पाप्मन् पाप्मन (पु० ) पाप | गुनाह | जुर्न | दुष्टता | अपराध पामन्. (५०) चर्म रोग विशेष | खाज-शः, ( ४१७ ) B ( पु० ) गन्धक । ! पाझर ( वि० ) [ स्त्री०- पामरा, पामरी ] खजुड़ा | २ दुष्ट | खल | ३ कमीना पाजी । ४ मूर्ख । मूह | ५ निर्धन ग़रीय | निस्सहाय | पामरः ( पु० ) १ मूर्ख । बेवकूफ | २ पाजी या कमीना आदमी ३ वह मनुष्य जो अत्यन्त नीच कर्म या धंधा करता हो 1 पामा (स्त्री० ) खाज। देखो पामन् । पायना ( स्त्री० ) १ पिलाना । २ सिञ्चन । नम करना । ३ पैनाना | तेज़ करना । पायस (वि० ) [ स्त्री० - पायसी ] दूध या जल का बना हुआ । पायसं ( न० ) } १ ख़ीर पायसः (पु० ) ) सँधा विशेष | २ तारपीन ( न० ) दूध । पायिकः ( पु० ) पैदल सिपाही । पायुः ( पु० ) गुदा | मलङ्कार | दूध में चाँवल डाल कर हुआ भोज्य पदार्थ पाय्यं ( न० ) १ जल | २ पेय पदार्थ ३ संरक्षण | ४ परिमाण । पाराय ( वि० ) पल्लेपार गया हुधा |--दर्शक, (दि०) पक्षा पार देखाने वाला। जिसके भीतर से होकर प्रकाश को किरनों के जा सकने के कारण उस पार की वस्तुएँ दिखलाई दें :-श्वन, ( वि० ) १ दूरदर्शी | विवेकी । पुद्धिमान | २ पूर्ण रूप से जान कर 1 पढ़ना। सम्पूर्ण पारक (वि० ) [ स्त्री० -- पारकी ] १ पार करने वाला २ बचाने वाला | मुक्त करने वाला। उद्धार करने वाजा | प्रसन्न करने वाला । सन्तुष्ट करने वाला । पारक्य ( वि० ) १ पराया | परकीय दूसरे का २ विरोधी । पारक्यं ( न० ) पुण्यकार्य जो परलोक सुधारता है। परलोकसाधन । पारश्रामिक ( वि० ) [ स्त्री०- पारग्रामिकी ] पराया | विदेशी विरोधी । पारज् (पु० ) सोना सु पारजायिकः (पु०) लम्पट पुरुष व्यभिचारी आदमी | पारटीटः } ( पु० ) पत्थर या चट्टान पारटीनः पारण ( वि० ) १ पार करने वाला | २ उद्धार करने वाला । उबारने वाला । पारः ( पु० ) १ नदी या समुद्र का सामने वाला या दूसरा तट | पारं ( न० ) २ किसी वस्तु की आगे की या सामने की थोर । ३ अपरतट या सीमा ४ किसी वस्तु का अधिक से अधिक परिमाण । -रः, ( पु० ) पारा :-प्रारं, (न० ) – अवारं, ( न० ) दोनों तट । दूरसर और समीपतर तट |-- पारः, ( पु० ) समुद्र प्रयणं, (न० ) १ पार- गमन | २ अत्यन्त भली भाँति किया हुआ अध्ययन | ३ सम्पूर्णता । समूचा- पन । - अयणी, ( स्त्री० ) १ सरस्वती का नामान्तर | २ ध्यान | विचार | ३ क्रिया | कर्म । ४ प्रकाश । – काम, ( वि० ) दूसरे छोर पर जाने का अभिलाषी । --ग, (वि० ) 9 पार जाने वाला | २ अन्त तक पहुँचने चाला | ३ किसी विषय की पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेने बाला 1 ४ प्रकाण्ड विद्वान । -गत, -गामिनू, | पारदार्य ( न० ) व्यभिचार | जम्पटता । पारण ( पु० ) १ समाप्ति | खातमा | २ किसी पुराणादि धर्मग्रन्थ का नियमित रूप से नित्य पाठ । ३ किसी व्रत या उपवास के दूसरे दिन किया जाने वाला पहला भोजन और तत्सम्बन्धी कृत्य । पारणः ( पु० ) १ बादल | २ सन्तोष । तृप्ति | पारणा ( स्त्री० ) : व्रत समाप्ति पर भोजन । २ भोजन करना | पारतः ( पु० ) पारा । पारतन्त्र्यं] ( न० ) पराधीनता । परतंत्रता | पारत्रिक ( वि० ) [ स्त्री० -पारत्रिकी ] : परलोक का । २ कर्म जिससे परलोक बने। मरने के बाद उत्तम गतिप्रदाता | पारदः ( पु० ) पारा । पारदारिकः ( पु० ) परस्त्री से मैथुन करने वाला। व्यभिचारी । सं० श० को०- ६३
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