निदिग्धा निहिग्धा (स्रो०) छोटी इलायची । निदिध्यासनं (न० ) ) वारंवार स्मरण | वारंवार निदिध्यासः ( पु० ) ध्यान में लाना। निदेशः ( पु० ) १ शासन आशा हुक्म । २ कथन । वर्णन | वार्तालाप | : पढ़ोल । नैकटर | ४ ४ पात्र | बर्तन। यज्ञीयपात्र । निर्देशिन् (वि०) निर्देश करने वाला बतलाने वाला। निदेशिनी (स्त्री० ) १ दिशा | २ देश । 1 निन्द्रा ( स्त्री० ) १ नींद | २ सुस्ती | ३ मुकलित अवस्था । -भङ्गः, (पु०) जागरति । जागरण । -वृक्षः, ( पु० ) अन्धकार ।-सञ्जननं, (न०) कफ | श्लेष्मा । ( कफ की वृद्धि से नींद अधिक | निन्दु: } { स्त्री० ) जिसके पास मरा हुआ बच्चा हो । आती है ) नित्य } ( वि० ) : निन्दनीय | २ बर्जित । निषिद्। ( ठराड ) निपीडनम् हिंदू ) (धार पर० ) [ निन्दति, -निन्दित, - निन्दु प्रणिन्दति ] कल लगाना । धिक्कारना डाँटना फटकारमा निध्यानं ( म०) | दर्शन | देखना २ निर्देशन | निध्यानः ( पु० ) नाद । आवाज़ निनंच (वि०) इमरने का अभिलाषी | २ निकल भागने की इच्छा रखने वाला। निद्राणं ( न० ) सानेवाला उंघासा । निद्रालु ( वि० ) सोनेवाला। निद्राशील । निद्रित ( चि० ) सोया हुआ। निधन (वि० ) ग्रीय । धनहीन । निधनं (न० ) २ १ नाश | २ मरण | ३ समाति । निधनः ( पु०) अवसान ४ कुटुम्ब | जाति । निधानम् ( न० ) १ नीचे रखना । तरतीयवार जमा करना| २ सुरक्षित रखना बचा कर रखना। , ३ वह स्थान जहाँ कोई वस्तु रखी जाय | ४ वन्य- | निपल्या ( स्त्री० ) १ ज़मीन जहाँ विचलाहट या कोश ५ जमा । जीरा । सम्पत्ति | धन | फिसलन हो । २ रणक्षेत्र | निधिः (पु० ) घर आधार २ भारडार खजाना र सम्पत्ति कुबेर के नौ प्रकार के खजाने हैं। (यथा-पथा। महापद्म शङ्ख। मकर मुकुन्द | नील और चर्च ) | ४ समुद्र । ५ विष्णु ६ अनेक सदुखों से भूषित पुरुष ईशः -नाथः, ( पु० ) कुबेर | निधुवनं (०) आन्दोलन | कंप २ मैथुन ३ आनन्द उपभोग। क्रीड़ा + गाली देने वाय २ दुष्टता | निंदा, निंदक ) (वि०) निन्दा करने वाला | निन्दक ) वाला | बदनाम करने वाला। जिंदनं, निन्दनम् (न० )} : निन्दा (स्त्री०) बदनामी । हानि-स्तुतिः, (स्त्री० ) व्याजस्तुति स्तुति के रूप में निन्दा | निंदित ) ( ३० कृ० ) कलकित । यदनाम किया निन्दित हुआ। कुवाच्य कहा हुआ। } निनद ) ( पु० ) गाद | ध्वनि कोलाहल | २ निनादः । गुआर | भिनभिन शब्द । नियः ) ( 50 ) निपम् ) ( न० ) निपः (पु० ) फदम्ब का पेड़ | निपठः ) ( पु० ) पड़ना पाठ करना । अध्ययन निपाठः ) करना । निपतनम् (न० ) नीचे गिरने की क्रिया नीचे उतरने की किया। जल का घड़ा। नियाकः ( पु० ) पकाने की क्रिया ( जैसे कच्चे फल को ) । निपातः ( पु० ) : पतन गिराव पात २ अ पतन ३ विनाश ४ मृत्यु | क्षय नाश । २ ५ व्याकरण के मतानुसार वह शब्द जिसके बनने के नियम का पता न हो या जो व्याकरण के नियमों से सिद्ध न हो। निपातनम् ( म० ) १ गिराने का कार्य । २ नाश चय | ध्वंस | ३ वध हत्या | ४ नियमविरुद्ध शब्द का रूप । निपानं ( न० ) १ पीने की क्रिया २ तालाव | ३ कूप के समीप का हौद जिसमें पशुओं के पीने को जल भरा जाय | ४ कूप २ दूध दुहने का पात्र | निनयनं ( न० ) १ किसी कार्य को पूर्ण करने की | निपीडनम् ( न० ) १ दबा कर निकालने की क्रिया क्रिया २ उड़ेलना | २ घायल करने की क्रिया
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