पारुण्य ( ५०० ) पा पार्श्व अपमान | ४ उग्रत ( वचन या बस में ) । पवनिक ( न० ) पदाण का समूह या सिलसिला । २ इन्काउन १गर 1 पावनी ( स्त्री० ) १ दुर्गादेवी । २ ग्यालिन । २ द्रौपदी ४ पहाड़ी नदी १ सुगन्धयुक्त मृतिका विशेष ।-नन्दनः ( पु० ) १ गयेश | २ कार्तिकेय । पारुण्य. ( पु०) बृहस्पति का नामान्तर । परोवर्यम् ( न० ) परम्परा | पार्घटम् (न० ) पूल या राख पार्जन्य (वि० ) जलवृष्टि सम्बन्धी । पार्श (वि० ) { स्त्री०] १ पत्ता सम्बन्धी । पत्तों का बना हुआ पत्तोंदार २पत्तों पर बैठाया | हुआ। (जैसे कर ) 1 पार्थः ( पु० ) कुन्ती का दूसरा नाम प्रथा था। अतएव युधिष्टिर, भीम और अर्जुन को पार्थ कहते थे, किन्तु विशेषतचा धर्जुन की पार्टी | पार्वतेयं ( पु० ) सुमी | अक्षन | संज्ञा थी । २ राजा पृथ्वीपति ।-सारथिः पार्शवः ( 50 ) परशुधारी योड़ा। ( पु० ) श्रीकृष्ण | पार्थक्यं ( ८० ) पृथक् होने का भाव । भेद | अलह दगी। D पार्थवं ( न० ) वड़ाई । वड़प्पन | बाहुल्य | चौड़ाई | पार्थिव (वि० ) [ स्त्री०-पार्थिवी ] १ मिट्टी का । पृथिवी का पृथिवी सम्बन्धी १२ पृथिवी पर शासन करने वाला । ३ राजसी । शाही - नन्दनः सुतः, (पु० ) राजकुमार 1- कन्या, -नन्दिनी, सुता, ( स्त्री० ) राजकुमारी | पार्थिवः ( 50 ) पृथिवी पर रहने वाला १२ शाहूं- शाह | राजा | ३ मिट्टी का बरतन पार्थिवी (स्त्री० ) १ सीता का नामान्तर २ लक्ष्मी जी का नामान्तर । पार्यर: ( पु० ) १ मुट्ठी भर चावल | २ हयरोग | पातिक ) ( न० ) [ स्त्री० - पार्यन्तिकी ] : पर्व पार्यन्तिक सम्बन्धी यो पर्व का | २ बुद्धिमान् | बढ़ने बाला ( जैसे चन्द्रमा ) | पार्वणम् ( न० ) पितृश्राद्ध को किसी पर्व में किया जाय इस श्राद्ध में पिता पितामहादि समस्त मातृ- कुल और पितृकुल के पितरों को पिण्डदान दिया जाता है। पार्धत (वि० ) [ स्त्री०-पार्वती ] पहाड़ पर रहने चाला पर्वत पर उत्पद्य या पर्वत से आया हुआ। ३ पहाड़ी। पार्वतीय (वि० ) [ स्त्री पार्वतीयी ] पर्वत पर रहने वाला ! पार्वतीयः ( 50 ) पर्वतवासी पहाड़ी आदमी | २ एक विशेष पहाड़ी जाति का नाम । पार्वतेय : वि० ) [ स्त्री० -पार्वदेवी ] पर्वस पर उत्पन्न | www । पार्श्व ( म० ) ) १ शरीर का बलों के नीचे का पार्श्वः ( पु० ) ) भाग, जहाँ पसलियाँ है। कहक। अधोभाग | २ बगल ओर। तरफ पास।। निकटता सामीप्य । ( पु० ) पारसनाथ का नामान्तर । ( न० ) १ पसलियां का समूह २ येईमान का काम । कुटिल उपाय टेड़ी चाल । अनुवरः (पु० ) अर्दली। पासवान नौकर -- अस्थि ( म० ) पसली-भायात, ( वि० ) अतिनिकटवर्ती ग्रापन (वि० ) बगल में खड़ा हुआ उदरप्रियः, (पु०) मकड़ा (~ः, ( पु० ) थईसी । गत (वि० ) पासवान ( शरणागत 1--बरः, ( पु० ) नौका 1-दः, (पु० ) धईली। नौकर- देशः, (पु०) बाल । कृति ।- परिवर्तनम् (न०): (खाट पर पड़े पड़े) करवट बदलना। २ भाद्रशुक्ल ११ जिसका नाम है। इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं। -भागः, (पु० ) बगल (वर्तिन, ( वि० ) 1 नगल का रहने चाला। अर्दली २ लगा हुआ मिला हुआ । समीपी 1-शय, ( वि० ) १ करवट सोने वाला २ बगल में सोने वाला /- शूलः, -शूलं, ( न० ) पसली का दर्द | -सूत्रकः, (पु० ) आभूषण विशेष - स्थ, ( पु० ) समीपवर्ती निकटस्थ /-स्थः, (पु० ) साथी । सहचर | पास खड़ा रहने वाला। अभिनय के नटों में से एक है
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