ध्यान्तम् ध्वान्तम् ( म० ) अन्धकार उन्मध ( पु० ) शृगुन्शात्रः (पु० ) चन्द्रमा ३ अग्नि ४ सफेद रंग | ३ वित्त, सूर्य २ नख नख ध्वान्तारि (पु०) सूर्य २ चाफ का पौधा । ३ चन्द्रमा आग यु (धा० पर०) [ध्वरति] १ झुकाना।२ मार डालना। भ नक्तकः ( पु ) मैले चिथड़े। मैले फटे कपड़े | नकं ( म० ) १ चौखट का ऊपर का काढ २ नासिका नाक | न संस्कृत या नागरी वर्णमाला का बीसवाँ व्यञ्जन और सबर्ग का पाँचयों वर्ण। इसका उच्चारणस्थान दन्त है। इसका उच्चारण करते समय आभ्यन्तर प्रयत्न और जीभ के थप्रभाग का दन्तमूल से स्पर्श होता है और वाह्य प्रयत्न, संवार, नाद, धोपनका और अप्राण है। ( स्त्री० ) १ नाफ २ शहद की मक्खियों या बरों का समूह | न (वि०) १ पतला। फालतु २ खाली रीता ३ : नक्षत्र ( न० ) १ तारा । २ ग्रह | ३ मोती 1 ईशः, वही समान | ४ अविभक्त ईश्वरा, नाथः, -पः पतिः, राजः, ( पु० ) चन्द्रमा |~ वर्क (न० ) - मण्डल | २ राशिचक्र |–दर्श ( ० ) फक्षित ज्योतिषी गणक ज्योतिषी मेमिः, ( पु० ) १ चन्द्रमा २ भुवतारा । ३ विष्णु । ( खी० ) रेवती नक्षत्र-पथः ( पु० नक्षत्र मण्डित आकाश-पाठकः, (पु० ) ज्योतिषी | २७ मोतियों की माला या हार ३ हाथी के गले का कठला । -योगः, ( पु० ) चन्द्रमा के साथ नक्षत्रों का योग-धर्मन, (3०) आकाश - विद्या. २ खी० ) खगोल विद्या ज्योतिष विद्या - वृद्धि (स्त्री० ) उल्कापात | सारे का टूटना - सूफ: ( पु० ) इसित अमोतिषी । नविन (पु.) १ चन्द्रमा २ विष्णु ) हाथ या पैर का नाखून पंजा अंगुल १२ वीस फी संख्या: (०) हिस्सा। भाग- धङ्क (४० ) सरौंच | नखचिन्ह | आघातः ( पु० ) परीच | नखवत 1- दकं (अध्यय० ) रात में रात के समय / ब ( पु० ) १ कोई भी रात में घूमने वाला प्राण- धारी १२ चोर (~चारिन (पु० ) रात में घूमने फिरने वाला। -दिनं, ( म० ) दिन रात | - दिवं, दिनं, (अन्यथा०) रात और दिन में। - नकः ( पु० ) मगर । घड़ियाल 1 नः ( पु० ) १ मोती । २ गणेश का नाम | ३ दौलत सम्पत्ति १४ दल | ५ युद्ध (०) नहीं न। -असत्यौ, (पु. बहु०) अश्विनी कुमार : एक, (वि० ) एक नहीं। एक से अधिक कई एक भिन्न भिन्न किञ्चन, (वि०) अत्यन्त धनहीन | भिखारीपन से । नकुटं ( ५० ) नाक | नासिका नकुलः (पु०) १ न्योजा । २ चौथे पाण्डव का नाम । नकम् (न० ) १ रात । २ रात को भोजन करना । ( एक प्रकार का व्रत ) --अन्ध, (दि०) रात की बँधा जो रात में न देख सके।--चर्चा (स्त्री०) रात में भ्रमण करने वाला चारित ( पु० ) 1 1 १ उदलू | २ बिल्ली | ३ चोर ४ रावस | दैव्या -भोजनं, ( म० ) राव का भोजन ज्यालू-नये माला ( पु० ) एक का नाम सुखा (०) सध्या प्रतं, (न०) दिन में उपवास और रात में भोजन। कोई भी व्रत जो रात में किया जाय। नखः 3 युधः ( पु० ) ३ सीता | २ सिंह | ३ मुर्गा | -शिन्. ( पु० ) उल्लू 1-कुट्ट ( १० ) नाई। जाहं ( ५० ) नखमूल 1- दारण (g०) बाज गीध-वार (न०) नाखून काट की कैथी - निरंतनं-रंजनी, (खी० ) नाखून काटने की कैथी । नहनी । --पदं, ( म० ) -- 1-
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