का हड़या ( स्त्री० ) गभवता स्त्री होट पु० ) अग्नि । डिक (वि०) १ दूहरा जुट्टद्वार। दो से युक्त | २ दूसरा ३ दूसरी दार होने वाला । ४ दो से बढ़ा हुआ। दोड़ा | 1 द्विनय (वि०) [[स्त्री--द्विनयीं] दो से युक्त अथवा हो में विभक्त दूना। दूसरा द्वितयं, (म०) जोड़ा | जुट्ट द्वितीय (वि०) दूसरा । आश्रमः, (पु०) गृहस्थाश्रम गार्हस्थ्य | मं द्वितीयः (०) कुम्व में दूसरा पुत्र र साथी सामीदार | पत्तीदार मित्र ( ३१८ ) द्वितीया (सी०) १ चान्त्र मास की दूसरी तिथि २ पत्नी साथी साकीदार | ३ विभक्ति विशेष 1 अधिकृत किये हुए । द्विध (वि० ) दो भागों में विभक्त । द्विधा (अव्यवा०) दो भागों में दोप्रकार से। करणं, (न०) दो भागों में विभक्त करना । - गतिः, (पु० ) १ कैकड़ा | २ मगर | नक्र | ३ जल-थल-चर बन्तु । द्वितीयक (वि०) दूसरा द्वितीयकृत (वि० ) दो बार जुता हुआ । द्वितीयिन् (चे०) स्त्री०~-द्वितीयिनी] दूसरे स्थान का द्वेषणः (पु० ) शत्रु | बैरी | द्वेषिन् ? (वि० (त्रि० ) या करने वाला | वैर करने बोला। (go ) शत्रु | द्वेष्ट द्वेष्य ( स० का० ऋ० ) १ घृणा करने योग्य घृण्य अप्रिय । द्विशस् (अन्यथा०) दो दो करके द्विप् (धा० उभय० ) [द्वेटि छिटे बिट ] नकरत करना । वृणा करना । द्विष् (बि०) विरोधी | घृणा करने वाला । (पु०) शत्रु | द्विषः ( पु० ) शत्रु | द्विपत् (पु०) शत्रु | बैरी | दुश्मन । द्विए (वि०) १ थैरी | अशुभचिन्तक २ अरुचिकर घृण्य | द्विघं ( म० ) साँबा | 4 द्विसू (अन्या० ) दुवारा 1-आगमनम्, [ =द्विराग मनमू] (ज०) गोना-~-श्रापः [द्विराष:] (०) हाथी । उक्त (वि) [द्विरुक] दो बार कहा हुआ। दुहराया हुआ। २ फालतु अधिक - उक्ति, (खी० ) [ द्विरुतिः ] १ पुनरावृत्ति | दुहराना । २ फालतूपना व्यर्थत्व -- ऊढा, ( द्विरुढा) (स्त्री०) स्त्री जिसका से वार विवाह हुआ हो।- भावः, (१० ) - चचनं, (न० ) दुहराव । द्वीप (न०) (१ दादू | २ पनाह | पैदावार 1- । द्वीपवत (वि०) द्वीपों से परिपूर्ण/- ( पु० ) समुद्र । द्वीपः (पु०) । कर्पू:, (go ) चीन का कपूर | द्वीपवनी (स्त्री०) पृथिवी 1-- द्वीपिन (पु०) १ चीता | २ लकड़बग्घा 1-नखः, -नवं, (न० ) 1 चीते के नाखून २ सुगन्ध द्रव्य विशेष । द्वेधा (अव्यया० ) दो भागों में दो प्रकार से | दुवारा । J द्वेषः ( पु० ) १ घृणा | अरुचि नरव | २ शत्रुता । द्वेषण ( वि०) नफरत करने वाला नापसन्द करने घाला । द्वेषणं ( न० ) घृणा । अरुचि | नफरत | द्वेष्यः ( पु० ) शत्रु | बैरी । | वैगुणिकः ( पु० ) वह ब्याजखोर जो सौ पर सूद लेता है। द्वैगुरायं ( न० ) १ दूनी रक्रम। दूना सुल्य या दूना नाप | २ द्वेध | ३ तीन गुणों में से दो गुणों की विद्यमानता ( तीनगुण-सत्व, रजस् और समस्) । द्वैतं ( न० ) १ दुई | २ द्वैतवाद | -वनं, (न०) वन विशेष |--वादिन, (पु० ) द्वैत सिद्धान्त मानने वाला । इतिन् (पु०) द्वैतीयीक. (वि०) [स्त्री०–छैनीयीको] द्वैध (वि० ) [ स्त्री०- हैंधी) दुहरा। दूना । 2 द्वैतवादी । २ दूसरा। घं ( द० ) १ दुहरापन | दो प्रकार का स्वभाव या अवस्था २ दो भागों में अलग किया हुआ । ३ अन्तर | फ़र्क | ४ सन्देह शक १ दो प्रकार का व्यवहार | दुहरापन | भीतर कुछ और बाहर कुछ । राजनीति के पड गुणों में से एक इसमें
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