dav व निर् बेरोकटोक येका २स्वतन्त्र खुदमुखत्यार ३ मनमौजी | जिद्दी-अवद्य, ( वि ) कलङ्क रहिस। दोपरहिस। जो आपत्तिजनक न हो।- अवधि, ( वि० ) असीम । सीमारहित ।- अवयव ( वि० ) जिसमें हिस्से न हों। अदृश्य ३ जिसमें अवयव (धंग-उपा) न हो । लब, (वि० ) असमर्थित बिना सहारे का २ जो सहारा न दे।अवशेष, (वि०) समूचा पूर्ण-अवशेषेण (अव्यया० ) सम्पूर्णतया बिस्कुल-घशन, ( वि० ) भोजन से परहेज़ करने वाला !-अशनं, ( १० ) कड़ाका | लंघन फाका । अस्त्र (वि० ) हथियारशून्य । खाली हाथ। -अस्थि (चि० ) जिसके हड्डी न हों। अहङ्कार, अहंकृति, (वि० ) अभिमान - रहिन । गर्वशून्य -ग्राकांत ( वि० ) जिसे आम हो । कामनाशून्य इण्डारहित - आकार (वि०) १ जिसका कोई आकार या शक सूरत न हो। जिसके आकार की भावना न हो । २ २ बदशक | बदसूरत कुरूप भद्दा | २ कपट वेशी ४ विनम्र लजालु आकारः, (पु०) 3 सर्वव्यापी सर्वशक्तिमान परमात्मा २ विष्णु । ३ शिव (~-प्राकृति ( वि० ) ३ श्राकार रहित । जिसको कोई शक न हो। २ बदशक | बदसूरत | -आकृतिः, ( वि० ) १ स्वाध्याथ रहित विद्यार्थी वेदपाठ रहित ब्रह्मचारी २ वैदिक कर्मानुष्ठान पञ्च महायज्ञादि कर्म से रहित। -प्राकुल ( त्रि०) १ जो विकल न हो। अनुहिन | २शान्त | हड़ | ३ स्पष्ट साफ-याकोश, (वि० ) जो दोषी न ठहराया गया हो। -भागस. ( वि० ) दोप रहित। पापशूभ्य |~-याचार, ( वि० ) आचार रहित । ~आडम्बर, (वि० ) 1 विना ढोल का । ढोलों से रहित। - प्रातङ्क, (वि० ) १ निर्भय । निदर। २ बिना किसी पीड़ा के । स्वस्थ्य | तंदु- रुआतप ( वि० ) गर्मी से रचित । छायादार जहाँ सूर्य की रश्मियों प्रवेश न कर सकें। आसपा, ( स्खी० ) रजनी रात ।--- आदर ( वि० ) अपमान । बेइज्जती - आधार, (वि० ) अवलम्ब या आश्रय रहित । 1 निर -आधि (वि० ) सुरक्षित चिन्ता - आपद, (वि० ) जिसे कोई आपा हो ग्रावाघ. (वि० ) १ उपद्रवों से रहित २ विनाका ३ जो उपवन करे।श्रामय, १ रोगरहित । स्वस्थ्य | २ | शुद्ध १२ दोषम्प३ कलह या ऐवों से रहित ४ पूर्ण सम्पूर्ण २ अचूक अभ्रान्त ।-आमयं- ( न० ) -श्रामयः ( पु० ) रोग से रहित । भला चंगा।--झामयः, (१०) जंगली चकरा २ शुकर - धामिष, (वि० ) १ जिसमें माँस न हो। माँस रहित २ जिसमें मैथुन करने की इच्छा न हो। जो लालची न हो। ३ जिसे पारिश्रमिक या मज़दूरी न मिले।शाव, (वि०) जिससे कुछ भी लाभ न हो जिससे कुछ भी आय या दो हो। प्रायास ( वि० ) सहज ---प्रायुध, (वि०) विना हथियार के खाली हाथ आजम्ध, ( वि० ) दिना सहारे का निराधार निराश्रय सरल १ 1 1 स्वावलम्बी २ मित्रशून्य i एकाकी प्रातांक, (वि०) जो देख न सके | इष्टिहीन प्रकाशशून्य | अन्धकार :-श्राश, (वि०) आशारहित 1- आशङ्क, (वि०) निडर | निर्भय 1--याशिस, ( वि० ) आशीर्वाद या वर रहित बिना किसी इच्छाका सदस्थ आश्रय, ( चि० ) निराव- लम्ब | निराधार ! साहाय्यशून्य एकाकी आस्थाद, ( वि० ) जिसमें कुछ भी स्वाद या ज्ञायका न हो । सीठा ।-आहार, ( वि० ) भोजन, (वि० ) विना भोजन का। --शाहरः, ( पु० ) कड़ाका लंघन --- (वि० ) बिना इच्छा का। जिसका किसी में अनुराग न हो!--इन्द्रिय (वि०) १ जिसके शरीर का कोई अँग रहा न हो या बेकाम हो गया हो । २ अङ्ग- होन। ३ निर्बद्ध इन्धन, (न० ) ईंधन का अभाव :-- इति. ( वि० ) ऋतु के कष्टों से मुक्त -ईश्वर, ( वि० ) नास्तिक --ई, (न० ) हल-६, ( वि० ) 1 कामनारहित इच्छा- शून्य । २ चक्रियाशील |--- उदास (वि० ) स्वास रहित। -उत्तर, (वि० ) वाजवाय । २
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४३८
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति