पटत्क ( ४१ ) पटक ( पु० ) चोर। पटवटा (अव्यया० ) पटपट की आवाज | पटले ( न० ) घुस छान छप्पर २ उधार | | पर्दा आवरण | घूंघट | बुरका | ३ आँख ढकने का घूंघट ४ ढेर समूह अंगार | ५ टोकरी | ६ जावलश्कर | लवाजमा ७ माथे पर का या शरीर के अन्य किसी अंग का चिन्ह अन्य का श्रध्याय । १] वृक्ष | पेड़ | २ डंडुल दुन्दभी। परजः ( पु० ) पटली (स्त्री० ) पटलप्रान्तः (पु०) छत का किनारा । पटहः (पु० ) १ ढोल | मृदंग | तबला नगाड़ा | डंका २ आरम्भ करने वाला ३ वध करने वाला :-घोषकाः (पु० ) वाला । डिंडोरा पीटने वाला-भ्रम (ऋ० ) लोगों को जमा करने के लिये इधर उधर घूम कर ढोल बजाने वाला | पटाकः (पु० ) पी। चिड़िया। पटाका (की० ) जॉफ । जलौका । पटि: ) ( स्त्री० ) १ रंगशाला का पर्दा । २ वस्त्र | पढ़ी ३ मौदा कपड़ा | ४ कनात | ५ रंगीन वस्त्र | --क्षेपः, ( पु० ) रंगमंच की पर्दा डालना। पटिका ( स्त्री० ) बुना हुआ पत्र पटिसन ( दु० ) १ निपुणता | चातुरी | २ तीव्रता । ३ चारपन ४ कड़ाई सती । रूखायन । १ प्रचण्डता उप्रता पटीर (वि० ) सुन्दर रूपवान | लंबा | ऊँचा 1- जन्मन, ( पु० ) चन्दन का वृक्ष पटीरः (पु० ) १ गेंद | गोली ( खेलने की ) | २ चन्दन | ३ कामदेव । पटोरं (न० ) ५ कत्था २ चलनी | ३ पेट ४ खेत बादल ६ उचाई ७ मूली ८ गठिया ६ मोतिया विन्दु । I पटु (वि० ) [ स्त्री०- पटु या पट्टी] १ चतुर । निपुण योग्य | २ घरपरा । तीता । ३-कुशाग्र बुद्धि ४ प्रचण्ड उम्र २ चीख | स्पष्ट। चीखने वाला ६ उद्देश्योपयोगी प्रवण | ७ सव | निष्ठुर स्वभावतः उन्मुख । । नृशंस हृदय पट्टक चालाक फितरता घृत मकार | छलिया ६ स्वस्थ तदुरु१० क्रियाशील | मशगुल | ११ बामी १२ का हुआ बड़ाया या फुलाया हुआ।१३ सत। भवक्षर | १४ वयोला । वेलगाम | 1 पहुं ( न० ) ) छत्रा | कुकुरमुत्ता | धरती का फूल । पटुः ( पु० ) ) सौंप की टोपी गगनल खूखरी । टेफनस | खुंभी | - पट्ट ( म० ) निमक |--कल्प, देशीय, ( वि० ) चालाक । साधारण चतुर रूप (वि०) अस्यन्त 1 पड़ता ( श्री० ) ३ १ चतुराई | २ चातुर्य | निपुणता पटुत्वं ( न० ) योग्यता । ३ कार्यकारिणी शक्ति : पटोलः (पु० ) परवर परवक्ष | पटोलकः ( पु० ) धाँधा। सीपी ( पहुं ( म० ) हे १ पट्टी सती लिखने की पट्टः ( पु० ) ) पढ़िया २ ताँबे आदि धातुओं की चिवटी पट्टी जिसके ऊपर राजाज्ञा या दान आदि की सनद खोदी जाती थी । ३ मुकुट । किरीट कलेंगी ४ धज्जी ५ रेशम ५ मिहीन या रंगीन वस्त्र वस्त्र | ७ सब कपड़ों के ऊपर पहिनने का वस्त्र ८ पगड़ी साफा | मंडील / १ राजसिंहासन | खगत १० कुर्सी काठ का मूढा ११ डाल । १२ चक्की का पाट १३ चौराहा । १४ नगर: कस्वा १२ घाव या चोट पर बाँधने की पट्टी -प्रमिषेका, (पु०) मुकुटधारण की क्रिया -- अ. (स्त्री० ) पटरानी। --उपाध्यायः (g० ) राजा की आज्ञाओं को लिखने वाला मुख्य लेखक | खास कलम 1-जं. (न० ) एक प्रकार का कपड़ा। देवी, महिषी-राक्षी, ( स्त्री० ) पटरानी।--वस्त्र, वासस्, ( वि० ) बने हुए रेशमी वस्त्र अथवा रंगीन वस्त्र धारण करने बाला-सूत्रकारः ( पु० ) रेशमी वस्त्र चुनने वाला आदमी। पट्टकः (पु० ) १ धातु की चपटी पट्टी जिसपर राजकीय आज्ञा या दान आदि की सनद खोदी जाय । २ चोट या घाव की पट्टी २ कागजात प्रमाण- पत्र |
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४६८
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति