धीजटिः, घोलटी ईर्ष्यापरायण हो, किन्तु अपने इस मानसिक भाव को वाह्य सतों से अपने पति या प्रेमी के सामने प्रकट न होने दे। धीलटिः धीलटी ) धीवरं ( न० ) लोहा । } ( स्त्री० ) पुत्री । { ४०७ ) धीवरः (पु० ) मधुआ। माहीगीर । मलाइ । धोवरी (स्त्री० ) १ मधुवा की स्त्री | २ मछली रखने की डलिया । धु (धा० उभय० ) [ धुनोति, धुनते, भुत ] अस्तुर: } (g० ) धतुरे का पौधा । देखो धूं । धुत्तू ( धा० आत्म० ) [ धुनते, धुनित ] s जलना भभकना । २ रहना। ३ थकना । धुत ( वि० ) हिलाकुचा । २ व्यक्त त्यागा हुआ । धुनिः } ( स्त्री० ) नदी । ~ नाथः ( पु० ) समुद्र । धुनी धुर् [ कर्त्ता एकवचन धूः ] १ जुआ | २ जुए का वह भाग जो जानवर के कंधे पर रहता है | ३ धुरी के छोरों की कीलें जो पहियों को निकलने से रोकती हैं। ४ बंब ५ बोक। भार| दायित्व कर्तव्य | वेगार | ६ सब से आगे का या सब से ऊँचा भाग। चोटी । सिर । -गत, (= धूर्गत ] ( वि० ) १ रथ के बाँस पर खड़ा हुआ । २ मुख्य प्रधान । अनुश्रा जटिः, (धूर्जटः ) ( पु० ) शिव जी की उपाधि । -( घर, = धूर. धुरन्धर ) ( वि० ) १ जुआँ ढोने वाला । २ जोतने योग्य । ४ सदुणों से सम्पन्न । आवश्यक कर्तव्यों के भार से भारान्वित । ४ प्रधान । मुखिया नेता । -धरः, ( पु० ) १ बोझ ढोने -चाला जानवर । २ काम धंधे में संलग्न मनुष्य ३ प्रधान | नेता । सुखिया । वह, /= धुर्वह) (वि०) १ बोझ ढोने वाला । २ व्यवस्थापक (--- षहः, (पु० ) बोझ ढोने वाला जानबर /-- धूर्वोढ भी इसी अर्थ में प्रयुक्त होता है। धुरीणः } {T० कयो कोने माता धुरीयः वर ३ कामधन्धे में लिस मनुष्य | ४ सुखिया प्रधान नेता । धुर्य (वि० ) १ वोझ ढोने योग्य बोद्ध उठाने योग्य २ उत्तरदायी कर्तव्यों का भार सौंपने योग्य | धुर्यः (पु० ) १ बोझा होने वाला जानवर | २ घोडा या बैल जो गाड़ी या रथ में जुता हुआ हो । ३ योक ढोने वाला | ४ प्रधान मुखिया नेता । २ सचिव | दीवान | मंत्री धुरा ( स्त्री० ) बोझ | भार । धुरीण ) ( वि० ) १ बोझ ढोने योग्य | भार } धुरीय उठाने योग्य | २ ( गाड़ी या हल में ) । जोतने योग्य | ३ उत्तरदायी कर्त्तव्यों से सम्पन्न || धू (धा० पर० ) [ धुवति, धवति, धवते, धूनीति, धुरते, धुनोति, धुनीते, धूनयति धूनयतें, धून धून ] १ हिलाना । आन्दोलन करना । २ दूर कर देना । धूः ( स्त्री० ) हिलने त्राली । काँपने वाली । आन्दोलन करने वाली। धूत (व० ० ) १ हिला हुआ | २ झड़ा हुआ | ३ स्थानान्तरित किया हुआ | ३ हवा किया हुआ। ४ व्यक्त। त्यागा हुआ। भागा हुआ ।५ विकारा हुआ । ६ जाँचा हुआ । ७ तिरस्कृत किया हुआ । ८ अनुमान किया हुआ - कल्मष, पाप, ( वि० ) पापों से युक्त | धून (व० कृ० ) कँपा हुआ । आन्दोलित | धूप ( धा० पर० ) [ धूपायति धूपायित ] १ गर्माना था गर्म होना २ धूप देना | ३ चमकना । ४ बोलना । धूपः (पु० ) एक प्रकार का हन्य विशेष जिसे आग पर डालने से सुगन्ध युक्त पुआँ निकलता है। इसके पञ्चाङ्ग दशाङ्ग, पोड़शाङ्ग आदि अनेक भेद हैं। अङ्गः, (५०) १ तारपीन २ सरल नामक वृक्ष | ३ –ई, (न० ) गुग्गुल 1- पात्रं, ( न० ) धूपदानी । धूपनं न० ) धूप देना। अगियारी देना । धूपित ( वि० ) धूप दिया हुआ | गर्माया हुआ। सुगन्ध युक्त किया हुआ। धूमः ( पु० ) १ धुआँ । २ कुहरा | ३ हल्का | ४ बादल । ५ डकार | ६ विशेष प्रकार का धुआँ
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