नात्रम् मन्त्रम् नात्रम् ( न० ) प्रशसा विरुदावली मान्यम्. नादिकर, नादिकर. (पु० ) ) अशीर्वाद देने वाला। नांदिन मान्दिन ( ५० ) ) नाटक में नांदी का ( ४२१ ) कथन । नांदी ) ( स्त्री० ) १ प्रसन्नता हर्प सन्तोष | २ नान्दी समृद्धि २ देवस्तुति | ४ नाटक के पूर्व आशी- वदात्मक स्तुतिकरः, ( पु० ) शब्द करने वाला । नाव करने वाला |-- निनादः, ( पु० ) हर्षनाद (~-पटः, (पु० ) कूप का ढकना --- मुख, (वि०) पितृ जिनके लिये नान्दीमुख श्राद्ध किया जाता है। मुखश्राद्धं ( म० ) आभ्युदयिक श्राद्ध श्राद्ध जो किसी शुभ कार्य को आरम्भ करने के पूर्व किया जाता है।-मुखः, ( पु० ) कूप का ढकना । - वादिन, ( पु० ) १ नाटक में मङ्गलाचरण करने वाला २ दोल बजाने वाला। - नारग भारङ्ग ( न० ) १ चपना नाम बतलाना २ कोश | अपराध., (पु० ) नाम लेकर गाली देना । नाम निकालना यानी बदनामी करना :-श्रावली, (स्त्री०) नामों की तालिका । -करणं, -कर्मन, ( २० ) नामकरण संस्कार 1-महः, ( पु० ) नाम लेकर सम्बोधन करना । -धारक, धारिन्, ( वि० ) नाम मात्र रखने वाला नाम के लिये। सिर्फ नाम मात्र का। -धेयं, ( न० ) नाम । निर्देशः, (पु० ) नाम लेकर बतलाना । - मात्र (बि०) केवल नाम के लिये । माला, (स्त्री० ) -संग्रहः, (पु०) नामों की तालिका (मुद्रा, (श्री०) मोहर वाली अँगूठी।-वर्जित (वि० ) १ नाम रहित २ मूर्ख | मूह | - वाचक, (वि०) नाम बतलाने वाला । वाचकम् (न०) व्यक्ति या वस्तु का निज नाम। -शेष (वि०) जिसका केवल नाम बच रहा हो। मृतक मरा हुआ। नाभिः (स्त्री० ) विष्णु । नामित (वि० ) झुकाया हुआ है 1 नापितः ( पु० ) नाई । हज्जाम। नापित्यं ( न० ) नाई का धंधा नाभिः (पु० जी० ) १ नाह | नाफ | डुड़ी | २ चक्र- मध्य पहिये का मध्यभाग ३ प्रधान नेता मुखिया समीप की नातेदारी २ सम्राट ६ समीपी नातेदार | ७ क्षत्रिय | घर (स्त्री० ) मुश्क | कस्तूरी। -प्रावर्तः, (पु० ) दी का गढ़ा /-जः–जन्मन्, (पु०) ~भूः, (पु० ) ब्रह्मा -वाडी, (स्त्री०) -नालं, (न०) नारा । नाम्य (वि० ) लचीला झुकाने योग्य | नायः (पु० ) १ नेता | मुखिया । २ नेतृत्व । ३ नीति | 8 साधन । नायकः ( पु० ) १ नेता | चलाने वाला | २ प्रधान । प्रभु ३ मुख्य या प्रसिद्ध पुरुष ४ सेनानायक। चभूपति । ५ किसी काव्य का चरितनायक | ६ हार के बीच का रख । ७ मुख्य दृशन्त । अधिपः, (पु० ) राजा 1- नाभिल ( वि० ) १ नाभि सम्बन्धी | २ उभरी हुई | नायिका (स्त्री० ) १ स्वामिनी । २ भार्था । ३ किसी काव्य की प्रधानपात्री । नाभि वाला । नाभीलम् ( न० ) १ दुड़ी का गढ़ा | २ पीड़ा। कष्ट १३ भङ्गनाभि । ४ स्त्रियों के कटि के नीचे का भाग । उस्सन्धि । नाभ्य (वि० ) नाभि सम्बन्धी नाभ्यः ( पु० ) शिव जी । मामन ( न० ) १ शब्द जिससे किसी वस्तु व्यक्ति या समूह का ज्ञान प्राप्त हो। किसी वस्तु या व्यक्ति का निर्देश करने वाला शब्द संज्ञा आल्या अभिख्या २ – प्रङ्क, (वि० ) नाम से - चिन्हित ।-अनुशासनम्, (२०) - अभिधानं, तारः ( पु० ) जल |~-जीवनं, (न० ) स्वर्ण | मारं ( न० ) जनसमूह | नरों का समुदाय । नारक (वि० ) [ स्वी० -नारकी ] नरक सम्बन्धी । नारकः ( पु० ) 1 नरक | दोजख । २ नरकवासी। नारकिक नारकिन् (वि० ) नरक का । (g० ) नरकवासी । नारकीय नारंगः ) ( पु० ) १ नारंगी का पेड़ | २ लंपट | | नारङ्गः ) ऐयाश | ३ जीवधारी । ४ जुलही जुलहा । यमजप्राणी |
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