अनन्वयः ( ३५ ) एक ही से सम्बन्ध रखने वाला ।—सदश ( वि० ) – सद्दशी । ( स्त्री० ) बेजोड़ | अद्वितीय | अनन्वयः ( 3० ) १ अन्वयशून्य सम्बन्ध रहित । २ अर्थालङ्कार विशेष जिसमें एक हो उपमान और एक ही उपमेय हो । (वि०) जिसमें अधिक जल न हो। अपकार ( न० ) अपकर्मन (२०) वाला | २ अमोचन | ३ श्रदा नपकिया (स्त्री०) न करना । | १ अनुपकारी | अपकार न करने कर (पु० ) बुराई नहीं। भलाई । हित ।-- कारिन् (वि०) निर्दोष । अहित शून्य । अनपत्य (वि०) सन्तानहीन | सन्ततिवर्जित । जिसका कोई उत्तराधिकारी न हो। अनपत्रप (वि० ) निर्लज्ज | बेहया | बेशर्मं । अपभ्रंश (पु० ) ठीक ठीक बना हुआ शब्द शब्द विकृत रूप में न हो, अपने शुद्ध रूप में हो। अनपसर (वि० ) जिसमें से निकलने का कोई मार्ग न हो । २ असमर्थित । अक्षम्य । अनपसरः ( पु० ) बल पूर्वक अधिकार करने वाला जबरदस्ती कब्जा करने वाला । बरजोरी दखल करने वाला । अनपाय (वि०) धनश्वर। अविनाशी । अनपाय: ( पु० ) स्थायित्व । स्थितिशीलता । २ शिवजी का नाम । अनपायिन् (वि० ) अविनाशी । दद | मजबूत । स्थायी । क्षणभङ्गुर नहीं । अनपेक्ष ( ( वि० ) १ अपेक्षावर्जित । निःस्पृह | अनपेक्षिन् । २ असावधान ३ स्वतंत्र । जिसे किसी अन्य व्यक्त की परवाह न हो । जिसे किसी वस्तु की ज़रूरत न हो। ४ निर्धेत । पचपात रहित ५ असङ्गत । अनपेक्षम् ( क्रि० वि०) स्वतंत्रता से | मनमुखबारी । यथेच्छ । अनवधानता से। अनर्थ्य जो पृथक न हो। ३ जो विहीन न हो। जो वर्जित न हो। [[अनभ्यस्त । अनभिज्ञ ( वि० ) अज्ञ | अनजान । अपरिचित । अनभ्यावृत्तिः (स्त्री०) न दुहराना | बारबार आवृत्ति न करना। अनपेक्षा (स्त्री० ) निःस्पृहता । उपेक्षा । अनपेत ( बि० ) १ दूर न निकला हुआ । जो व्यतीत न हुआ हो । २ जो विपथगामी न हो । अभ्यास } ( वि० ) समीप नहीं। दूर। थनम्र (वि० ) मेघविवर्जित । अनमः ( पु० ) वह ब्राह्मण, जो न तो किसी को स्वयं प्रणाम करे और न किसी को उसके किये हुए प्रणाम के बदले आशीर्वाद दे। अनमितंपच (वि० ) कृपणतया | लोभ से । अनंबर अनम्बर अनंबर: अनम्बरः } ( बि० ) नंगा । जो कपड़े पहिने न हो । } (पु० ) बौद्ध भिक्षुक । अनयः (पु० ) १ दुर्व्यवस्था । थसदाचरण । अन्याय अनौचित्य | २ दुर्नीति | कुपथ | ३ विपत्ति | दुःख | ४ दुर्भाग्य ५ जुआ । अनर्गल ( वि० ) अनियंत्रित | यथेच्छाचारी । २ विना ताळेकुंजी का । खुला हुआ। अर्घ (वि० ) अमूल्य | वेशनीमती । अनर्ध: ( पु० ) अनुचित मूल्य | अयथार्थं मूल्य | अनर्थ्य (वि० ) श्रमूल्य बड़ा प्रतिष्ठित अनर्थ ( वि० ) १ निकम्मा । किसी काम का नहीं । २ अभागा । दुःखी । ३ हानिकारक वाहियात बेमतलब का । – कर ( वि० ) 1- करी (स्त्री० ) उपद्रवी । हानिकारी । अनर्थ: ( पु० ) : निष्प्रयोजन या बिना मूल्य का । २ कोई वस्तु जो कोड़ी काम की न हो । निकम्मी वस्तु । ३ आपत्ति । विपत्ति | बद क्रिस्मती | दुर्भाग्य | ४ निरर्थक | अर्थशून्यता | अनर्थ्य | ( वि० ) १ अनुपयोग | अर्थरहित । अनर्थक २ वाहियात ४ जो लाभ- दायक नहीं है। हानिकारी ४ अभागा । तुच्छ | ३
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