घर (815x २ नसरे से लड़ने वाला जाव रूह सक्षक ( पु० ) सात् ( अयया० ) दूसरे के हाथ में गया हुआ | सेवा ( बी० ) दूसरे की चाकरी । - स्त्री (स्त्री० ) दूसरे की भार्या - स्वं. (न०) दूसरे का मालमता । -हन्. (दि०) शत्रुहन्ता हित (वि० ) १ शुभचिन्तक | परोपकारी शीलवन्त । २ दूसरे के लिये लाभ- कारक 1-हितं, ( न० ) दूसरे का कुशल दूसरे की भलाई । I परं ( न० ) १ सर्वोच्च शिखर सब से ऊँचा सिरा | २ परमझ | ३ मोच | ४ किसी शब्द का गौणार्थ । परः ( पु० ) अन्यपुरुष | गैर | अजनवी । विदेशी शत्रु । | वैरी | विरोधी परकीय ( वि० ) १ दूसरे का पराया १२ अपरि- चित। हेपी । परकीया (स्त्री०) दूसरे की भार्या । स्त्री जो अपनी न हो । मुख्य तीन नायिकाओं में से एक परंजन, परञ्जनः } ( पु० ) वरुण का नामान्तर । परंजय, परञ्जयः परतस् (अन्यथा० ) १ दूसरे से । २ शत्रु से | ३ गे। (अपेक्षाकृत अधिक। परे। पीछे। ऊपर। ४ अन्यथा। नहीं तो । ५ भिन्न प्रकार से । ६ बाद को और आ परत्वं ( न० ) १ पर होने का भाव । पूर्व या पहले होने का भाव २ भेद । पहिचान | २ दूरी । ४ परिणाम | नतीजा | ५ शत्रुता बैर ६ समय या स्थान की पूर्वता । वैशेषिक दर्शनानुसार द्रव्य के २४ गुण | परत्र ( अन्यया०) १ दूसरे लोक में अगले जन्म में २ परिणाम में। आगे या पीछे से ३ उसके बाद। भविष्य में। -भीरुः ( पु० ) वह जो परलोक से भयभीत हो । धर्मात्मा आदमी । परत्रम् ( न० ) मरने के बाद मिलने वाला लोक । परंतप ) ( वि० ) दूसरों को सताने वाला शत्रु परन्तप ) को अपने वश में करने वाला । परंतपः परत : } ( 50 ) शूरवीर बहादुर । विजयी रम (वि०) १ अति दूरवर्ती अन्तिम । २ सर्वोच्च उत्तम । सर्वश्रेष्ठ सव से बढ़ा ३ मुख्य प्रधान ) परमता ग्रारम्भिक सब से बढ कर अष्ठ ४ अति ५ पर्याप्त काफी ५ सब स गया बीता ६ अपक्षा कृत श्रष्टु अड़ना ( चा० ) सर्वासृष्ट स्त्री -:, (पु०) अत्यन्त सूक्ष्म अणु-द्वैतं, ( न० ) १ परब्रह्म या परमात्मा २ नितान्त भेद विकल्प रहितवाद। जोव और ब्रह्म ने अभेद की कल्पना करने वाला वेदान्त सिद्धान्त विशेष | -अन्नम्, (न०) खीर | दूध में पके हुए चाँवल । -प्रर्थः, ( पु० ) १ सर्वोच्च या सर्वोत्कृष्ट सत्य | सत्य आत्मज्ञान । जीव और ब्रह्म सम्बन्धी ज्ञान । २ सत्य। कोई भी उत्तम और आवश्यक वस्तु । ४ उत्तम भाव । ५ उत्तम प्रकार की सम्पत्ति - अर्थतः, (अव्यया० ) सचमुच । वास्तव में 1 ज्यों का त्यों ठीक ठीक 1-अहः, ( पु० ) उत्तम दिवस । -आत्मन, (पु० ) ब्रह्म । पर- मात्मा /- आनन्दः ( पु० ) बहुत बड़ा सुख । ब्रह्म के अनुभव का सुख । ब्रह्मानन्द परमात्मा । -श्रापद, स्त्री०) सब से बड़ी विपत्ति या मुसी- बत । - ईशः, (पु०) विष्णु/-- ईश्वरः (पु०) १ विष्णु का नामान्तर | २ इन्द्र का नामान्तर । शिव का नामान्तर । ४ सर्वशक्तिमान परब्रह्म । परमात्मा ५ ह्मा का नामान्तर ६ संसार का अधीश्वर | दुनिया का अधिष्ठाता /-ऋषिः, ( पु० ) महर्षि । - ऐश्वर्यम्. ( न० ) प्रभुत्व | - गतिः, ( स्त्री० ) मोक्ष । मुक्ति । गवः ( पु० ) उत्तम बैल । साँड़ या गाय । - पदम्. (न०) १ सर्वोत्तम पद । सर्वोच्च पदवी | २ मोक्ष | -पुरुषः, - पूरुषः, ( पु० ) परमात्मा । पर- ब्रह्म । -प्रख्य. (वि० ) प्रसिद्ध | प्रख्यात | ब्रह्मन् ( न० ) परमात्मा । – रसः, ( पु० ) पानी मिला माठा । -हंसः, (पु०) यह संन्यासी जो ज्ञान की परमावस्था को प्राप्त कर चुका हो। कुटीचक। बहुदक। हंस और परमहंस नाम से संन्यासियों के चार भेद स्मृतिकारों ने किये हैं। इनमें परमहंस सर्वश्रेष्ठ माना गया है। परमक ( वि० ) सर्वोच्च । सर्वोत्तम । सर्वश्रेष्ठ । परमतः (अन्यया०) अत्यधिकता से बहुत अधिक । परमता ( श्री० ) १ सर्वोच्च | २ सर्वोच्च लक्ष्य । ३
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