पर (वि०) दूसरे द्वारा पाला पोसा हुआ ( पु० ) १ नौकर २ केश्यल दूसरे की खी एचित कल (न० ) कार्य, ( म० ) दूसरे का काम या धंधा |--क्षेनं. (न० ) १ दूसरे का शरीर | २ दूसरे का खेत ३ दूसरे की स्त्री | गामिन. ( वि० ) १ दूसरे के साथ रहने बाबा २ दूसरे को लाभ पहुँचाने वाला।---गुण, (वि०) दूसरे को लाभदायी । --प्रन्थिः, ( 30 ) जोड़ । गाँठ 1-- ग्लानिः ( स्त्री० ). शत्रु को वशीभूत करने की क्रिया |-चकं, ( न० ) 1 शत्रुसैन्य | २६ प्रकार की दूतियों में से एक | शत्रुद्वारा याक्रमण | ३ वैरी राजा ।-न्द ( वि० ) अधीन - -छन्दः ( पु० ) १ दूसरे की इच्छा २ पराधीनता - ( न० | दूसरे की फर शोरी या निर्बलता ।-अ. (वि०) धजनबी - जनः, (पु० ) अजनवी | गैर । ज्ञात, (वि०) १ दूसरे से उत्पन्न २ श्राजीविका के लिये दूसरे पर निर्भर रहने वाला-जातः, (पु०) नौकर | -जित, ( वि० ) 1 दूसरे से जीता हुआ । हारा हुआ। २ दूसरे के सहारे रहने वाला जितः, कोयल पक्षी। --तंत्र, (वि० ) पराश्रित | दूसरे के सहारे रहने वाला । पराधीन | परमुखापेक्षी | -दाराः (पु० बहु०) दूसरे की स्त्री-दारिन, ( पु० ) व्यभिचारी | लंपट । दुःखं, (न० ) दूसरे का दुःख या शोक -देवता, ( स्त्री० ) परमात्मा परब्रह्म --देशः, ( पु० ) विदेश | स्वदेशातिरिक्त देश | - देशिन् (पु०) विदेशी । -द्रोदिन - द्वेषिन्. ( वि० ) दूसरों से घृणा करने वाला। बैरी। विद्वेषी । - धनं, ( न० ) दूसरे की सम्पत्ति ।-धर्मः, ( पु० ) १ दूसरे का धर्म | २ दूसरे का कर्त्तव्य या धंधा । ३ दूसरी जाति के कर्तव्य-ध्यानतू, (४० ) ध्यान । समाधि पक्षः, (पु० ) शत्रु पक्ष या शत्रु का दल /-पदम्, (न०) सर्वोच्च पद | प्राधान्य २ मोच /- पाकरत, ( बि०) पेट के लिये दूसरे की रसोई बनाने वाला। किन्तु पाक बनाने के पूर्व निर्दिष्ट पञ्चयज्ञादि करने वाला - - ( ४७१ / - पर श्यया पर प परन्तु -पिण्डः, ( पु०) दूसरे का दिया हुआ भोजन । दूसरे का भोजन। -पुरअयः, (४० ) शूर | विजयी ।पुरुष:: ( पु० ) १ गैर | अजनवी । अपरिचित २ परब्रह्म । विष्णु | ३ दूसरी स्त्री का पति 1-पुर, ( वि० ) दूसरे द्वारा पाला पोला गया ।--पुः, (पु० ) कोयल /-पुढा, (बी०) १ कोयल पक्षी | २ पौधा विशेष | ३ वेश्या । रंडी / पूर्वा, (खी० ) वह स्त्री जो अपने प्रथम पति को छोद दूसरा पति करे ।-प्रेष्यः, ( पु० ) नौकर चाकर। --ब्रह्मन् (न० ) पर- ब्रह्म परमात्मा -भागः ( पु० ) १ दूसरे का हिस्सा २ उत्कृष्टतर गुण | ३ सौभाग्य समृद्धि | ४ ( अ० ) सर्वोत्तमता। सर्वप्रधानता। सर्वोत्कृ टता (इ०) असान्त विपुलता उच्चता उचाई २ अन्तिम भाग | शेप | भाषा, (स्त्री०) विदेशी भाषा । -भुक्त, (वि० ) अन्य द्वारा उपयुक्त या व्यवहृत किया हुआ । -भृत्. (१०) काक कौआ -भृतः, (वि०) दूसरे द्वारा पाला पोसा हुआ । -भृतः, ( पु० ) - भृता, (७०) कोयल पक्षी।मतं, (न० ) 5 दूसरे की राय २ भिन्न राय यां सिद्धान्त मर्मज्ञ, (वि०) दूसरे की गुस बातें जानने वाला 1 1 - मृत्युः ( पु० ) काक कौआ । रमणः, ( पु०) किसी विवाहित स्त्री का प्रेमी या आशिक । ~लोकः ( पु० ) दूसरा लेोक /--वश,-- वश्य, (वि० ) पराधीन। पराक्षित | वाच्यं, ( न० ) दोष | त्रुटि | - वाणिः, ( go ) जज न्यायकत्ती २ वर्प साल | २ कार्तिकेय के वाहन मयूर का नाम । -वादः, ( पु० ) अफवाह किम्बदन्ती २ आपत्ति | पुतराज़ | वादविवाद 1-~~-घादिन्, (पु० ) सुदै । वादी । वादविवाद करने वाला। -- वेश्मन ( न० ) पर- ब्रह्म का आवासस्थान ।- व्रतः, (पु० ) छत- राष्ट्र का नामान्तर ।-~श्वस् (अभ्या० ) आने वाले कल के बाद का दूसरा दिन । परसों 1- सङ्गत, (वि० ) दूसरे के साथ रहने वाला ।
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