पूर्व अभिनय क धारम्भ में चित्र प्रशमनार्थ नटों द्वारा गायी जाती है। --राजः, (पु०) रात्रि का प्रथम भाग (~-रूपं, (२०) १ देने वाले परिवर्तन की सूचना । श्रोगोत्पत्ति का दक्षय | २ भागम सूचक बचण ३ आसरा :- वयस् युवा | जवान) -- पर्तिन् (वि०) पहले का । - वादः, (५०) व्यवहार शास्त्रानुसार यह अभियोग होना | जो न्यायालय में उपस्थित किया जाय। पहला | पुक्त ( ० ० ) १ मिला हुआ । मिश्रित र दावा नालिश। -यादिन, (पु०) वादी मुद्दई । 1 हुधा हुआ संसर्गान्वित । संयुक्त पुकं ( न० ) धनदौलत | सम्पत्ति । | पृकिः ( स्त्री० ) स्पर्श | संसर्ग | युक्तता। पूर्व (न० ) सम्पत्ति । धनदौलत | पृच् ( धा० आत्म ) [ पृक्ते, पुषया संदर्भ में आना। जेदना सिखाना : संमिश्रण होना ३ संयोगान्वित होगा सन्तुष्ट करना भरना अघाना बहाना वृद्धि करना पृथ्वक (पु० ) दूँथने वाला। त्रिशालु नम् (न० ) जिज्ञासा प्रश्न | पृच्छ ( स० ) सम्बन्धी प्रश पूज् ( घा० आत्म०) [ पुंके ] संवर्ग में आना स्पर्श पृथक् पूपन (पु० ) [ कस-पायौ पः] सूर्य -मु (पु० ) शिव का नामान्तर - शन्सजः, ( पु० ) बादल १२ - भासा, ( श्री० ) इन्द्रपुरी | अमरावती (वि० ) | पृ ( धा० स० ) [ dि, Tra होना कामकाज में जगा रहना | मराराल वृतं.- ( न० ) १ पहले का हाल २ पूर्व आच - रख :--सक्धं, ( न० ) किसी वस्तु का ऊपरी भाग-सन्ध्या, (खी० ) प्रातःकाल | भोर । तड़का -सर. ( वि० ) आगे जाने वाला --- सागर (पु० ) पूर्वीय समुद्र - साहसः, ( पु० ) प्रथम या तीन बड़े भारी अर्थदण्डों में से एक 1-स्थितिः ( स्त्री० ) : पूर्वावस्था | पूर्व ( न० ) १ धगता भाग। (अन्यया० ) पहले ओर। २ पेश्वर। आरम्भ में । पूर्वः ( पु० ) पुरखा । पूर्वपुरुष पूर्वक ( वि० ) १ सहित । साथ। पूर्ववर्ती । पूर्वकः ( पु० ) पूर्वपुरुष | पुरवा | पूर्वगम् (वि०) पहले जाने वाला। पूर्वतस् (अन्यत्रा० ) पूर्व दिशा में पूर्व दिशा की पूर्वत्र ( धन्यवा० ) पहले के भाग में पूर्व में । पूर्ववत् (अव्यया० ) पहिले की तरह। श्री० - पूर्वणी] पहिले का प्राचीन पुरातन | २ पुश्तैनी । 1 2 पूर्विन ( बि० ) [ पूर्वीण (वि० ) १ पुरखों की। पूर्वेस् (अव्यव०) अगले दिन । २ बीते हुए कल | ३ मोर में। सवेरे दिन के पूर्वार्द्ध में। ९ बड़ी सवेरी पूज् (धा० पर० ) [ पूलनि, पूजयति-पूजयते ] देर करना एकत्र करना संग्रह करना। पूलः पूलकः पूलिका ( श्री० ) पूड़ी | (पु० ) मुट्ठा | बंडल | गढ़ा | पूषः } ( पु० ) शहतूत का पेड़ पूषकः प्रश्न | जिज्ञासा । २ भविष्य करना । पृत् (स्त्री० ) सेना पृतना ( स्त्री० ) १ सेना २ सैन्यद, जिसमें २४३ हायी, २४३ रथ, ७२२ घोड़े और १२१२ पैद सिपाही होते हैं। २ सुटयुद्ध लड़ाई- साहः (पु० ) इन्द्र का नामान्तर पृथ् ( धा० उभव० ) [ पयति, पर्थयते ] बढ़ना। २ फैलना । ३ भेजना। 2 1 पृथक् (अन्य ) 1 अलग अलग एकाकी धकेला । २ भिन्न | जुदा-मात्मता, (खी० ) १ विरक्ति : वैराग्य २ भेद अन्तर निर्णय या फैसला /-आत्मन्, (वि० ) भिन | अलहदा । जुदा थात्मिका, (स्त्री०) व्यक्ति व्यक्तिगत अस्तित्व 1-करां, (न०) किया, (श्री० ) अलग करने का काम /-फूल, (वि०) उदे खून- दान का क्षेत्रः, (पु०) ( बहु०) वे लड़के जो एक पिता; किन्तु भिन्न माताओं अथवा मिन भिन्न सं० श० को०
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