी । ५ कुल । –अग्रॅ, ( न० ) दाँत का अग्रभाग | -अन्तरं, (न० ) दाँत के बीच का हिस्सा । -उद्भदः, ( पु० ) दाँत निकालना । - उलूख- लिकः, ( पु० ) - खालिन्, (पु० ) जो दातों से उखरी मूसल का काम ले । तपस्वी विशेष । सं० शु० कौ०-४७
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