पुलस्नि ( ५१ पुनदिन ) ( पु० ) नया के मानसपुत्रा में पुलस्य ऋषि का नाम का आदमी जंगली ● पुवा ० )तको घुटाकः ( पु० ) ) 1 पुत्दाकं (न० ) पुष्करं ( म० ) ) ह्माण्ड के सप्त विशाल भागों में अंक २ डबला | पुष्करः (पु० ) ) से एक क्षः (दु० ) विष्णु हुआ चाँवल भात ३ संप है संग्रह। गुदफा ४ अल्पता: संशिता: ५ चविल का माँड६ चिता जल्दी । पुजाकिन ( पु० : वृश) 2 पुलायितं ( न० ) घोड़े की सरपट चाल । पुस्तिनं ( न० ) ११ नदी का रेतीला सट ? २ पानी पुलिन: (पु० )केने हाल की हुई ज़मीन पर | ३ नदीत पुलिनवति ( स्त्री० ) नदी । पलिइकः पुलिन्दकः) का नाम ।-आख्यः श्राहः, ( पु० ) सारस --तीर्म: पु०) अजमेर के पास का एक तीर्थस्थान विशेष |-- पत्रं, ( म० ) कमल का पता -प्रियः, ( पु० ) मेम /-बीजं, (न०) कमलगट्टा | व्यात्रः (पु० ) मगर । नक बरियाल-शिखा ( खी० ) कमला की जड़ भसा /-~स्थपतिः, ( पु० ) शिव जी का नामान्सर / --खजू, (खी० ) कमल की माला । पुष्करिणी ( स्वी० ) हथिनी । २ कमल का ( पु० ) १ भारतवर्ष की एक प्राचीन असभ्य जाति । २ इस जाति का एक पहाड़ी। तालाव ३ झील । तालाव | ४ कमल का तालाव | . पुष् ( धा० पर० ) [ पोषति पुण्यति, पुष्णाति, पुष्ट या पुषित पोषण करना | पालना पोसना २ सहायता करना । ३ बदने देना। सरसब्ज़ होने देना ४ उन्नति करना बढ़ाना २ प्राप्त करना। कड़े में करना। रखना। उप भोग करना । ६ दिखाना। प्रदर्शन करना | बढ़ जाना या परवरिश पाना प्रशंसा करना। पुष्करं ( म० ) १ नीलकमल । २ हाथी की जिह्वा की नोंक ३ ढोल का चाम ढोलक का पुरा । । ) ४ सलवार को धार। २ तलवार की म्यान ६ तीर ७ आकाश । अन्तरिच | वायुमण्डल | पड़ा। जल | १० नशा मद | ११ नृत्यकला । १२ युद्ध खड़ाई । १३ मेल सम्मेलन | १४ अजमेर के निकटस्थ एक तीर्थ स्थान का नगम पुष्टि उन याला का नाम जा अनावृष्टि का कारण होते हैं। ६ शिव जी का नामान्तर । पुलिरिकः ( पु० ) सर्प । पुलोमन ( पु० ) इन्द्र के ससुर एक दैत्य का नाम । -प्रति- जित्, भिद्, - द्विप्, ( पु० ) - इन्द्र के नामान्तर । —जा,— पुत्री. ( मी० ) | पुष्कल ( वि० ) १ बहुत । विपुल । अधिक । २ पुलोमन की पुत्री और इन्द्र की श्री शची। पूर्ण पूरा ३ सम्पन्न | चटकीला । भड़कीला । ४ सर्वोत्तम | गूंजने वाला 1 वाला । पुष्कर: ( पु० ) १ तालाव | सरोवर २ सर्प विशेष J ३ ढोल नगाड़ा |४ सूर्य १५ एक जाति के पुष्करिन ( वि० ) [ स्त्री०- ] ( वह सरोवर जिसमें) कमलों का बाहुल्य हो । ( पु० ) हाथी । सर्वश्रेष्ठ । मुख्य | २ समीप ६ प्रतिध्वनि करने वाला चिल्लाने [ पर्वत । पुष्कलः ( पु० ) एक प्रकार का ढोल | २ मेरु- पुष्कलम् ( न० ) अनाज नापने का एक मान जो ६४ मुट्ठियों के बराबर होता था।२ धार भास की भिक्षा । 1 पुष्कलकः ( पु० ) हिरन जिसकी नाभि से कस्तूरी निकलती है। २ पचर खूंटी । मेख कील । युट ( च० ० ) ३ पोषण किया हुआ । पाला हुआ। २ तैयार। मौय ताज़ा थलिष्ठ | ३ दलवर्द्धक | मौटा ताज़ा बनाने वाला ४ सम्पन्न अच्छी तरह सम्पस २ पूरी तरह शब्द करने वाला चिह्नाने वाला ६ मुख्य प्रधान पूर्ण पूरा | पुष्टिः ( स्त्री० ) 1 पोषण | २ मोटाई | ताज़ापन | ३ बलिता ४ सम्पत्ति । मालमता सुख की सामग्री या साधन। ५ सम्पन्नता । चटकीलापन
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५२३
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति