पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५१७

एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

पद्म पुढ के कारा मे स दूसरा सरकार जो गर्भाधान से तासरे मास किया जाता है २ दूध ३ गर्भ- पिण्ड 4 नर ग्रह या नक्षत्र 1 (3 ) १ माड बैल २ ( सामान के अत में आन पर इसका अथ होता है। मुख्य । सर्वोत्तम | सर्वश्रेष्ठ ( पु० ) शिव जी का नामान्तर | चलो (= पुंधली ) ( स्त्री० ) रंडी | वेश्या 1- चलीय. ( पु० ) ( == पुंश्चलीयः ) रंडी का वेठा। -चिन्हं (= पुंचिन्हं ) ( न० ) पुरुष लग्नण । जनेन्द्रिय । —जन्मन् (= पुंजन्मन् -योगः, - ( ज० ) arre की उत्पत्ति । (पु० ) ग्रहों का ग जिसमें किसी बालक का जन्म होता है। दासः (=पुंदासः ) ( पु० ) पुरुष नौकर | ~~ ध्वजः (= पुंध्वनः ) १ जीवधारियों में किसी भी जाति का नर । २ चूहा /-नक्षत्रं, (= पुं) (०)पुरुष चाची नपत्र 1-~-नागः (= पुंजागः ) ( पु० ) १ मनुष्यों में हाथी अर्थात् प्रसिद्ध पुरुष २ सफेद हाथी ३ सफेद कमल ४ कायफर या जायफल ५ नागकेसर वृक्ष -नाद्रः, -नाडः, (=पुंनाट: पुंनाड: ) ( 5० ) एक वृक्ष का नाम /- नामधेयः, (= पुंनामधेयः ) नर | १ पुरुषवाची - नामन] ( = पुंनाभन ) (वि०) | पुच्च: ( ५० ) पुच्छ ( ५० ) ) पुरुषवाची नामधारी २ पनाग पुत्रः ( पु० ) लड़का - -प्रजननं, (न० ) लिङ्ग जननेन्द्रिय |~~भूमन्, ( = पुंभूमन) ( पु० ) पुंगलः } (पु०) पुरुषवाची शब्द जो सदा बहुबचन आयुक्त - - प्रसिद्ध । प्रख्यात -केतूः | पुं] (०)पुरुष पुंसता | मर्दानगी | २ वीर्य | ३ पुरुषलिङ्ग | पंदलू (अव्यया० ) पुरुष की तरह । २ पुल्लिङ्ग में पुकाश (वि० )[-पुकशी}} नीच | ओछा पुकस (वि० ) [ श्री०-दुक्कसो]। पुक्कसः } ( पु० ) वर्णसङ्कर जाति विशेष । पुर्ख ( न० ) म० ) पुखः (पु० ) पंखित तौर की वह जगह जहाँ उसमें पर लगे होते हैं। } (व० ल०) पंखों से सम्पन्न । पुंगं ( न० ) ( न० ( पु० ) डेर | राशि | संग्रह | समूह | जीव । रुह | छारमा । ३ मयूर की पूंछ ४ पीछे का १ पूंछ २ बालदार पूंछ । भाग ५ किसी वस्तु का छोर। अयं मूलं, ( न० ) पुंछ की नोंक-कण्डकः ( पु० ) बीछू |~~आई, ( न० ) पूंछ की जड़ । चाचता:"- अमरकोष।—योगः, (पु० ) ( = यः ) र ( पु० ) मुर्गा | पुरुषमैथुन | लौंडेवाज्ञी २ किसी पर या पति सम्बन्धी पुंज: - रत्नं, (= पुंरत्न ) ( न० ) उसम | पुनः या श्रेष्ठ पुरुष राशिः (= पुंराशि:) पुरुष वाची राशि -रूपं (= पुंरूपं ) ( न० ) पुरुष का आकार - लिङ्ग, ( = पुल्लिङ्ग ) ( वि० ) पुरुषवाची 1 नर । –लिङ्गम, (न० ) १ पुल्तिङ्ग | २ मनुष्यत्व । पुरुषत्व ३३ लिङ्ग | जननेन्द्रिय / वन्सः (= पुंवत्सः) (१०) धूं- दर (वेष, (वेष ) (वि०) मर्दानी पोशाक में। - सवनं ( = पुंसवनं ) ( न० ) द्विजातियों -- पुस्त} ( स्त्री० ) उंगली चटकाना । ( पु० ) ढेर समूह | संग्रह | } ( स्त्री॰ ) ढेर। समूह । पँजित ) (वि० ) १ जमा किया हुआ पजिक } {5० ) चोला । जमी हुई बर्फ पेंजित किया हुआ | ढेर लगाया हुआ । २ मिलाकर दबाया हुआ । पुट् ( घ० पर०) ( पुदति ) १ कौरियाना | थालिङ्गन करना। २ बीच में पड़ना । चिपटाना