पगुल पंडुल पगुल ( पु० ) चादी की तरह सफेद रंग का । पडुन पच ( धा०] उभन० ) [ पचति -- पचत, पाच, पेचे, प्रपाक्षीत -प्रपक्त पदयति-पक्ष्यते ! पक, पक] १ पकाना। भूनना। साफ करना। ( भोजन बनाने के पदार्थों को ) २ ( इंटो को ) पकाना। जलाना ३ पचाना ( भोजन को ) ४ पकाना ( फलादि को । २ पूर्णता को प्राप्त करना । छ. गलना ( धातुओं का) ७ अपने लिये भोजन ( ४२६ बनाना। पति (सी० ) ( एच्. भावे--किन ) १ रखोई बनाने की किया । २ भोजन पचाने की क्रिया ३ पक जाना। ४ कीर्ति। ख्याति २ भोजन पचने | का स्थान | ६ भोज्य पदार्थ से भरी थाली - शूलं, (न० ) वायुशूल अपच से उत्पन्न पेट का दर्द | पक्तू ( वि० ) १ रसोई बनाने की क्रिया २ पेट में भोजन पचने की क्रिया ३ ( फलादि ) पकने की क्रिया - (पु० ) १ जठराग्नि वैश्वानर | २पाचक | रसोइया । पक्वं (२०) अग्निहोत्री गृहस्थ २ अग्निहोत्र की आग। ) पचन् पश्चन् नीम का पेड़ केश (वि० ) भूरे बालों वाला रस ( पु० ) शराब या धासव -धारिद ( न० ) कॉजी | चावल का खट्टा माँड । पकता (स्त्री० ) पकने की या पूर्ण वृद्धि की किया। पद (बि० ) पका हुआ। पच् ( वि० ) पका हुआ | सेका हुआ। पच (वि०) १ पकाना | भूनना । २ (पेट में) पचाना । पचः ( पु० ) अन्नादि का पचाना | पचा (स्त्री० ) पचकः ( पु० ) रसोइया | पचत ( बि० ) १ पकाया हुआ | २ पका हुआ। पचतः ( पु० ) १ थग्नि | २ सूर्य | इन्द्र | पचतं ( न० ) बना हुआ भोजन (~-भृज्जता, (न०) बरावर भूंजना व सेकना। पचन ( वि० ) [ पच् करणे ल्युट् ] पकाना। साफ करना । पचनम् (न० ) १ रसोई । २ रसोई बनाने का साधन । बरतन | ईंधन | ३ पकजाना। पाल में पकलाना । पचपचः (पु०) शिव जी की उपाधि । पचा (श्री० ) पकाने की क्रिया। पचिः (१० ) १ अग्नि २ रसोई बनाने की प्रक्रिया । पचेजिम ( वि० ) १ शीघ्र पकाना २ पकने लायक । पकने योग्य फलादि का पकना, अपने आप या कृत्रिम ढंग से पत्रिम (वि०) १ पका पका हुधा २ पूर्णता को प्राप्त ३ पकाया हुआ। ४ ( समुद्र का जल चौटा कर निकाला हुआ) निमक | पचेलिमः ( पु० ) १ अग्नि । २ सूर्य । पक (वि० ) पका हुआ भुना हुआ । उवला | पचेलुकः ( धु० ) रसोइया | पाचक । हुआ। २ हजुम किया हुआ। ३ सेका हुआ । पंझटिका अवाया हुआ। ताव दिया हुआ ॥ ५ ( फलादि ) पका हुआ । ५ पूर्ण वृद्धि को प्राप्त । सम्पूर्ण अनुभवी ७ पका हुआ। (फोड़ा ) भूरा । १ नष्ट हुआ। नाश होने वाला /- अतिसारा, ६ ( पु० ) दस्तों की पुरानी बीमारी । इटका (स्खी० ) पकी हुई ईट-इष्टकाचितम् ( न० ) पकी ईंटों की बनी इमारत -कृत्. (वि०) १ पका हुआ १२ पूर्णता को प्राप्त । (५०) पक्कटिका } (श्री० ) छोटी घंटी ( बज्ञने की ) । पजू ( वि० ) [ वैदिक ] 8 ताकतवर मज़बूत १२ धनवान | धनी । पजूः ( पु० ) अँगिरस की उपाधि । पंचधुः - न ( न० ) पकाया हुआ अन्न या अन पञ्चथुः से बने भोज्य पदार्थं । --व्यधानं. ( न० ) पत्र } (बि० ) फैला हुआ । बढ़ा हुआ । -आशयः, ( पु० ) पेट मेदा तरेटचसदेव बहुवचन में होता है। पाँच अंश, [संख्यावाची विशेषण ] इसका प्रयोग पञ्चन् - } ( पु० ) 1 फाल | समय । २ कोयल । ( पु० ) पाँचवा भाग पाचवी अभिः, ( पु० ) पाँच अग्नि का समूह | २ पंचाग्नि का
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४६३
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति