दर्पित, दर्पिन् ( ३७२ ) दशकम् दर्पित ) (वि० ) [ श्री० दर्पिणी ] अभिमानी | दर्शित ( वि० ) १ दिखलाया हुया । प्रकट हुआ। दर्पिन अहकारी | चिडचिग | दर्भ ( पु० ) कुशा एक प्रकार की पवित्र घास -अनूपः, ( पु० ) जलमपुर देश जहाँ कुश बहुतायत से लगे हों।~यः (पु०) मूंज | दर्भट ( न० ) निज का कमरा दुर्वः ( पु० ) : हिस जन । उपद्रवी श्रादमी । २ राक्षस | दैस्य | ३ कलछी | दवट: ( 50 ) 9 चौकीदार (गाम का) । २ दरवान 1 द्वारपाल । दर्घरिक ( पु० ) इन्द्र २ वाजा विशेष | ३ प्रदुभूल | २ देखा हुआ । समझा हुआ। ३ समझाया हुआ। सिद्ध किया हुआ | ४ स्पष्ट | दर्शिन् (वि० ) [ स्वी० दर्शिनी ] देखने वाला। पहचानने वाला जानने वाला समझने वाला। दलू (धा० परस्मै०) [दलति, जित] १ फटपड़ना । चीरना | दरार करना | तड़काना । फोहना। २ फैलाना खिलाना। दर्ज ( न० ) दलः (पु० ) ) १ टुकड़ा हिस्सा २ अंश । ३ भ्यान | परवला । १ आधा छोटा अनुर कोंपल 1 पत्ता ६ किसी हथियार का फल | ७ ढेर | समूह परिमाण सेना की टुकड़ी।ढक (५०) फेन । फेना। २ समुद्री मत्स्य विशेष की हड्डी | ३ खाई। गढ़ा | ४ आँधी तुफान | गेरु पवन वायु 1 दविका (स्त्री० ) की। चमचा दव ) (खी० ) १ चमचा | २ सर्प का विः ) फन । --करः, ( पु० ) सौंप सर्प । दर्श: ( पु० ) १ दृश्य | तमाशा | दर्शन | २ श्रमा- वास्या ३ यज्ञ विशेष-पः (पु० ) देवता । ~यामिनी, ( स्त्री० ) अमावास्या की रात 1- विपद् ( पु० ) चन्द्रमा ( पु० ) कुन्द की वे 1~-निर्माक:, ( पु० ). भूर्ज वृष-पुष्पा, (स्त्री० ) केतक तृण-- सूचिः, -सूची (स्त्री० ) काँटा 1-स्नसा, ( स्त्री० ) पत्ते का रेशा या नस दर्शक ( वि० ) 1 देखने वाला | २ दिखलाने वाला || दलनम् ( न० ) फटना | तोड़ना | काटना । हिस्से बसलाने वाला । करना। कुचलना पीसना। धीरना। दर्शक (पु०) १ दिखाने वाला या दिखाने के लिये सामने रखने वाला ३ २ द्वारपाल । दरखान । दलित } (पु० स्त्री०) मट्टी का ढेखा । पहरेदार कारीगर | ३ निपुणजन दर्शनम् ( न० ) १ देखना । २ जानना | समझना || पहचानना। ३ दश्य ४ आँख ५ पर्यवेक्षण | | मुशायना | ६ सेंट करना । ७ उपस्थित होना । ८ रूप। वर्ण आकार। ६ स्वप्न । १० समझ । परख । बुद्धि ११ फैसला निर्णय | धारण । १२ धर्म सम्बन्धी ज्ञान । १३ दार्शनिक सिद्धान्त | १४ दर्शन | १२ आईना दर्पण १५ गुण । नैतिक विशेषता ।१६ यज्ञ /-इप्सु ( वि० ) दहनः, ( पु० ) बन की आग। दावानल | देखने का अभिलाषी । —प्रतिभूः, (पु०) उपस्थित | दवधुः ( पु०) १ अग्नि । गर्मी । २ पीड़ा । चिन्ता । । होने के लिये ज़मानत । दुःख ३ आँख का फूलना। दर्शनीय ( वि० ) इ देखने योग्य | पहचानने योग्य । २ देखने योग्य मनोहर सुन्दर अदालत में उपस्थित करने के लिये । दविष्ठ ( वि० ) दूरवस | सब से अधिक दूर । दवीयस् (वि० ) : दूरवर २ बहुत परे । दशक ( वि० ) इस युक्त दसगुना। दशकम् ( न० ) दस का समूह | दर्शयितु] ( पु० ) रखवाना द्वारपाल । २ पथ प्रदर्शक | दलपः ( पु० ) १ हथियार २ सुवर्ण | ३ शाख दलशः (अन्य ) टुकड़े टुकड़े करके। दलित ( ६० ० ) टूटा हुआ फड़ा हुआ । चिरा हुआ। फटा हुआ । खुला हुआ। फैला हुआ । दमः ( पु० ) १ पहिया । २ जाल बेईमानी। ३ पाप । दवः (पु०) १ जंगल | वन | २ दावाग्नि | वनदद्दन । ३ अग्नि । गर्मी १४ ज्वर। पीड़ा |-अशिः - 2
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