परि नते सुरसार 1 पर (स्त्र० साल मन परिपल ( वि० ) अन्य कामत परिपाट: । कान का एक रोग। इसमें लौफ का परिपोटक: ; चमा सूजिये हुए लाल रंग का हो जाता है और उसमें दर्द होता है। परिपोषणम् (३०) खिलाना पिलाना | पालन पोषण बहाना वृद्धि | परिप्रश्नः (५०) तहकीकात अनुसन्धान प्रक्ष सवाल । } परिप्राप्तिः ( स्त्री० ) प्राप्ति उपलब्धि परिप्रेष्यः (पु० ) नौकर | परिसव ( चि० ) : हिलता हुआ कोपना हुआ | २ उतराता हुचा । ३ । अस्थिर। परिसवः (पु० ) १ डा। बाद प्लावन २ नाव । ३ अत्याचार 1 जुल्म ४ गीला | भींगा | परिन ( व० ० ) १ जल की याद में डूबा हुआ। प्लावित २ स्थान किये हुए भींगा हुआ। गीला ! परितम् ( न० ) कृवान उछाल फलोंग । ( ४५० ) परिश्रश परिजसनम् (न०) डॉट उपट धिक्कार पकार । परिभव ) ( पु० ) 1 अनादर | सिरस्कार अप परीभवः ) मान । -शास्पदं (२०) -पई. (न०) १ तिरस्करणीय वस्तु | तिरस्कार के योग्य पदार्थ | २ अपमान या अमावाई परिस्थिति-विधिः, ( पु० ) अपमान | 1 परिभावित ( वि० ) [ स्त्री० - परिभविनी ] १ अप- मानकारक तिरस्कार था अपमान करने वाला। २ अपमानित | बुलौंग परिप्लुता (स्त्री० ) शराय मदिरा | मय परिप्लुए (व० ऋ० ) जला हुआ। भुजसा हुआ। परिव १ (पु० ) १ लयातमा | नौकर चाकर परिवहः ) २ राजा के खुन चेंबर आदि राजचिन्ह | ३. सजावट का सामान | सम्पत्ति | मौत | परिवर्हणम् ) ! न० ) अनुचरवर्ग २ शृङ्गार परिणम्। सजावट | ३वदती ४ पूजा | उपसिना । परिवाधा ( स्त्री० ) १ कष्ट | पीड़ा | चिड़ | २ थका घट। कठनाई । परिवृंहणम् ) ( न० ) : समृद्धि | सकुशकता | २ परिवृहणम किसी ग्रन्थ के अङ्ग स्वरूप अन्य ग्रन्थ | वह अन्य अथवा शाख जो किसी अन्य | ग्रन्थ या शास्त्र की पूर्ति या पुष्टि करता हो जैसे ब्राह्मण ग्रन्य वेद के परिवृह हैं। परिङ्ग (पु० ) टुकड़े हो जाना। परिभावः (पु०) देखो "परिभवः" परिभाविन् (त्रि० ) [ स्त्री० - परिभावितो ] अप- मानकारक | तिरस्कार करने वाला व्यवहार करने वाला | २ लजित करने वाला ३ नुच्छ समझते वाला सामना करने वाला चिनौती देने वाला। परिभाषणम् ( म० ) १ वार्तालाप | संवाद | कथोपकथन | गप्पक्षप्य वातचीत २ मिन्या करते हुए उलइना । किसी को दोष देते हुए। या लानत मलामत करते हुए उसके कार्य पर असता प्रकट करना लानत मलामत। फटे- कार। भना। ३ नियम आज्ञा आदेश । परिभाषाः ( पु० ) परिकृत भाषण स्पष्ट कथन | संशय रहित कथन । २ भर्त्सना फटकार | निन्द्रा गाली। कजङ्क ३ पारिभाषिक शब्दा- वली | ४ किसी ग्रन्थ में व्यवहृतसङ्केतों की सूची परिभुक्त (व० ० ) 1 साया हुआ व्यवहृत | काम में आया हुआ | २ उपयुक्त | ३ अधिकृत | परिभुग्न ( वि० ) झुका हुआ देवा। मुड़ा हुआ। परिभूतिः ( स्त्री० ) तिरस्कार इतक । अपमान | 1 अनादर 1 पति ) ( व० कु० ) १ उन्नत | यदा हुआ | २ | परिभोगः ( पु० ) १ भोग उपभोग | २ मैथुन ( स्त्री- परिवृहित ) समृद्ध । फलता फूलता हुआ। ३ किसी प्रसङ्ग ३ अनधिकार किसी वस्तु को काम में से जुड़ा या मिला हुआ। युक्त चैगोभूत | जाना। परिभूषणः ( पु० ) यह सन्धि या शान्ति जो किसी विशेष प्रदेश या भूखण्ड का समस्त राजस्त्र देकर स्थापित की गयी हो। होकर टूटना । टुकड़े | परिभ्रंशः (पु० ) १ छुटकारा निकास | २ गिराव। पतन | युति | स्खलन
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४८७
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति