दप्ति ( ३८० दीत १ (व० कृ० १ जला हुआ । प्रकाशमान २ धधकता हुआ चमकीला ३ बला हुआ । 4 ४ भड़का हुआ उत्तजित किया हुआ । -अंशुः ( पु० ) सूर्य । अतः, ( पु० ) विवार। -अग्नि, (वि० ) जलता हुआ -- नि:, ( ० ) १ धधकती हुई आग | २ अगस्त्य जी का नाम । - अङ्ग (पु० ) मयूर मोर । - आत्मन् (वि० ) क्रोधन स्वभाव का | - उपलः, ( पु० ) सूर्यकान्त मणि किरणः, ( पु० ) सूर्य 1 – कॉर्तिः, (१०) कार्तिकेय का नाम । - जिल्हा, (स्त्री० ) लोमड़ी | [ यह प्राय: किसी बदमिजाज़ या कलहप्रिया स्त्री के लिये रूप से प्रयुक्त होता है।] -नपस्, ( वि० ) तपस्या में निरत - पिङ्गलः, ( पु० ) सिंह 1- रसः ( पु० ) केंचुवा । -लोचनः, ( पु० ) बिल्ली 1-जोहं ( न० ) पीसल | काँसा | दीप्तं ( न० ) सुवर्ण | सोना । . . - दीप्तः ( पु० ) १ सिंह । २ नीबू या बिनौरे का पेड़ | दीप्तिः ( स्त्री० ) १ चमक आभा | कान्ति अत्यन्त मनोहरता । ३ लाख | चपड़ी । ४ पीतल । ( पु० ) कन्धरः ( पु० ) सारस पक्षी दीप्र (वि० ) चमकीला । भड़कीला । दीप्रः ( पु० ) अग्नि आग दीर्घ (वि०) [ तुलना करने में द्राघीयस् Compar. - द्वाघ्रिष्ट, Superl.] श्लंबा (समय और स्थान सम्बन्धी ) बहुत दूर तक पहुँचने या व्याप्त होने -- वाला । २ दीर्घकालीन । बहुत समय का । अरुचि उत्पन्न करने वाला। ३गम्भीर । ४ दीर्घं (जैसे स्वर) ५ ऊंचा | लंवा |-- - श्रध्वगः, ( पु० ) हल्कारा। कासिद । - अहन्, ( पु० ) ग्रीष्मऋतु । आकार (वि० ) लंबा अधिक, चौदा कम 1- घ्यायु, थायुस्, ( वि० ) दीर्घजीवी 1- आयुधः, ( पु० ) १ माला | २ बर्धी आदि कोई भी लंबा हथियार । ३ शूकर- श्रास्यः, हाथी कराठः, कराठकः, " - - काय ( वि० ) क़द में लंबा 1 - केशः, (पु० ) रीछ ।-गतिः, - दुख ग्रीव 1. !-- नादः, (५०) १ कुत्ता | २ - — घाटिक झ्घ ( पु० ) ऊँट जिह्व, ( पु० ) सर्प तपसू (पु०) अहल्या के पति गौतम का नाम तरु ढाड ( पु० ) ताड़ वृक्ष / -तुराडी, ( स्त्री० ) चछू - दर । -र्शन, ( दि० ) १ दूर देखने वाला । आगा पीछा सोचने वाला विवेकी । समझदार । २ बुद्धिमान । मतिमान ( पु० ) १ रीछ । २ उल्लू । नाद (वि० ) निरन्तर अति कोला- हल करने वाला मुर्गा | ३ शङ्ख – निद्रा, (स्त्री० ) दीर्घकालीन नींद । मृत्यु ।-पत्रः, (पु० ) ताड़ का वृक्ष पादः, ( पु० ) बगुला बूटीमार-पादप, ( पु० ) १ नारियल का पेड़ सुपाड़ी का पेड़ । ३ ताड़ का पेड़ - पृष्ठः, (पु० ) सर्प - बाला, ( श्री० ) मृग विशेष | चमरी । - मारुतः, ( पु० ) हाथी । – रतः, (पु० ) कुत्ता । रदः, (पु० ) शूकर 1-रसनः, ( पु०) सर्प । रोमन, (पु० ) शूकर । - वक्त्रः, (पु०) हाथी । -सक्थ, ( वि० ) बड़ी बड़ी जांघों वाला - सत्रं, (न० ) दीर्घ-काल-व्यापी सोमयाग - सत्रः, (पु० ) ऐसा यज्ञ करने वाला । —सूत्र, -सूत्रिन्. ( वि० ) धीरे काम करने वाला । - धीमा सुस्त । दीर्घसूत्री । 1 दीर्घ (०) १ अर्से का । अर्से तक । २ गह- दीर्घः ( पु० ) १ ऊंटे । २ दीर्घ स्वर राई से । गम्भीरता से । ३ दूर सुदूर दीर्घिका ( स्त्री० ) १ दिग्धी | लंबी झील । २ झील । या कूप । दीर्ण (वि० ) १ फटा हुआ । चिरा हुआ | २ भय- भीत। डरा हुआ। दु (धा० परस्मै०) [दुनोति, दूत या दून] १ जलाना। , भस्म कर डालना। २ सताना । सन्तप्त करना । संग करना। ३ पीड़ित करना । दुःखी करना । दुःख ( वि० ) १ पीढ़ाकारक | अप्रिय प्रतिकूल २ कठिन । असरल । - अतीत, ( वि० ) दुःखों से मुक्त । – अन्तः, ( पु० ) मोक्ष : – कर, ( वि० ) पीड़ादायी । कष्टदायी । ग्रामः, ( पु० ) सांसारिक अस्तित्व | दुःखदायो दृश्य
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