प्रवृद्ध झुकाव ६ चालचलन 5 व्यवहार चलन । प्रचलन कामधंधा ६ उद्योग | १० भाव । थर्थ 4 | मतलब | ११ सातत्य | अविच्छिता | स्थायित्व | १२ सौंसारिक विषयों में अनुरक्ति । ३३ वार्ता । वृसान्त । हाल | यात १४ किसी नियम का किसी विषय में लागू होना १२ मारग्ध | भाग्य | दनवीर | १६ दोष | १७ हाथी उज्जयिनी पुरी का नाम ज्ञः ( 5०) का मद 3 चरस ७ व्यापार | k भेदिया जासूस प्रवृद्ध ( १० कृ० ) १ पूरा बड़ा हुआ। २ बृद्धियुक्त फैला हुआ। बिस्तारित ३ पूर्ख अहंकारी अभिमानी २ उम्र । लंबा । दीर्घ प्रवृद्धिः (स्त्री०) उन्नति । बढ़ती समृद्धि | उशयन प्रवेक (वि० ) श्रेष्ठ | मुख्य सर्वोत्कृष्ट २ जलप्रवाह या नदी की धार भवेतृ ( पु० ) रथवान। सारथी । गहरा ४ प्रचण्ड ६ २ उत्थान | प्रशस्वन् लयी न गयी हो ) परिचय पारस्परिक वार्तालाप द्वारा देता है। 1 प्रवेशनं ( न० ) प्रवेशद्वार पैठारी २ भीतर गमन | ३ सिंहहार | ४ मैथुन | स्त्रीयन | प्रवेणित (व० ० / परिचय कराया हुआ। भीतर लाया हुआ । श्वे: ( पु० ) १ बाँद २ पहुँचा | ३ हाथी की पीठ का यह मांसल भाग यहाँ लोग बैठते है | ४ हाथी के मसूड़े । २ हाथी की कुल व्यक्त ( व० कृ० ) स्पष्ट साफ | प्रव्यक्तिः ( स्त्री० ) प्रकटन । प्राकव्य । प्रव्याहारः ( पु० ) वार्तालाप की वृद्धि | प्रजनं ( ० ) १ विदेशगमन | २ निर्वासन घर बार छोड़ संन्यास लेना | प्रकट | मनजित ( ० ० ) घर छोड़ने वाला विदेश गया हुआ। प्रवजितं ( न० ) संन्यासी का जीवन । प्रवतिः ( पु० ) १ संन्यासी गृहत्यागी २ बौद्ध भिक्षुक का शिष्य प्रवेगः (पु० ) वहा वेग प्रवेदः (पु०) जौ । प्रवेणिः ) ( श्री० ) १ बालों का जूड़ा । २ हाथी की | प्रवज्या ( स्त्री० ) १ विदेशगमन २ भ्रमण | मे प्रवेणी फूल ४ रंगीन ऊनी कपड़े का थान । संन्यास | श्रम | प्रवेदनं ( न० ) प्रकट करना प्रकटन घोषणा | प्रवेषः प्रवेषकः ( पु० ) प्रवेषथुः प्रवेश्नम् ( स० ) }(0)} धरना। कैंपकपी । प्रवेरित ( वि० ) इधर उधर पटका हुआ था फैका हुआ। प्रवेलः ( पु० ) सोना मूँग प्रवेशः (g०) १ द्वार | अन्तर्निवेश | २ पैठारी | घुसना || ३ रंगमंच का प्रवेशद्वार ४ घर का प्रवेशद्वार | १ आमदनी । मालगुज़ारी ६ किसी कार्य में संलग्नता। प्रवेशकः ( पु० ) प्रवेश करने वाला २ नाटक के अभिनय में वह स्थल जहाँ कोई अभिनय करने वाला दो अंकों के बीच की घटना का ( जो दिख 1 प्रवध्यावसितः ( पु० ) वह पुरुष जिसने संन्यासाश्रम महा कर उसे त्याग दिया हो। प्रश्नः ( पु० ) लकड़ी काटने का चाकू विशेष । ( पु० ) ) संन्यासी | प्राज: (पु० ) ) प्रवाज प्रधाजनं (न० ) निर्वासन घर छुदा बन में भेजना। प्रशंसनं ( न० ) प्रशंसा छाषा सराहना | तारीफ प्रशंसा ( श्री०) गुणवर्णन स्तुति बड़ाई साधा मुखर, (वि० ) जोर शोर से मशंसा करने वाला । प्रशंसित (व० कृ० ) सराहा हुआ | तारीफ किया प्रशंसोपमा ( स्त्री० ) उपमा अलंकार का एक भेद । इसमें उपमेय की विशेष प्रशंसा करके उपमान की प्रशंसा व्यक्त की जाती है। प्रशंस्य (वि० ) प्रशंसनीय प्रशंसा करने योग्य | प्रशस्वन् ( पु० ) समुद्र ।
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